कई बार आपने देखा होगा कि लोग काम करते वक्त या टहलते समय गुनगुनाते हैं। गुनगुनाने के दौरान लोग मुस्कुराते या पुरानी यादों को ताजा करते हैं। इससे आपके मन में खुशी मिलती है और काम करने में मन भी लगता है। कई लोग लैपटॉप पर काम करते हुए भी गाना गुनगुनाते हैं। इसे हमिंग मेडिटेशन कहते हैं। इससे दिमाग को काफी शांति मिलती है और तनाव भी कम कर सकते हैं। सुबह की वॉक के दौरान हमिंग मेडिटेशन करने से आप तरोताजा अनुभव करते हैं और दिनभर आपका काम अच्छे से होता है और रात को दिन भी अच्छे से आती है।
हमिंग मेडिटेशन क्या है?
हमिंग मेडिटेशन ध्यान लगाने का एक सरल उपाय है। जब आप गुनगुनाते हैं तो आपका शरीर कंपन करना शुरू कर देता है, खासकर आपके मस्तिष्क की कोशिकाएं कंपन करने लगती हैं। इस प्रकार पूरा मस्तिष्क तनावमुक्त अनुभव करता है। जब आप हमिंग मेडिटेशन करते हैं, तो आपका शरीर और मन सामंजस्य में होता है और इससे शांति और आनंद का अनुभव होता है। दरअसल जागरुकता के साथ गुनगुनाने से शरीर में, विशेष रूप से मस्तिष्क में रासायनिक परिवर्तन होते हैं, तो बहुत सारी ऊर्जा की संचित होती है और इसलिए जब आप गुनगुनाते हैं तो आप कभी भी थकान या थकावट महसूस नहीं करते हैं।
Image credit- Freepik
टॉप स्टोरीज़
हमिंग मेडिटेशन के फायदे
1. हमिंग मेडिटेशन से तनाव में कमी आती है। साथ ही मन और शरीर को आराम मिलता है।
2. इससे इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद मिलती है और बीमारियों का खतरा भी कम होता है।
3. हमिंग मेडिटेशन से लो ब्लड प्रेशर और हार्ट हेल्थ सही रखने में मदद मिलती है।
4. इसके अलावा बेहतर एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ाने में भी काफी कारगर है।
5. शरीर में उच्च तनाव वाले हार्मोन को कंट्रोल करता है।
6. इससे आपकी क्रिएटिविटी बढ़ती है और सम्रग स्वास्थ्य में सुधार होता है।
7. बेहतर नींद आती है और बेचैनी कम होती है।
इसे भी पढ़ें- स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है 'वॉकिंग मेडिटेशन', जानें इससे मिलने वाले फायदे और सही तरीका
Image credit- Freepik
हमिंग मेडिटेशन का अभ्यास कैसे करें?
1. सबसे पहले किसी शांत जगह पर अपनी रीढ़ और गर्दन को सीधा करके आराम से बैठ जाएं।
2. आप चाहे तो कुर्सी पर भी बैठ सकते हैं।
3. अपनी आंखें बंद करें और कुछ गहरी धीमी सांसें लें।
4. फिर अपने होठों को बंद कर लें और गहरी सांस अंदर लें और धीरे-धीरे गुनगुनाते हुए अपनी नाक से धीरे-धीरे सांस छोड़ना शुरू करें। सांस छोड़ते हुए अंत तक गुनगुनाते रहें।
5. साँस छोड़ने के पूरा होने पर, फिर से एक गहरी साँस लें और ज़ोर से गुनगुनाते हुए साँस छोड़ना जारी रखें।
6. इसे पूरी जागरूकता के साथ करें।
7. आप अपने गुनगुनाने के स्वर या पिच को बदल सकते हैं।
8. इसे आप 1 मिनट के लिए कर सकते हैं। आप इसे ज्यादा समय के लिए भी कर सकते हैं।
हमिंग मेडिटेशन करने के बाद कुछ देर तक शांत या मौन होकर बैठें। इसके बाद आपके शरीर और मस्तिष्क में हो रहे परिवर्तन का अनुभव करें। इससे आपके मेंटल हेल्थ में भी इजाफा होता है। इससे आप सुबह या शाम में भी कर सकते हैं। ध्यान रहे कि इसे खाने के तुरंत बाद न करें वरना आपको ध्यान केंद्रित करने में परेशानी आ सकती है। साथ ही बहुत शोर वाली जगह पर भी हमिंग मेडिटेशन न करें। इससे आप काम के वक्त या ऑफिस से लौटते हुए भी कर सकते हैं।
Main Image credit- Freepik