Herb To Cure Shortness Of Breath: सांस लेने में दिक्कत, परेशानी और अन्य सांस संबंधी समस्याएं इन दिनों लोगों में बहुत आम है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इन दिनों हम जब भी घर से बाहर निकलते हैं, तो हम प्रदूषण और दूषित हवा के बीच सांस लेते हैं। जब ऐसा होता है, तो हवा में मौजूद धूल-मिट्टी, हानिकारक कण सांस के रास्ते हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हमारे फेफड़े होते हैं। इसके कारण फेफड़ों में इन्फेक्शन की समस्या बढ़ जाती है और उनका कार्य प्रभावित होता है। जब हमारे फेफड़े ठीक से काम नहीं करते हैं, या स्वस्थ नहीं रहते हैं तो ऐसे में हम जो ऑक्सीजन लेते हैं वे उसे फिल्टर नहीं कर पाते हैं, साथ ही पर्याप्त ऑक्सीजन भी पंप नहीं करते हैं। फेफड़ों के संक्रमित होने पर सांस लेने में तकलीफ, खांसी और बलगम जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं। यह लंबे समय में अस्थमा जैसी गंभीर रोगों का कारण भी बन सकती है। इसलिए अपने फेफड़ों को स्वस्थ और उनकी पर्याप्त देखभाल करना जरूरी है।
अब सवाल यह है कि सांस लेने में तकलीफ, दिक्कत या परेशानी की समस्या से राहत पाने और अपने फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए आप क्या कर सकते हैं? आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. भुवनेश्वरी की मानें तो कुछ आयुर्वेदिक हर्ब्स लंग फंक्शन को बेहतर बनाने, इन्फेक्शन से लड़ने और सांस संबंधी समस्याओं से बचाव में बहुत लाभकारी साबित हो सकती हैं। इस लेख में हम आपको ऐसे 5 आयुर्वेदिक हर्ब्स बता रहे हैं।
सांस लेने में तकलीफ की समस्या दूर करने के लिए हर्ब्स- herbs For shortness of breath
1. गिलोय (Giloy)
गिलोय की जड़ और पत्ते, दोनों ही फेफड़ों को हेल्दी रखने के लिए बहुत लाभकारी हैं। इनमें एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं, जो श्वसन प्रणाली (Respiratory System) के श्लेष्म झिल्ली को शांत करने में लाभकारी, जिससे यह सांस-संबंधी समस्याएं, अस्थमा, खांसी, सर्दी दूर करने में बहुत लाभकारी है। आप इसका काढ़ा बनाकर दिन में 2-3 बार पी सकते हैं।
2. पिप्पली (Pippali)
सांस संबंधी समस्याएं दूर करने के लिए पिप्पली एक अद्भुत जड़ी-बूटी है, यह स्वश्वन मार्ग, फेफड़ों में सूजन और बलगम आदि से छुटकारा दिलाने में बहुत लाभकारी है। साथ ही यह बंद नाक से भी राहत प्रदान करती है। इसे दूध में उबालकर या काढ़ा बनाकर पीने से ब्रोंकाइटिस और अस्थमा जैसी स्थितियों में भी आराम मिलता है।
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3. मुलेठी (Mulethi)
गले में दर्द, सूजन को दूर करने और सांस लेने की प्रक्रिया को आसान बनाने में मुलेठी बहुत प्रभावी है। इसके सर्दी-जुकाम जैसी समस्याएं दूर करने के लिए बहुत लाभकारी है माना जाता है। यह बंद नाक खोलने और बलगम को बाहर निकालने में मदद करती है। आप इसे सीधे तौर पर चबा सकते हैं या गर्म पानी में उबालकर इसका सेवन कर सकते हैं।
4. हल्दी (Turmeric)
एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर हल्दी वायु मार्ग में सूजन को कम करने में बहुत लाभकारी है। साथ हल्दी में मौजूद एक्टिव कंपाउंड करक्यूमिन फेफड़ों को साफ करने में मदद करते हैं और उन्हें नेचुरली डिटॉक्स करते हैं। आप भोजन में, हर्बल चाय, गर्म पानी यौ दूध में मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं।
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5. मुल्लेन (Mullein)
आयुर्वेद में मुल्लेन को फेफड़ों संबंधी समस्याएं दूर करने के लिए बड़े स्तर पर पारंपरिक चिकित्सा के स्तर पर प्रयोग किया जाता है।यह संक्रमण को दूर करने और सूजन से छुटकारा दिलाने में बहुत लाभकारी है।
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