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आयुर्वेद में पित्ताशय की पथरी का इलाज कैसे किया जाता है? आयुर्वेदाचार्य से जानें बिना ऑपरेशन इसका इलाज

Ayurvedic Treatment For Gallbladder Stone: आयुर्वेद की मदद से आप पित्ताशय की पथरी का इलाज कैसे कर सकते हैं, इस लेख में एक्सपर्ट से जानें..
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आयुर्वेद में पित्ताशय की पथरी का इलाज कैसे किया जाता है? आयुर्वेदाचार्य से जानें बिना ऑपरेशन इसका इलाज

Ayurvedic Treatment For Gallbladder Stone: पित्त या पित्ताशय में पथरी की समस्या से परेशान लोगों के साथ हम अक्सर देखते हैं कि जब वे डॉक्टर के पास जाते हैं, तो उनके एलोपैथी चिकित्सा में इसका एक मात्र इलाज सर्जरी है, जिसमें ऑपरेशन की मदद से पूरे पित्ताश्य को ही बाहर निकाल दिया जाता है। पित्ताशय हमारे लिवर के पास स्थित होता है, यह भोजन के बेहतर पाचन और डाइजेशन को दुरुस्त रखने के लिए बहुत जरूरी रस रिलीज करता है। इसके अलावा, भी इसके शरीर में कई महत्वपूर्ण कार्य हैं। लेकिन अक्सर लोगों पित्त की थैली में पथरी से परेशान लोग ऑपरेशन कराने से काफी कतराते हैं, वे अक्सर डॉक्टर से यह सवाल भी पूछते हैं कि क्या वे पित्ताशय को निकलवाए बिना पथरी और इसके दर्द से राहत नहीं पा सकते हैं? क्या इसके लिए सर्जरी ही एकमात्र और आखिरी विकल्प है? आपको जानकर खुशी हो सकती है कि आयुर्वेदिक उपचार की मदद से आप काफी हद तक सामान्य जीवन जी सकते हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. रेखा राधामोनी (BAMS Ayurveda) ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में पित्ताशय की पथरी का इलाज कैसे किया जाता है, इसके बारे में विस्तार से बताया है। इस लेख में आप भी जानें....

Ayurvedic Treatment For Gallbladder Stone In Hindi

पित्त की पथरी का आयुर्वेदिक इलाज- Ayurvedic Treatment For Gallbladder Stone In Hindi

डॉ. रेखा के अनुसार,"बहुत से लोग पित्त की पथरी के इलाज के लिए अन्य विकल्पों के बारे में नहीं जानते हैं। वे सोचते हैं कि सर्जरी ही एकमात्र समाधान है। सर्जरी के माध्यम से पथरी निकालने के लिए भी उन्हें पहले यह सलाह दी जाती है कि वे सर्जरी से पहले पथरी के बड़े होने का इंतजार करें। अधिकांश लोगों को यह एहसास नहीं है कि डाइट में कुछ छोटे बदलाव, दिनचर्या और हल्की जड़ी-बूटियों के साथ वे कोलेलिथियसिस जैसी स्थितियों को प्रभावी ढंग से मैनेज कर सकते हैं और एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार पित्ताशय पाचन के लिए सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। आपने सुना होगा कि आप पित्ताशय के बिना भी जीवित रह सकते हैं। यह सही है कि आप पित्ताशय के बिना रह सकते हैं, लेकिन ऐसा होने पर आपको जीवनभर पाचन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।"

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डॉ. रेखा आगे बताती हैं "मेरे पास पित्ताशय निकलवाने के लिए आने वाले 90% से अधिक रोगियों को पाचन संबंधी समस्याएं होती हैं। इसलिए यदि आपको पित्त पथरी का पता चला है, तो इसके इतना बड़ा होने का इंतजार न करें कि सर्जरी ही आपके लिए एकमात्र विकल्प हो। 3 महीने के आयुर्वेदिक उपचार से हम पित्त पथरी के आकार को छोटा कर सकते हैं। अगर आप ऐसे व्यक्ति हैं जिसका पित्ताशय पहले ही निकल चुका है, तो अपने आहार में सभी प्रकार के पित्त बढ़ाने वाले फूड्स को कम कर दें। इसलिए यदि आपके पास कोई विकल्प है, तो अपना पित्ताशय न निकालें। आयुर्वेद इसे पित्ताशय कहता है, पित्त का आसन। आप जानते हैं कि पित्त शरीर के लिए कितना महत्वपूर्ण है। आयुर्वेदिक उपचार की मदद से आप आसानी से पित्ताशय की पथरी के साथ स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।

All Image Source: freepik

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