आयुर्वेद के अनुसार किसे-कैसे सोना चाहिए? जानें अच्छी नींद लेने के उपाय

अगर आपको अच्छी नींद नहीं आती है, तो आप अच्छी नींद पाने के अपने शरीर की प्रकृति के अनुसार उपाय जान सकते हैं
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आयुर्वेद के अनुसार किसे-कैसे सोना चाहिए? जानें अच्छी नींद लेने के उपाय


आयुर्वेद नींद को जीवन की मूल प्रवृत्ति के रूप में वर्णित करता है, जो सभी के लिए बहुत जरूरी होता है। हमें अपने शरीर और मन को शांत करने लिए अच्छी नींद लेना जरूरी होता है। आयुर्वेद में नींद के बाद भोजन को सबसे जरूरी बताया गया है। स्वस्थ जीवन के लिए आयुर्वेद में अच्छी नींद और अच्छे भोजन का बहुत महत्व होता है। 

आयुर्वेद के अनुसार नींद, भोजन या अन्य कोई शारीरिक कार्य तीन दोषों पर निर्धारित होता है। इसमें वात, पित्त और कफ शामिल हैं। नींद में कफ हावी होता है, जिससे थकान महसूस होती है। आयुर्वेदाचार्य श्रेय शर्मा से जानें कैसे आप अपने शारीरिक दोष को शांत करके अच्छी नींद ले सकते हैं। 

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  • - आयुर्वेद के अनुसार सभी को सूर्योदय से पहले उठना चाहिए और रात में 10 बजे से पहले सोना चाहिए। 
  • - इसके साथ ही रात के खाने और सोने के बीच कम से कम 2 घंटे का अंतर भी होना जरूरी होता है। 
  • - आयुर्वेद में रात का भोजन करने का सही समय 7 बजे है। इसके अलावा अगर आप 7 बजे से बाद खाना खा रहे हैं, तो कुछ हल्का भोजन करें लेकिन सोने से 2 घंटे पहले जरूर भोजन जरूर कर लें।

आयुर्वेद में तीन दोष होते हैं, जिसमें वात, पित्त और कफ शामिल होता है। वात दोष का मतलब है कि शरीर में अतिरिक्त हवा है। पित्त दोष वाले लोगों के शरीर में गर्मी की मात्रा बहुत अधिक होती है। साथ ही कफ दोष में शरीर में पानी की अतिरिक्त मात्रा होती है।

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वात दोष (Vata Dosha)

जिन लोगों के शरीर में वात बढ़ा होता है, उनके लिए कफ बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना जरूरी होता है। इससे शरीर में भारीपन, स्थिरता और चिकनाई के गुणों में वृद्धि होती है, जिससे नींद अच्छी आती है। वे अपने वात दोष को संतुलित करने के लिए नारियल का दूध, एवोकाडो, मक्खन, घी और चावल का दलिया खा सकते हैं। अगर शरीर में वात बढ़ा होता है, तो सोने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए इसे संतुलित करने के लिए आपको अच्छे भोजन के साथ ही अपनी नींद पर भी ध्यान देना जरूरी होता है। 

अगर आपको वात दोष हैं, तो इसे शांत करने के लिए आपके शरीर को पोषण की जरूरत होती है। इसके लिए आपको पूरे शरीर या पैरों की अभ्यंग मालिश करनी चाहिए। महानारायण थिलम या ब्राह्मी तेल से बेहतर नींद में मदद मिलती है। सिर की मालिश के लिए तिल के तेल का प्रयोग करना चाहिए। अच्छी नींद के लिए अपने शयनकक्ष को अच्छी तरह से हवादार रखें और इसमें अंधेरा रखें। इसके अलावा कैमोमाइल, लैवेंडर, स्वीट ऑरेंज या यूकेलिप्टस जैसी सुगंधित मोमबत्तियां जलाने से भी अच्छी नींद में मदद मिल सकती है। अगर वात बहुत ज्यादा बढ़ा है, तो आपको शाम को व्यायाम करने से बचना चाहिए। इस तरह से आप अपने दोष को शांत करके अच्छी नींद पा सकते हैं। 

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  • - वात दोष वाले लोगों को रात में सोते समय अपने शरीर की अच्छे से मालिश करनी चाहिए।
  • - अच्छी नींद के लिए आपको शाम के समय व्यायाम करने से भी बचना चाहिए।
  • - हवादार कमरे में सोएं और रात को 10 बजे से पहले सो जाएं।

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पित्त दोष (Pitta Dosha)

अगर आपके शरीर में पित्त बढ़ा हुआ है, तो अधिक तनाव या एसिड युक्त भोजन करने से आपको सोने में कठिनाई हो सकती है। इसलिए सबसे पहले आपको अच्छी नींद के लिए अपने दोष के अनुकूल भोजन करना चाहिए। पित्त दोष के लिए ताजे फल और ठंडे तासीर वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। क्योंकि पित्त प्रधान लोगों के लिए शरीर में अग्नि बहुत होती है। इसे शांत करने के लिए ठंडी चीजों का सेवन करना जरूरी होता है। 

पित्त दोष के लोगों को अच्छी नींद के लिए रात को सोते समय गर्म घी से पैरों की मालिश करनी चाहिए। इतना ही नहीं इन्हें एक शांत, हवादार कमरे में सोने की सलाह दी जाती है। अगर आपको पित्त दोष हैं, तो चमेली और गुलाब जैसे मीठे, ठंडे तेलों का उपयोग जरूर करना चाहिए। और सोते समय अपने आप को एक हल्के कंबल से ढकना चाहिए। सिर की मालिश के लिए भृंगराज या आंवला जैसे ठंडे तेल का इस्तेमाल करने से भी आपको अच्छी नींद आ सकती है। 

  • - पित्त दोष के लोगों को अच्छी नींद लेने के लिए मीठे और ठंडे चीजों का सेवन करना चाहिए।
  • - ठंडे तेलों से अपने शरीर और पैरों की मालिश करनी चाहिए।

कफ दोष (Kapha Dosha)

कफ दोष में शरीर में अधिक पानी होता है। कफ दोष में अच्छी नींद लेने के लिए गर्म खाद्य पदार्थ जैसे सब्जी का सूप, साग का सेवन करना चाहिए। रात के खाने में मिठाई से परहेज करना चाहिए। रात के खाने के बाद हल्की सैर पाचन को उत्तेजित करने में मदद करेगी। कफ दोष वालों को अच्छी नींद के लिए अपनी जीवनशैली में व्यायाम को जरूर शामिल करना चाहिए। कफ प्रधान लोग आमतौर पर भारी नींद वाले होते हैं और अधिक सोने की प्रवृत्ति रखते हैं। अगर आपकी प्रकृति कफ हैं, तो जल्दी उठने का समय निर्धारित करें। आपको नीलगिरी और अदरक जैसे तेलों का इस्तेमाल करना चाहिए। 

अच्छी नींद के लिए टिप्स (Tips for Good Sleep)

  • - अच्छी नींद लेने के लिए सबसे पहले आप अपने पैरों को अच्छे से धो लें। तलवों पर अपनी प्रकृति के अनुसार तेल से मालिश करें।
  • - सोते समय आपको बेहद आरामदायक वस्त्र पहनने चाहिए।
  • - सीधा रोशनी में न सोएं। हवादार कमरा सोने के लिए काफी अच्छा माना जाता है।
  • - आयुर्वेद में कफ और पित्त प्रकृति को दिन के समय सोना से बचना चाहिए। क्योंकि इससे इनका संतुलित बिगड़ जाता है। 

आयुर्वेद के अनुसार अच्छी नींद के लिए आपको अपनी प्रकृति को जानना बहुत जरूरी होता है। इसी के आधार पर आपको अपनी जीवनशैली तय करनी होती है। अपनी प्रकृति के अनुसार चलने से आपको काफी अच्छी नींद आ सकती है।

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