
Baisakhi 2023 Traditional Dishes In Hindi: बैसाखी का त्यौहार 14 अप्रैल, 2023 को मनाया जाएगा है। इस दिन को सिख नव वर्ष की शुरुआत भी मानते हैं। देशभर में लोग बैसाखी को बड़ी धूमधाम और उत्साह के साथ मनाते हैं। यह त्यौहार रबी फसलों की कटाई का प्रतीक है। इसे असम में 'बोहाग बिहू', केरल में 'विशु' और बंगाल में 'पोइला बैसाख' के नाम से भी जानते हैं। पंजाब में लोग बैसाखी पर पीले और नारंगी रंग के कपड़े पहनते हैं और खुशी के इजहार में भांगड़ा करते हैं। यह बात तो सब जानते हैं कि पंजाबी खाने-पीने के कितने शौकीन होते हैं। बैसाखी के खास मौके पर पंजाबी घरों में कई तरह के पारंपरिक व्यंजन तैयार किए जाते हैं। सबसे खास बात यह है कि ये खाने में स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहत को भी कई लाभ पहुंचाते हैं। आज इस लेख में हम आपको बैसाखी पर बनाई जाने वाली कुछ ट्रेडिशनल डिशेज की रेसिपी और उनके फायदे बता रहे हैं -
बैसाखी पर जरूर ट्राई करें ये 3 हेल्दी रेसिपीज - Baisakhi 2023 Traditional Dishes And Their Health Benefits In Hindi
मीठे चावल
बैसाखी के त्यौहार पर पंजाबी घरों में मीठे चावल जरूर बनाए जाते हैं। कई जगहों पर इन्हें पीले चावल या केसरी चावल के नाम से भी जाना जाता है। मीठे चावल बनाने के लिए सफेद चावल को चीनी और सूखे मेवों के साथ पकाया जाता है। इसका स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें इलायची, दालचीनी, लौंग और केसर जैसे मसाले भी डाले जाते हैं। मीठे चावल खाने में जितने टेस्टी होते हैं, उतने ही हेल्दी भी होते हैं। इसमें विटामिन, प्रोटीन, ओमेगा 3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इन्हें खाने से इम्यूनिटी बूस्ट होती है और कई तरह की बीमारियों से बचाव होता है। इसे खाने से शरीर को एनर्जी भी मिलती है।
सरसों का साग और मक्के की रोटी
बात पंजाबी भोजन के बारे में हो और सरसों का साग का नाम न आए, ऐसा हो ही नहीं सकता है। बैसाखी के मौके पर सरसों का साग और मक्के की रोटी बनाई जाती है। ये दोनों ही चीजें सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती हैं। सरसों के साग मेंविटामिन बी 6, विटामिन सी, विटामिन के, फाइबर, प्रोटीन, कैल्शियम, मैंगनीज और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। वहीं, मक्के की रोटी में भरपूर मात्रा में विटामिन, फाइबर और बीटा-कैरोटिन आदि तत्व पाए जाते हैं। सरसों का साग और मक्के की रोटी खाने से इम्यूनिटी मजबूत होती है और शरीर को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। इसे खाने से पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है, हड्डियां मजबूत होती हैं और ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल होता है।
सरसों का साग बनाने के लिए सरसों, पालक और बथुआ को धोकर काट लें। अब इन तीनों चीजों को प्रेशर कुकर में डालें। इसमें अदरक, लहसुन की कालियां और हरी मिर्च डालकर 6-7 मिनट के लिए ढंककर पकाएं। जब पक जाए, तो इसमें मक्के का आटा डालकर अच्छी तरह ब्लेंड कर लें। अब एक पैन में घिर डालकर इसमें कटी हुई प्याज डालें और लाइट ब्राउन होने तक भूने। अब इसमें पका हुआ साग डालें और 20-25 मिनट तक इसे पकने दें। बीच-बीच में चलाते रहें। उसके बाद गरमागरम सरसों के साग को मक्के की रोटी और घी के साथ सर्व करें।
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गन्ने की खीर
बैसाखी पर गन्ने की खीर बनाने का बड़ा महत्व है। कई घरों में इसे प्रसाद के तौर पर भी बनाया जाता है। कई लोग भोजन के बाद गन्ने की खीर को डेजर्ट के रूप में खाना पसंद करते हैं। गन्ने की खीर में कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और एंटीऑक्सीडेंट जैसे गुण पाए जाते हैं, जो शरीर को कई लाभ पहुंचाते हैं। इसमें कार्बोहाइड्रेट भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो एनर्जी लेवल को बूस्ट करने में मदद करता है। गन्ने की खीर खाने से पाचन संबंधी समस्याओं से बचाव होता है। यह लिवर और हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए भी काफी फायदेमंद मानी जाती है।
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गन्ने की खीर बनाने के लिए एक पैन में एक लीटर गन्ने का रस डालकर उबाल लें। इसमें आधी कटोरी भीगे हुए चावल डालें और धीमी आंच पर पकाएं। जब चावल उबल जाएं, तो इसमें कटे हुए सूखे मेवे डालें और इलायची पाउडर डालें। गाढ़ा होने तक चलाते हुए पकाएं और गैस बंद कर दें। गर्मागर्म गन्ने की खीर का आंनद लें।