अन्नप्राशन में चांदी के बर्तनों का उपयोग करते हैं। चांदी को शुद्ध और स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है। इस रिवाज में शिशु को 5 से 6 माह के बीच ठोक आहार खिलाया जाता है।
एक्सपर्ट की राय
डाइट मंत्रा क्लीनिक की डायटीशियन कामिनी कुमारी के अनुसार, प्राचीन समय में चांदी के बर्तनों में भोजन करने से शरीर की कई बीमारियां दूर होने का विश्वास था। इसलिए, लोग इन्हें स्वास्थ्यवर्धक मानते थे।
बैक्टीरिया और संक्रमण से बचाव
चांदी के बर्तन में भोजन करने से शिशु के शरीर में बैक्टीरिया और संक्रमण से बचाव होता है। इसमें प्राकृतिक रूप से एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण मौजूद होते हैं।
शरीर को ठंडक महसूस होना
चांदी का धातु शरीर को शीतलता प्रदान करता है, जिससे गर्मियों में शिशु का तापमान संतुलित रहता है और उसे ज्यादा गर्मी या असहजता महसूस नहीं होती है।
इम्यूनिटी होगी मजबूत
वैज्ञानिक शोध और आयुर्वेद के अनुसार, चांदी के बर्तन में भोजन करने से शरीर की इम्यूनिटी मजबूत होती है, जिससे शिशु को सर्दी-खांसी और अन्य बीमारियों से बचाव मिलता है।
एकाग्रता बढ़ना
चांदी के संपर्क में रहने से शिशु का मस्तिष्क शांत रहता है और उसकी एकाग्रता व स्मरण शक्ति बेहतर होती है, जिससे उसका मानसिक विकास तेजी से होता है।
पेट के लिए फायदेमंद
पेट के लिए फायदेमंद प्राचीन समय से चांदी का उपयोग औषधीय गुणों के कारण किया जाता रहा है। यह पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है और पेट संबंधी विकारों को दूर करने में मददगार होता है।
पौष्टिक और सुरक्षित भोजन
चांदी के बर्तन में रखा भोजन ज्यादा समय तक ताजा रहता है, जिससे शिशु को पौष्टिक और सुरक्षित भोजन प्राप्त होता है, जबकि प्लास्टिक या स्टील के बर्तनों में ऐसा संभव नहीं होता।
पित्त दोष संतुलित होना
आयुर्वेद के अनुसार, चांदी का सेवन शरीर में पित्त दोष को संतुलित करता है, जिससे शिशु को पेट दर्द, एसिडिटी और गैस जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।
पाचन तंत्र होगा मजबूत
शिशु को चांदी के गिलास में पानी या दूध पिलाने से उसका पाचन तंत्र मजबूत होता है। इससे उसके शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर तरीके से होता है।
चांदी का बर्तन सिर्फ शिशुओं के लिए ही नहीं, बल्कि सभी उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद होता है। इससे स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com