Ayurveda Sleep Tips: आजकल हर कोई पैसा कमाने की होड़ में लगा है। इसका बुरा असर स्वास्थ्य पर पड़ता है। लोगों के सोने का समय कम होता जा रहा है और वर्कलोड लगातार बढ़ रहा है। इस चक्कर में डायबिटीज, हार्ट की बीमारियां और अन्य रोगों का खतरा तेजी से बढ़ा है। एक्सपर्ट्स और डॉक्टर्स ऐसा मानते हैं कि अगर आप हर दिन 7 से 8 घंटे की नींद नहीं लेंगे, तो पूरे दिन थकान व कमजोरी महसूस करेंगे। लेकिन हर किसी के लिए सुकून भरी नींद लेना संभव नहीं। दिनभर की थकान के बाद भी रात को इंसान सो नहीं पाता। इसका कारण मानसिक समस्याएं जो व्यक्ति की नींद छीन लेती हैं। अगर आप भी अनिद्रा की समस्या से परेशान हैं, तो इस लेख में हम आपको बताएंगे कुछ आयुर्वेदिक तरीके जिनकी मदद से आप सुकून भरी नींंद लेकर सो पाएंगे। आयुर्वेदिक पद्धति करोड़ों वर्ष पुरानी है और आज भी इसके तरीके असरदार माने जाते हैं। तो चलिए फिर देर कैसी, जानते हैं नींद के लिए कुछ आसान आयुर्वेदिक उपाय। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के विकास नगर में स्थित प्रांजल आयुर्वेदिक क्लीनिक के डॉ मनीष सिंह से बात की।
1. शांभवी महामुद्रा करें- Try Shambhavi Mahamudra For Better Sleep
- शांभवी महामुद्रा की मदद से तनाव कम होता है, नींद आती है और आंखें हेल्दी रहती हैं।
- ध्यान आसन में आराम से बैठ जाएं।
- रीढ़ और सिर को सीधा रखें।
- अपने हाथों को अपने घुटनों पर रखें।
- अंगूठे और पहली उंगली के ऊपरी भाग को जोड़ें और बाकी अंगुलियों को सीधा रखें।
- अपनी हथेलियों को घुटनों पर रखें।
- फिर अपनी आंखें बंद करें।
- ऊपर देखते हुए अपनी भौंहों के केंद्र पर ध्यान केंद्रित करें।
- अपनी आंखों को ऊपर उठाते हुए धीरे-धीरे सांस लें।
- सिर को हिलाना नहीं है।
- जब यह मुद्रा सही ढंग से किया जाता है, तो दो घुमावदार भौहें नाक पर एक वी-आकार की छवि बनाएंगी।
- अगर वी शेप दिखाई नहीं दे रहा है, तो समझ जाएं कि आंखें सही ढंग से फोकस नहीं कर रही हैं।
- शुरुआत में थोड़े समय के लिए ही फोकस बनाएं और अगर असुविधा महसूस हो तो इसे छोड़ दें।
- पूरी प्रक्रिया के दौरान आंखें बंद रखनी चाहिए और आराम करना चाहिए।
- जैसे ही आपका ध्यान केंद्रित हो धीरे-धीरे सांस छोड़ें।
- धीरे-धीरे मूल स्थिति में आएं और अपनी आंखें खोलें।
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2. नस्य थेरेपी लें- Nasya Therapy
नस्य थेरेपी एक आयुर्वेदिक इलाज है जिसकी मदद से सिर दर्द और अनिद्रा जैसी कई समस्याओं का इलाज किया जाता है। इस थेरेपी के मुताबिक, नस्य यानी नाक से दी जाने वाली दवा मस्तिष्क तक जाती है और रोग पैदा करने के लिए जिम्मेदार दोष को खत्म करती है। इस प्रक्रिया को करने के लिए नाक के प्रत्येक नथुने में नस्य तेल की 2-3 बूंदे डालें। सावधानी के साथ एक-एक बूंद डालें। इसके बाद एक लंबी सांस लें और कुछ मिनटों के लिए रिलैक्स करें। सांस की समस्या में इसे ट्राई न करें।
3. जीभ को साफ करें- Jivhanirlekhana or Tongue Scraping
आयुर्वेद में जीभ साफ करने की प्रक्रिया या टंग स्क्रेपिंग को मानसिक और शारीरिक सेहत के लिए लाभदायक बताया गया है। जीभ को साफ करने से जीभ पर चिपकी गंदगी हट जाती है और हमें ताजगी महसूस होती है। जीभ पर लगी गंदगी, खराब पाचन का कारण बन सकती है जिससे नींद भी प्रभावित हो सकती है इसलिए रोज जीभ और दांतों को साफ करके लेटने से आप नींद को बढ़ावा दे सकते हैं।
4. पादाभ्यंग करें- Pada-Abhyanga or Foot Massage
आयुर्वेद में पैरों का बहुत अधिक महत्व होता है और पैर की मालिश करने की विधि को पादाभ्यंग कहते हैं। पैर हमारे शरीर का जरूरी हिस्सा है। पैर में ऐसे प्रेशर प्वॉइंट्स होते हैं जो ऊर्जा के केंद्र होते हैं। अगर आप सुकून भरी नींद लेना चाहते हैं, तो तेल से पैरों की मालिश करें, इससे आराम मिलेगा और आप सो सकेंगे।
5. सूर्य उगने की दिशा में सोना लाभदायक- Sleep in Sunrise Direction
आयुर्वेदिक शास्त्र यह कहता है कि अगर आप पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध यानी नॉर्थन हेमिस्फियर (Northern Hemisphere) में रहते हैं, तो आपको ईयर (East) यानी पूर्व की ओर सिर करके सोना चाहिए। इस डायरेक्शन में सूरज उगता है। इससे आपको सुकून भरी नींद आएगी। उत्तर यानी नॉर्थ (North) की ओर सिर करके सोने से बचना चाहिए। ऐसा करने से दिमाग पर पृथ्वी की चुंबकीय शक्ति का जोर पड़ता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन बिगड़ता है और आपको सोने में अड़चन महसूस हो सकती है।
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image credit: ecovillage.org.in