दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स पिछले कुछ दिनों से काफी खराब चल रहा है। दिवाली के बाद से राजधानी का एक्यूआई लेवल और भी खराब हो गया है। दिल्ली में दिवाली के अगले दिन यानि 13 नवंबर को वायु प्रदूषण के कई सालों का रिकॉर्ड टूटा था। दिवाली की आतिशबाजी के बाद से दिल्ली का नाम दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हो गया है।
999 तक पहुंचा एयर क्वालिटी इंडेक्स
दिवाली के बाद से दिल्ली के कुछ इलाकों में एक्यूआई 999 तक पहुंच चुका है। दिवाली के अगले दिन कई इलाकों में धुंध की एक मोटी परत दिखाई दी थी, जिसके बाद लोगों को देखने तक में समस्या हो रही थी। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के पीछे सरकार द्वारा पटाखों पर लगाए गए प्रतिबंध के बावजूद पटाखे जलाना है।
बढ़ते प्रदूषण में इन बीमारियों का बढ़ा खतरा
1. अस्थमा
दिल्ली का एक्यूआई खराब होने के चलते अस्थमा का खतरा काफी बढ़ गया है। इसकी वजह से लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है। अस्थमा के मरीजों को सांस से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
2. हार्ट की समस्याएं
वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से हार्ट की समस्याओं का जोखिम काफी बढ़ गया है। ऐसी स्थिति में हार्ट और शरीर के अन्य अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचने में समस्या होती है, जिससे हार्ट स्ट्रोक या फिर हार्ट अटैक भी आ सकता है।
3. फेफड़ों का कैंसर
प्रदूषण बढ़ने से फेफड़ों यानि लंग कैंसर का भी जोखिम बढ़ गया है। दरअसल, हवा में पाए जाने वाले पीएम 2.5 दूषित कण मुंह के रास्त होकर शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। जो फेफड़ों में जाकर जम जाते हैं और फेफड़ों के कैंसर का कारण बन सकते हैं।
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4. निमोनिया
दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ने पर निमोनिया का खतरा भी बढ़ गया है। प्रदूषण के संपर्क में आने से बच्चों में भी यह जोखिम काफी बढ़ गया है। निमोनयिा होने पर फेफड़ों में सूजन आ सकती है, जिस कारण फेफड़े भी प्रभावित हो सकते हैं।
5. त्वचा से जुड़ी समस्याएं
वायु प्रदूषण बढ़ने से लोगों में त्वचा से जुड़ी समस्याएं भी बढ़ गई हैं। इसके चलते लोगों को त्वचा में खुजली, जलन, डीहाइड्रेशन, स्किन डैमेज होने के साथ ही उम्र से पहले बूढ़े दिखने और स्किन कैंसर होने तक का खतरा बढ़ गया है।
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