'वेट लॉस सर्जरी' द्वारा इस महिला ने घटाया 214 किलो वजन, जानें कितनी कारगर है ये सर्जरी?

पुणे की रहने वाली अमिता रजनी काफी समय से अपने मोटापे के कारण परेशान थीं। 4 साल पहले उनका वजन लगभग 300 किलो था। मगर 2 बार 'वेट लॉस सर्जरी' करवाने के बाद अब उनका वजन सिर्फ 86 किलो है। वजन घटाने वाली इस सर्जरी को बैरिएट्रिक सर्जरी कहते हैं। भारत में अभी ये सर्जरी ज्यादा पॉपुलर नहीं हुई है, जबकि जुलाई 2017 के आंकड़ों के अनुसार भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है, जहां सबसे ज्यादा लोग मोटापे का शिकार हैं।
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'वेट लॉस सर्जरी' द्वारा इस महिला ने घटाया 214 किलो वजन, जानें कितनी कारगर है ये सर्जरी?

पुणे की रहने वाली अमिता रजनी काफी समय से अपने मोटापे के कारण परेशान थीं। 4 साल पहले उनका वजन लगभग 300 किलो था। मगर 2 बार 'वेट लॉस सर्जरी' करवाने के बाद अब उनका वजन सिर्फ 86 किलो है। अमिता पहले जहां अपने बिस्तर से ही नहीं उतर पाती थीं, वहीं अब वो सामान्य जिंदगी जी रही हैं। वजन घटाने वाली इस सर्जरी को बैरिएट्रिक सर्जरी कहते हैं। भारत में अभी ये सर्जरी ज्यादा पॉपुलर नहीं हुई है, जबकि जुलाई 2017 के आंकड़ों के अनुसार भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है, जहां सबसे ज्यादा लोग मोटापे का शिकार हैं।

वजन घटाने से पहले अमिता को काफी परेशानियां होती थीं। अमिता के अनुसार एक बार बेड से गिर जाने पर उन्हें उठाने के लिए 6 लोगों की मदद लेनी पड़ी थी, जिन्होंने 3 घंटे की मेहनत के बाद उन्हें वापस बिस्तर पर रखा था। सर्जरी के लिए अस्पताल ले जाते समय अमिता को एक विशेष एंबुलेंस में सोफे पर लिटाकर ले जाया गया था। वहीं, उन्हें ऑपरेशन थिएटर तक पहुंचाने के लिए 20 लोगों की जरूरत पड़ी। मोटापे के कारण अमिता को कई तरह के रोग भी हो गए थे, जिनमें कोलेस्ट्रॉल बढ़ना, किडनी फंक्शन में परेशानी, टाइट 2 डायबिटीज और सांस की बीमारी प्रमुख हैं। लेकिन बैरिएट्रिक सर्जरी के द्वारा अमिता को वजन घटाने में सफलता मिली है। आइए आपको बताते हैं क्या है वेट लॉस सर्जरी या बैरिएट्रिक सर्जरी और मोटापा घटाने के लिए कितनी कारगर है ये सर्जरी।

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क्या है बैरिएट्रिक सर्जरी

बैरिएट्रिक सर्जरी वजन घटाने के लिए सबसे प्रमुख सर्जरी मानी जाती है। इस तरह की सर्जरी की सलाह डॉक्टर उन्हें देते हैं, जिसका वजन सामान्य से 30-40 किलो ज्यादा होता है। आमतौर पर बैरियाट्रिक सर्जरी में आमाशय का 60-70% हिस्सा काटकर अलग किया दिया जाता है। इस हिस्से को काटने के बाद पेट में एक ट्यूब जितनी जगह बचती है। ये ऑपरेशन लैप्रोस्कोपिक विधि द्वारा किया जाता है। आमाशय का आकार छोटा हो जाने के कारण व्यक्ति का पेट जल्दी भर जाता है। इससे वो कम खाना खाता है।

हंगर हार्मोन बनना हो जाता है कम

इसके अलावा भूख को बढ़ाने वाला हार्मोन, जिसे 'हंगर हार्मोन' या 'ग्रैलेन हार्मोन' कहते हैं, भी आमाशय में ही बनता है। आमाशय को काटने के बाद व्यक्ति के शरीर में इस हार्मोन का बनना भी कम हो जाता है, जिससे व्यक्ति को भूख कम लगती है। इससे थोड़ा खाना खाने से भी व्यक्ति का पेट भर जाता है।

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क्या बैरियाट्रिक सर्जरी के बाद कमजोरी आती है?

अक्सर लोगों को यह लगता है कि बैरियाट्रिक सर्जरी के बाद व्यक्ति के खाने की क्षमता कम हो जाती है, जिससे उसका शरीर कमजोर हो जाता है। मगर चिकित्सकों का मानना है कि ऐसा नहीं है। बैरियाट्रिक सर्जरी के बाद व्यक्ति के खाने की खुराक हो जाती है। लेकिन शरीर में जमा चर्बी भी एनर्जी का ही एक रूप है। ऑपरेशन के बाद समय के साथ जैसे-जैसे ये चर्बी गलती जाती है, व्यक्ति को रोजाना के काम के लिए एनर्जी भी मिलती है और उसका मोटापा भी धीरे-धीरे घटता है।

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