
प्रोटीन सेहत के लिए कई तरीकों से फायदेमंद और जरूरी भी होता है। प्रोटीन की कमी पूरी करने के लिए लोग आमतौर पर एनिमल और प्लांट बेस्ड सोर्स लेते हैं। जबकि इनसे मिलने वाले पोषक तत्व एक-दूसरे से बिलकुल अलग होते हैं। परड्यू यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के मुताबिक एनिमल प्रोटीन सोर्स प्लांट प्रोटीन सोर्स की तुलना में अधिक अमीनो एसिड देते हैं।
प्रोटीन की गुणवत्ता से पड़ता है फर्क
Dr. Wayne Campbell, शोधकर्ता के मुताबिक किसी भी खाने में पाए जाने वाला प्रोटीन की गुणवत्ता काफी अहम होती है। यह इस बात पर भी निर्भर करती है कि शरीर मसल्स बिल्डिंग के लिए अमीनो एसिड का कितना इस्तेमाल कर रहा है।
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प्लांट प्रोटीन के फायदे
दरअसल, एनिमल और प्लांट प्रोटीन सोर्स दोनों ही सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। यह दोनों प्रोटीन शरीर के लिए अलग-अलग तरीकों से काम करते हैं। ऐसे में प्लांट प्रोटीन को एनिमल प्रोटीन के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित माना जाता है। प्लांट प्रोटीन में आपको फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स, सैचुरेटेड फैट, आयरन और फाइटोकैमिकल्स आदि जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो टाइप 2 डायबिटीज से बचाने के साथ-साथ स्ट्रोक के खतरे को भी काफी हद तक कम करते हैं। इसे लेने से हार्ट हेल्दी रहता है साथ ही कैंसर से भी बचाव होता है।
एनिमल प्रोटीन के फायदे
एनिमल प्रोटीन में आपको रेड मीट खाने के बजाय लो फैट चीजें खानी चाहिए। यह सेहत के लिए फायदेमंद साबित होते हैं। एनिमल प्रोटीन लेने से वजन नियंत्रित रहने के साथ ही साथ पैनक्रिएटिक, प्रोस्टेट, कोलोरेक्टल और पेट के कैंसर का जोखिम भी काफी कम होता है। यही नहीं इसे खाने से टाइप 2 डायबिटीज से बचाव होने के साथ ही हार्ट से जुड़ी समस्याओं को भी कम किया जा सकता है। रेड मीट को लेकर हुए एक शोध के मुताबिक एनिमल प्रोटीन के लिए रेड मीट का ज्यादा सेवन करना शरीर के लिए नुकसानदायक भी साबित हो सकता है।
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