
कुछ लोग मानते हैं कि थायरॉइड रोग में अश्वगंधा का प्रयोग फायदेमंद होता है। ये आधा-अधूरा सच है, जिसके कारण कई बार थायरॉइड रोगी की जान भी जा सकती है। जानें क्या सच में थायरॉइड का इलाज अश्वगंधा को माना जा सकता है?
आयुर्वेद में अश्वगंधा एक महत्वपूर्ण औषधि के रूप में जाना जाता है। अश्वगंधा कई तरह के रोगों में फायदेमंद होता है। हाल में हुए एक शोध में ये दावा किया गया कि अश्वगंधा के प्रयोग से थायरॉइड को ठीक किया जा सकता है। कुछ अन्य रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया कि अश्वगंधा मेटाबॉलिक डिसऑर्डर को पूरी तरह ठीक कर सकता है। मगर इन दावों में कितनी सच्चाई है, आज हम इसकी पड़ताल करेंगे।
क्या है थायरॉइड की समस्या?
थायरॉइड एक ग्रंथि है, जो शरीर में थायरॉक्सिन हार्मोन का निर्माण करती है। अगर किसी व्यक्ति की थायरॉइड ग्रंथि जरूरत से ज्यादा या कम थायरॉक्सिन बनाने लगे, तो उसे 'थायरॉइड' का रोगी माना जाता है। ये एक तरह का मेटबॉलिक डिसऑर्डर है। थायरॉइड रोग के लक्षण बहुत सामान्य होते हैं, जो आसानी से नजरअंदाज कर देने वाले होते हैं, इसलिए तमाम लोग थायरॉइड को 'साइलेंट किलर' बीमारी भी मानते हैं।
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अंडरएक्टिव या ओवरएक्टिव थायरॉइड के आधार पर इस रोग को 2 भागों में बांटा जाता है। अगर किसी की ग्रंथि ज्यादा मात्रा में थायरॉक्सिन हार्मोन का उत्पादन करने लगी है, तो उसे हायपरथायरॉइडिज्म कहा जाता है, जबकि यदि किसी व्यक्ति की थायरॉइड ग्रंथि कम मात्रा में थायरॉक्सिन हार्मोन का निर्माण करती है, तो इसे हायपोथायरॉइडिज्म कहा जाता है।
अश्वगंधा के बारे में जानें
अश्वगंधा एक पौधा होता है, जिसकी जड़ों और पत्तियों को आयुर्वेद में औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसके फायदों को देखते हुए अश्वगंधा को भारतीय जिनसेंग भी कहते हैं। आमतौर पर जिस अश्वगंधा की जड़ों को ही लोग अश्वगंधा के नाम से जानते हैं। इनकी जड़ों में एक खास खूबी होती है, जो तनाव और चिंता को कम करती है। इसके अलावा वीर्य को पुष्ट बनाने और शारीरिक कमजोरी को दूर करने के लिए भी अश्वगंधा जाना जाता है।
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अश्वगंधा से थायरॉइड को ठीक करने का दावा कितना सही?
थायरॉइड कई कारणों से हो सकता है, जिनमें से 2 बड़े कारण तनाव (Stress) और चिंता (Anxiety) भी हैं। ज्यादा तनाव लेने से शरीर का मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है। अगर आप हर समय चिंतित रहते हैं और तनाव लेते हैं, तो आपको थायरॉइड की समस्या हो सकती है। इसके अलावा थायरॉइड अनुवांशिक कारणों से भी होता है। अश्वगंधा को थायरॉइड के लिए अच्छा माना जाता है क्योंकि अश्वगंधा तनाव कम करने में मदद करता है।
लेकिन चिकित्सक बताते हैं कि अश्वगंधा सिर्फ हाइपोथायरॉइडिज्म (कम हार्मोन बनना) के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकता है। अश्वगंधा के सेवन से थायरॉक्सिन हार्मोन का उत्पादन बढ़ सकता है। ऐसे में अगर हाइपरथायरॉइडिज्म (ज्यादा हार्मोन बनना) की समस्या हो, तो मरीज की हालत और खराब हो सकती है। इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि बिना किसी डॉक्टर से परामर्श लिए, थायरॉइड की समस्या में अश्वगंधा का सेवन नहीं करना चाहिए।
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