हम में से अधिकांश लोगों को चाहे हम इस बात को स्‍वीकार करें या नहीं, बढ़ती उम्र के साथ आने वाले स्‍वास्‍थ्‍य जोखिम का डर सताता रहता है। अगर आपके आस-पास भी 50 साल की उम्र के लोग रहते हैं, तो आपको उम्र के साथ आने वाली स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं से अच्‍छी तरह से परिचित होना चाहिए। 

"/>

इन 2 आयुर्वेदिक तरीको से पाएं मोतियाबिंद से छुटकारा, बढ़ेगी आंखों की रोशनी

हम में से अधिकांश लोगों को चाहे हम इस बात को स्‍वीकार करें या नहीं, बढ़ती उम्र के साथ आने वाले स्‍वास्‍थ्‍य जोखिम का डर सताता रहता है। अगर आपके आस-पास भी 50 साल की उम्र के लोग रहते हैं, तो आपको उम

Atul Modi
Written by: Atul ModiUpdated at: Jan 16, 2019 18:31 IST
इन 2 आयुर्वेदिक तरीको से पाएं मोतियाबिंद से छुटकारा, बढ़ेगी आंखों की रोशनी

3rd Edition of HealthCare Heroes Awards 2023

हम में से अधिकांश लोगों को चाहे हम इस बात को स्‍वीकार करें या नहीं, बढ़ती उम्र के साथ आने वाले स्‍वास्‍थ्‍य जोखिम का डर सताता रहता है। अगर आपके आस-पास भी 50 साल की उम्र के लोग रहते हैं, तो आपको उम्र के साथ आने वाली स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं से अच्‍छी तरह से परिचित होना चाहिए। उम्र के साथ, हमारे शरीर की कोशिकाएं कमजोर होने लगती है और उनके नवीनीकरण की क्षमता भी धीरे-धीरे कम हो जाती है, इनके चलते अंग कमजोर होने लगते हैं। हालांकि उम्र से संबंधित बीमारियां और विकार बहुत अधिक संख्‍या में हैं, लेकिन अल्‍जाइमर रोग, डायबिटीज, अर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस, मोतियाबिंद आदि बहुत ही आम है।

 

मोतियाबिंद की समस्‍या  

मोतियाबिंद एक ऐसी समस्‍या है, जो व्‍यक्ति की आंखों को प्रभावित और दृष्टि को बाधित करती है। आंखों के लेंस पर प्रोटीन का निर्माण और दृष्टि धुंधली हो जाने पर मोतियाबिंद विकसित होता है। मोतियाबिंद की समस्‍या आमतौर पर 65 वर्ष की आयु से ऊपर के लोगों में पाई जाती है। हालांकि, दुर्लभ मामलों में, मोतियाबिंद शिशुओं में हो सकता है, अगर वह आंख दोष के साथ पैदा होते हैं और इस अवस्‍था को जन्‍मजात मोतियाबिंद के रूप में जाना जाता है। आमतौर पर, मोतियाबिंद को हटाने के लिए शल्‍य चिकित्‍सा की जरूरत होती है लेकिन यह 100 प्रतिशत सफल नहीं होता।

मोतियाबिंद के लिए अजमोद   

अगर मोतियाबिंद के विकास को कम करने के लिए प्राकृतिक उपायों की खोज कर रहे हैं तो अजमोद हर्ब बहुत ही कारगर साबित हो सकता है। अजमोद पत्तियों में विटामिन ‘ए’ बहुत अधिक मात्रा में मौजूद होता है और यह वह विटामिन है जो आंखों को स्‍वस्‍थ रखने के लिए जरूरी होता है। यह प्राकृतिक उपचार कैरोटेनॉयड्स जैसे लुटीन और जिएक्सेन्थिन से भरपूर होता है, इसलिए यह मोतियाबिंद के विकास की संभावना को कम करने में मदद करता है। और अगर आपको मोतियाबिंद है, तो यह तो से समस्‍या के उपचार में मदद करता है। इसके अलावा, अजमोद के पत्ते आंखों को नमी प्रदान कर, आंखों की ड्राईनेस से राहत देने वाले हर्ब के रूप में जाना जाता है। आइए जानें मोतियाबिंद के विकास को कम करने के लिए अजमोद को प्रभावी ढंग से कैसे इस्‍तेमाल किया जा सकता है।

आवश्यक सामग्री:

अजमोद पत्तियां: 6-7

शहद: 2 चम्मच

इसे भी पढ़ें: अस्‍थमा के लिए आयुर्वेदिक औ‍षधि है भांग के पत्‍ते, दूर होती है सांस फूलने की समस्‍या!

उपचार बनाने और उपयोग की विधि

  • अजमोद के पत्‍तों को अच्‍छी तरह से धो लें।
  • फिर इसे ब्‍लेंडर में पानी के साथ पीसकर इसका जूस निकाल लें।
  • अब जूस को एक कप में निकालकर इसमें 2 चम्‍मच शहद मिला लें।
  • आपका स्वास्थ्य पेय पीने के लिए तैयार है।
  • आप इस जूस के 1 गिलास को नियमित रूप से रात को खाने से पहले खाली पेट लें।
  • इस उपाय को नियमित रूप से लेने से आपको कुछ ही दिनों में फायदा नजर आने लगेगा।

अन्‍य घरेलू उपचार 

  • सौंफ और धनिया को समान मात्रा में लेकर उसमें भूरी शक्कर मिलाएं। इसे 10-10 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने से लाभ होता है। 
  • 6 बादाम और 7 कालीमिर्च को पीसकर पानी मिलाकर छलनी से छान लें। उसमें मिश्री मिलाकर पीने से लाभ होता है। 
  • 10 ग्राम गिलोय के रस में 1-1 टीस्पून सेंधा नमक व शहद मिलाकर बारीक़ पीसकर रख लें। इसे काजल की तरह आंखों में लगाएं। 
  • त्रिफला को पानी में पीसकर पेस्ट बना लें। इसे आंखों पर रखकर पट्टी बांध दें। 

ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप

Read More Articles On Ayurveda In Hindi 

Disclaimer