क्यों होता है बैक्टीरियल वेजिनोसिस (बीवी) और क्या हैं इसके लक्षण और कारण

महिलाओं को वजाइना के हिस्से में होने वाला इंफेक्शन 'बैक्टीरियल वेजिनोसिस' के बारे में जानें विस्तार से और इससे बचाव के लिए तरीके जानें।
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क्यों होता है बैक्टीरियल वेजिनोसिस (बीवी) और क्या हैं इसके लक्षण और कारण

बैक्टीरियल वेजिनोसिस (Bacterial Vaginosis) एक कॉमन वैजिनल इन्फेक्शन है जो कि 15 से 44 वर्ष की महिलाओं में या फिर अधिकतर प्रेगनेंट महिलाओं में देखने को मिलता है। दरअसल महिलाओं की योनि में स्वाभाविक रूप से विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया होते हैं। शरीर इन विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया के बीच सही संतुलन बनाए रखने के लिए काम करता है। लेकिन कभी-कभी संतुलन बिगड़ जाता है, जिसके परिणामस्वरूप बैक्टीरियल वेजिनोसिस (Bacterial Vaginosis) होता है। यह एक बहुत ही सामान्य स्थिति है, लेकिन यदि ध्यान नहीं किया जाये, तो यह काफी परेशानियों का कारण बन सकता है और यौन संचारित संक्रमणों (एसटीआई) से आपके लिए रिस्क को बढ़ा सकता है। आइए जानते हैं इस बैक्टीरियल वेजिनोसिस (Bacterial Vaginosis) के लक्षणों और संकेतों के बारे में।

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बैक्टीरियल वेजिनोसिस के लक्षण (Symptoms of Bacterial Vaginosis)

कुछ महिलाओं को बैक्टीरियल वेजिनोसिस (Bacterial Vaginosis) इंफेक्शन के कोई लक्षण देखने को नहीं मिलते हैं तो कुछ को निम्न लक्षण देखने को मिलते हैं।

  • एक पतला, सफेद या हरे रंग का वेजिनल डिस्चार्ज।
  • मुख्यतः सेक्शुअल कॉन्टैक्ट के बाद बहुत स्ट्रॉन्ग और बुरी बदबू आना।
  • वेजाइना में खुजली होना या बहुत इरीटेशन होना।
  • पेशाब करते समय थोड़ी जलन होना।

बैक्टीरियल वेजिनोसिस के कारण और रिस्क फैक्टर (Causes For Bacterial Vaginosis)

बैक्टीरियल वेजिनोसिस (Bacterial Vaginosis) इंफेक्शन तब होता है जब वेजाइना के अंदर अच्छे और बुरे बैक्टीरिया का असंतुलन हो जाता है। गार्डेनेराला नामक बैक्टीरिया इस इंफेक्शन का मुख्य कारण होता है। अगर आपके शरीर के अंदर इस बैक्टीरिया की ग्रोथ अधिक बढ़ जाती है और अच्छे बैक्टीरिया की कमी हो जाती है। तभी आपको यह इंफेक्शन देखने को मिलता है। इससे आपकी वेजाइना का pH बैलेंस बदल जाता है। इसका अर्थ है कि अगर आप डिओड्रेंट आदि का प्रयोग करते हैं तो भी आपको यह इंफेक्शन हो सकता है। कुछ शोध के अनुसार बैक्टीरियल वेजिनोसिस (Bacterial Vaginosis) इंफेक्शन उन महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलता है जो ज्यादा शराब का सेवन या धूम्रपान करती हैं और नॉन वेज डाइट लेती हैं। कुछ शोध ये भी बताते हैं कि यह इंफेक्शन मोटी महिलाओं में पतली महिलाओं के मुकाबले अधिक कॉमन है। किसी नए सेक्स पार्टनर के होने या एक से अधिक सेक्स पार्टनर के होने पर भी यह इंफेक्शन हो सकता है।

बैक्टीरियल वेजिनोसिस और सेक्शुअल एक्टिविटीज (Sexual Activities During BV)

वैसे तो बैक्टीरियल वेजिनोसिस (Bacterial Vaginosis) इंफेक्शन महिला अपने पुरुष पार्टनर को नहीं दे सकती लेकिन सेक्शुअल कॉन्टैक्ट के समय परेशानी हो सकती है। इसलिए जब वजाइना का ph लेवल रिसेट हो रहा हो तब किसी भी ऐसी गतिविधि से बचना चाहिए।

बैक्टीरियल वेजिनोसिस का उपचार (Treatment for Bacterial Vaginosis)

कई बार दवाइयों के लेने से यह इंफेक्शन तुरंत ठीक हो जाता है तो कई बार यह तीन महीने के अंदर दोबारा भी हो जाता है। अगर किसी को बार बार यह इंफेक्शन होता रहता है तो उसे लंबे समय तक एंटीबायोटिक लेने की आवश्यकता होती है। यदि बैक्टीरियल वेजिनोसिस (Bacterial Vaginosis) की समस्या है तो याद रखें यह अपने आप ही ठीक नहीं होती और समय पर इलाज नहीं करवाने से एचआईवी, क्लैमाइडिया, या गोनोरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है और यदि आप गर्भवती हैं तो मिसकैरेज की संभावना या फिर अगर आप गर्भवती महिला हैं तो आपको इसके कारण कम वजन का बच्चा होने का रिस्क हो सकता है।

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इंफेक्शन की रोकथाम

कुछ ऐसे निम्न तरीके हैं जिनसे आपका रिस्क कम हो सकता है।

  • सबसे पहले आपको अपनी वेजाइना को गर्म पानी से साफ करना चाहिए ताकि उसमें बैक्टीरिया की मात्रा कम हो सके।
  • साबुन का कम प्रयोग करें।
  • जब आप वॉशरूम का प्रयोग करें तो केवल फ्रंट से बैक की ओर ही वाइप करें।
  • कॉटन से बने पैंटी का ही प्रयोग करें। वेजिनल डिओड्रेंट्स का प्रयोग बिल्कुल भी न करें।
  • सेक्स केवल एक ही पार्टनर के साथ करें और वह भी सुरक्षा या कंडोम का प्रयोग करके।
  • अगर आप इस इंफेक्शन का इलाज नहीं करवाती हैं तो इससे आपको सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज का खतरा बढ़  सकता है।

वैसे तो बैक्टीरियल वेजिनोसिस (Bacterial Vaginosis) इंफेक्शन कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है लेकिन अगर आपको यह बार बार देखने को मिल रहा है तो आपको कुछ उपचार की आवश्यकता है। आपको कुछ लाइफस्टाइल बदलावों की भी जरूरत है जैसे शराब का सेवन कम करें और धूम्रपान आदि को छोड़ दें। अपना वजन भी मेंटेन करके रखें।

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