बैक्टीरिया से होने वाला संक्रमण शरीर को कई तरह से प्रभावित कर सकता है। ये संक्रमण त्वचा, फेफड़े, आंत, मस्तिष्क और रक्त में फैल सकता है। क्वींसलैंड विश्वविद्यालय आणविक जैव विज्ञान संस्थान के अनुसार बैक्टीरियल इंफेक्शन कई प्रकार के होते हैं, जो शरीर के अलग-अलग हिस्सों को प्रभावित करते हैं।
कैसे होता है संक्रमण?
जब हमारा शरीर कमजोर होता है या दूषित पानी, खाना और हवा के संपर्क में आता है, तो बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश कर संक्रमण फैलाते हैं। कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग सबसे ज्यादा जोखिम में रहते हैं।
बैक्टीरियल इंफेक्शन के लक्षण
इसमें दर्द, सूजन, लालिमा, खांसी, थकावट, बुखार, बलगम, सांस की तकलीफ और पेट से जुड़ी दिक्कतें देखी जाती हैं। गंभीर मामलों में अंगों की कार्यक्षमता भी प्रभावित हो सकती है।
E. Coli संक्रमण
यह आम बैक्टीरिया दूषित खाना या अधपकी सब्जियों से होता है। ये पेट दर्द, दस्त और गैस जैसी दिक्कतें देता है। ज्यादातर मामलों में इलाज के बिना भी ठीक हो सकता है।
साल्मोनेला संक्रमण
यह संक्रमण बिना पके पोल्ट्री या अंडे खाने से होता है। इसके कारण उल्टी, दस्त और बुखार हो सकता है। स्वच्छ खाना और सही तापमान पर पकाना जरूरी है।
MRSA संक्रमण
मेथिसिलिन रेसिस्टेंट स्टैफिलोकोकस ऑरियस (MRSA) गंभीर संक्रमण है। यह अक्सर अस्पतालों में फैलता है और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को प्रभावित करता है। इसका इलाज कठिन हो सकता है।
ट्यूबरक्लोसिस (टीबी)
टीबी एक संक्रामक बैक्टीरियल रोग है जो फेफड़ों को प्रभावित करता है। यह खांसी, वजन कम होना और थकावट के साथ आता है। इलाज के लिए लंबा एंटीबायोटिक कोर्स जरूरी है।
इलाज कैसे किया जाता है?
डॉक्टर संक्रमण की गंभीरता के अनुसार जांच कर इलाज तय करते हैं। जरूरी हो तो एंटीबायोटिक दी जाती हैं। बिना डॉक्टर की सलाह एंटीबायोटिक का सेवन न करें।
बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचने के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखें, स्वच्छ खाना खाएं, इम्यून सिस्टम मजबूत बनाएं। बीमार महसूस होने पर देरी न करें, तुरंत डॉक्टर से सलाह लें और इलाज करवाएं। हेल्थ से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com