खान-पान में अनियमितता मोटापे की सबसे बड़ी वजह है, जिससे अधिकतर लोग परेशान हैं। वजन घटाने के लिए लोग तमाम तरह की तरकीब अपनाते हैं, मगर बॉडी पर कोई खास असर नहीं दिखता है। वजन तो बढ़ जाता है लेकिन उसे कम कर पाना मुश्किल होता है। अगर आप अपने वजन को लेकर गंभीर हैं तो सर्जरी का भी सहारा ले सकते हैं। इसके लिए बेरिएट्रिक सर्जरी को कारगर माना जाता है। इस प्रकार की सर्जरी की मदद एक्टर, एक्ट्रेस भी लेते हैं, हालांकि यह सर्जरी ऐसे लोगों के लिए है जिनका वजन उनकी लंबाई से 30 से 40 किलो ज्यादा है।
क्या है बेरिएट्रिक सर्जरी
बेरिएट्रिक सर्जरी में आमाशय के 80 प्रतिशत भाग को काटकर अलग कर दिया जाता है। इस सर्जरी से 6 महीने के अंदर लगभग 60 किलो तक वजन घट जाता है। सर्जरी के दौरान शरीर में पेट के आसपास की अतिरिक्त चर्बी और शरीर की लचीली त्वचा के आसपास की चर्बी जैसे जांघों के आसपास की चर्बी सभी को निकाल दिया जाता है। बेरिएट्रिक सर्जरी को कॉस्मेटिक सर्जरी का भी एक भाग माना जाता है क्योंकि इस सर्जरी के बाद आप सुडौल और खूबसूरत हो जाते हैं। वेट लॉस सर्जरी के बाद व्यक्ति को पूरी गाइडलाइन की जरूरत होती है जिससे होने वाले किसी भी साइड इफेक्ट से उसे बचाया जा सकें।
बेरिएट्रिक सर्जरी की प्रक्रिया
इस सर्जरी को करने के लिए लेप्रोस्कोपिक विधि अपनाई जाती है। पहले पूरा पेट खोल कर सर्जरी की जाती थी, जिसमें टांके आते थे, पर अब पेट पर चार या पांच कट लगा दिए जाते हैं, जिसमें तीन 1-1 सेंटीमीटर के व एक या दो कट 5-5 मिलीमीटर के। आजकल तो डाक्टर एक कट द्वारा भी सर्जरी करते हैं। यह सर्जरी मुख्यत: तीन प्रकार से की जाती है-
1. माल एब्जॉर्वटिव विधि
2. रेस्ट्रिक्टिव विधि
3. गैस्ट्रिक बाईपास विधि
इसे भी पढ़ें: वजन कम करना है तो इस तरह से पकाकर खाएं मशरूम
ऑपरेशन के बाद होने वाली समस्याएं
- कुछ लोगों में किसी प्रकार की जटिलता देखने को नहीं मिलती और कुछ में कई तरह की जटिलताएं आती हैं। जैसे आयरन, कैल्शियम, विटामिन डी, विटामिन बी कॉम्पलेक्स, प्रोटीन और फॉलिक एसिड की कमी।
- फॉलिक एसिड, आयरन तथा विटामिन की कमी से खून की कमी, ऑस्टियोपोरोसिस तथा हड्डी की बीमारी हो सकती है, जिसकी आपूर्ति बाहर से कर देने पर यह शिकायत दूर हो जाती है।
इसे भी पढ़ें: जिम से नहीं बल्कि इन 5 फूड से कम करें पेट की चर्बी
- गैस्ट्रिक बाईपास विधि से सर्जरी कराने वाले जो लोग मीठे भोज्य पदार्थ, फ्रूट जूस, आदि का ज्यादा सेवन करते हैं, उनमें पेट दर्द, मितली, डायरिया, सिरदर्द, अत्यधिक पसीना आना जैसी समस्याएं होती हैं। उन्हें मीठे से परहेज करना व ताजे फल, हरी सब्जियों व दूध से बने पदार्थ का संतुलित सेवन करने को कहा जाता है।
- वे सभी सर्जरियां जिनमें तेजी से वजन की कमी होती है, उनमें पित्त की थैली में पथरी होने की आशंका रहती है। ऐसे में पित्त को पतला करने की दवा दी जाती है। यदि किसी कारणवश पथरी हो जाती है तो उसे ऑपरेशन कर निकाल दिया जाता है।
- कई सर्जन पथरी होने की आशंका को देखते हुए बेरिएट्रिक सर्जरी के दौरान पित्त की थैली भी निकाल देते हैं। चाहे जो भी हो बेरिएट्रिक सर्जरी वाले मरीज को अपने चिकित्सक की निगरानी में रहने की जरूरत पड़ती है।
ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप
Read More Articles On Weight Loss In Hindi