
कुछ लोग जल्दी-जल्दी बीमार पड़ते हैं। ऐसे लोगों की इम्यूनिटी यानि रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी के कारण ऐसे लोगों पर वायरस और बैक्टीरिया तेजी से असर करते हैं और इन्हें अक्सर ही बीमार बनाते रहते हैं।
कुछ लोग जल्दी-जल्दी बीमार पड़ते हैं। ऐसे लोगों की इम्यूनिटी यानि रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी के कारण ऐसे लोगों पर वायरस और बैक्टीरिया तेजी से असर करते हैं और इन्हें अक्सर ही बीमार बनाते रहते हैं। वातावरण और हमारे खुद के शरीर में मौजूद तमाम हानिकारक वायरस और बैक्टीरिया हमारे शरीर और स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं। हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता उन्हें नुकसान पहुंचाने से रोकती है और शरीर की रक्षा करती है। हमारा इम्यून सिस्टम इस तरह से बनाया गया है कि ये हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करे और शरीर के लिए जरूरी बैक्टीरिया को नुकसान न पहुंचाए।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए क्या करें
शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कई बातों पर निर्भर करती है इसलिए इन बातों का हमेशा ध्यान रखें।
- कम सोने से इम्यूनिटी होती है प्रभावित इसलिए पर्याप्त नींद लें।
- तनाव से घटती है इम्यूनिटी इसलिए तनाव कम करने के लिए योग और ध्यान करें।
- तंबाकू उत्पादों का सेवन बिल्कुल बंद कर दें।
- हरी सब्जियां, फल और ड्राई फ्रूट्स खूब खाएं।
- प्रोबायोटिक आहारों का करें सेवन।
- दिन में कुछ समय धूप में जरूर बिताएं।3
- लहसुन इम्यूनिटी बढ़ाता है इसलिए लहसुन का प्रयोग जरूर करें।
- मशरूम के सेवन से भी इम्यूनिटी बढ़ाई जा सकती है।
- जुकाम, सिरदर्द और त्वचा रोगों को आम न समझें, इलाज करवाएं।
- चिकित्सक की सलाह के बिना किसी दवा का प्रयोग न करें।
इन फूड्स के सेवन से भी बढ़ा सकते हैं इम्यूनिटी
लहसुन
लहसुन काफी मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट बनाकर हमारे इम्यून सिस्टम को बीमारियों से लडने की शक्ति देता है। इसमें एलिसिन नामक ऐसा तत्व पाया जाता है, जो शरीर को इन्फेक्शन और बैक्टीरिया से लडने की शक्ति देता है। प्रतिदिन भोजन में लहसुन का इस्तेमाल करने से पेट के अल्सर और कैंसर से बचाव होता है। रोजाना सुबह लहसुन की दो कलियों का सेवन हाई ब्लडप्रेशर को नियंत्रित रखता है और इससे लंबे समय तक शरीर का इम्यून सिस्टम भी मजबूत बना रहता है।
पालक
पौष्टिक तत्वों से भरपूर इस पत्तेदार सब्जी को सुपर फूड के नाम से जाना जाता है। इसमें फोलेट नामक ऐसा तत्व पाया जाता है, जो शरीर में नई कोशिकाएं बनाने के साथ उन कोशिकाओं में मौजूद डीएनए की मरम्मत का भी काम करता है। साथ ही इसमें मौजूद फाइबर आयरन, एंटीऑक्सीडेंट तत्व और विटामिन-सी शरीर को हर तरह से स्वस्थ बनाए रखते हैं। उबले पालक के सेवन से पाचन तंत्र सही ढंग से काम करता है और कब्ज की समस्या दूर हो जाती है।
इसे भी पढ़ें:- ज्यादा पानी पीना भी ठीक नहीं, हो सकती है दिमाग में सूजन
मशरूम
शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता की मजबूती के लिए सदियों से पूरी दुनिया में मशरूम का सेवन किया जाता रहा है। यह श्वेत रक्त कोशिकाओं को सक्रिय करने में सहायक होता है। इसमें सेलेनियम नामक मिनरल, एंटीऑक्सीडेंट तत्व विटमिन-बी, रिबोफ्लैविन और नाइसिन नामक तत्व पाए जाते हैं। इनके कारण मशरूम में एंटी वायरल, एंटी बैक्टीरियल और एंटी-ट्यूमर तत्व पाए जाते हैं। शिटाके, मिटाके और रेशी नामक मशरूम की प्रजातियों में शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने वाले तत्व पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। यदि प्रतिदिन 30 ग्राम मशरूम का सेवन किया जाए तो इससे इम्यून सिस्टम मजबूत बना रहता है। सैलेड, सूप और पास्ता के साथ इसका बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता है।
ब्रोकली
ब्रोकली में विटमिन-ए और सी के अलावा ग्लूटाथियोन नामक एंटी ऑक्सीडेंट तत्व पाया जाता है। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने वाली ऐसी सब्जी है, जिसे आप रोजमर्रा के भोजन में आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें थोडे से पीनर के साथ स्टीम्ड ब्रोकली मिलाकर स्वादिष्ट सैलड तैयार किया जा सकता है, जिसके सेवन से शरीर को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन और कैल्शियम भी मिल जाता है।
ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप
Read More Articles On Healthy Living In Hindi
इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।