Ayurvedic Tips To Prevent Dryness In Winter In Hindi: सर्दियों के मौसम में शरीर में ड्राइनेस बढ़ना बहुत आम समस्या है। इसके पीछे ठंडा तापमान और इस दौरान चलने वाले ठंडी हवाएं जिम्मेदार होते हैं, जो हमारी त्वचा और बालों की नमी को छीन लेती हैं। इसलिए ज्यादातर लोगों को बाल झड़ने, स्कैल्प में ड्राईनेस, डैंड्रफ और पपड़ीदार स्कैल्प जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, त्वचा शुष्क पड़ने और फटने लगती है। इससे त्वचा डेड पड़ने लगती है और कई त्वचा संबंधी समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। लेकिन सर्दियों के मौसम में होने वाली इस ड्राइनेस की वजह से लोगों को काफी असहजता और काफी परेशानी भी महसूस होती है। अगर आप भी उन लोगों में से हैं जिन्हें ठंड के दौरान अपनी त्वचा को कोमल बनाए रखने के लिए संघर्ष करना पड़ता है, तो आपको चिंता करने की कोई बात नहीं है। आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. दीक्षा भावसार सवलिया (BAMS Ayurveda) ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में सर्दियों में ड्राइनेस से छुटकारा पाने के लिए कुछ आयुर्वेदिक उपाय शेयर किए हैं। इस लेख में हम आपको इनके बारे में विस्तार से बता रहे हैं....
सर्दियों में ड्राइनेस से बचने के लिए 5 आयुर्वेदिक उपाय- Ayurvedic Tips To Prevent Dryness In Winter In Hindi
1. अभ्यंग (Abhyanga)
आयुर्वेद सर्दियों के दौरान नियमित अभ्यंग (तेल मालिश) करने का सुझाव देता है। अभ्यंग से त्वचा को पोषण मिलता है। यह उम्र बढ़ने की प्रक्रिया में देरी करता है और थकान से राहत देता है। यह वात दोष (दर्द और पीड़ा) को शांत करता है, जो सर्दियों में प्रभावी होता है और त्वचा की शुष्कता का कारण बनता है।
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2. आतप-सेवन (Atapa-Sevana)
सर्दियों के दौरान सुबह की सूरज की किरणों के संपर्क में आना आपके ठंडे शरीर / त्वचा को गर्माहट देने जैसा है। आयुर्वेदिक सुझाव देता है अभ्यंग के बाद आतप-सेवन आपकी त्वचा में तेल के उचित अवशोषण में मदद करता है, जो आपकी त्वचा को शुष्क नहीं होने देता। साथ ही, यह विटामिन डी प्राप्त करने में भी मदद करता है।
3. व्यायाम (Vyayama)
व्यायाम करने के लिए सर्दी सबसे अच्छा मौसम है। सर्दियों में सभी के शरीर की अधिकतम ताकत होती है। सर्दियों के दौरान सूरज की रोशनी में अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार व्यायाम करने से आपको पूरे दिन गर्म और ऊर्जावान रहने में मदद मिलती है। व्यायाम आपके शरीर की अग्नि को एक्टिव करता है, जो आपकी त्वचा को गर्म रखता है और पाचन क्षमता को दुरुस्त रखता है, जो सर्दियों के दौरान आपके द्वारा खाए जाने वाले सभी स्वस्थ फैट को पचाने में मदद करता है, जो आपकी त्वचा को नरम और नमीयुक्त रखता है।
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4. स्नान (Snana)
आयुर्वेद सर्दियों के दौरान गुनगुने पानी (बहुत गर्म नहीं) से स्नान करने का सुझाव देता है। गर्म पानी से नहाने से आपकी त्वचा डिहाइड्रेट हो जाती है और आपकी त्वचा अधिक शुष्क हो जाती है, साथ ही फटने का खतरा होता है। इसलिए सर्दियों के दौरान गर्म पानी के बजाय गुनगुने पानी से नहाने का विकल्प चुनना सबसे अच्छा है।
5. नस्य (Nasya)
नस्य का अर्थ है नाक में औषधीय तेल डालना। यह सिरदर्द, माइग्रेन, साइनस कंजेशन, एलर्जी, नाक से खून आना, शुष्क नाक मार्ग, सफेद बाल, बालों का झड़ना, अनिद्रा आदि में मदद करता है। सोते समय दोनों नाक में A2 गाय का घी या अणु तेल/तिल का तेल की 2 बूंदें डालने से सर्दियों में अच्छी नींद आती है।
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6. पद-अभ्यंग (Pad-abhyanga)
घी, तिल / सरसों के तेल से पैरों की मालिश करें। आपके तलवों को फटने से बचाता है, आपके दिमाग और शरीर को आराम देता है और शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है।
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