आज के समय में जीवनशैली और डाइट को सही करना बेहद आवश्यक है। खासकर प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान महिलाओं को कई तरह के बदलाव करने की सलाह दी जाती है। दरअसल, इस समय महिलाओं के शरीर को न केवल अतिरिक्त ऊर्जा की जरूरत होती है, बल्कि उनको संपूर्ण पोषण भी चाहिए, जिससे मां और बच्चे दोनों का स्वास्थ्य बेहतर बना रहे। आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा में अल्फाल्फा (Alfalfa) का उपयोग सदियों से होता आ रहा है। यह एक घास जैसा हरा पौधा होता है, लेकिन अब इसे महिलाओं के लिए पोषण का खजाना माना जा रहा है। इस लेख में साईं पॉलिक्लीनिक की सीनियर गाइनाक्लॉजिस्ट डॉ विभा बंसल से जानते हैं कि अल्फाल्फा गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए कैसे फायदेमंद हो सकता है।
गर्भवती महिलाओं के लिए अल्फाल्फा के फायदे - Alfalfa Benefits For Pregnancy In Hindi
अल्फाल्फा (Medicago sativa) एक पौष्टिक पौधा है जो आमतौर पर पशुओं के लिए उगाया जाता है, लेकिन इसके बीज, पत्ते, और स्प्राउट्स इंसानों के लिए भी अत्यंत उपयोगी माने जाते हैं। यह विटामिन्स, मिनरल्स, एंजाइम्स, प्रोटीन और क्लोरोफिल का समृद्ध स्रोत है। आगे जानते हैं इसके फायदों के बारे में।
फोलिक एसिड का स्रोत
गर्भावस्था के पहले तीन महीनों में फोलिक एसिड का महत्व काफी अधिक होता हैं। अल्फाल्फा में प्राकृतिक फोलिक एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट्स जैसे बर्थ डिफेक्ट्स से बचाने में सहायक होता है।
आयरन की पूर्ति करें
गर्भवती महिलाओं में खून की कमी (एनीमिया) होना एक आम समस्या है। अल्फाल्फा में आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जिससे हीमोग्लोबिन लेवल में सुधार होता है और चक्कर, थकान जैसी समस्याएं दूर होती हैं।
पाचन में सुधार
गर्भावस्था में कब्ज और पाचन संबंधी समस्याएं आम होती हैं। अल्फाल्फा में मौजूद फाइबर और एंजाइम्स पाचन को बेहतर बनाते हैं और गैस, अपच जैसी समस्याओं को कम करते हैं।
सूजन और वाटर रिटेनशन में राहत
अल्फाल्फा में डाययूरेटिक (diuretic) गुण होते हैं, जो शरीर से अतिरिक्त तरल और टॉक्सिन्स बाहर निकालने में मदद करते हैं। इससे गर्भावस्था में पैरों की सूजन और ब्लोटिंग में राहत मिलती है।
स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए अल्फाल्फा के लाभ - Alfalfa Benefits For Breastfeeding Mothers In Hindi
दूध बढ़ाने वाला प्राकृतिक उपाय (Galactagogue)
अल्फाल्फा को एक प्राकृतिक दूध बढ़ाने वाला (galactagogue) माना जाता है। इसमें मौजूद फाइटोएस्ट्रोजेन्स और जरूरी पोषक तत्व स्तनों में दूध उत्पादन को उत्तेजित करते हैं, जिससे स्तनपान कराने वाली मां का दूध पर्याप्त मात्रा में बनता है।
दूध की गुणवत्ता में सुधार
केवल मात्रा नहीं, अल्फाल्फा दूध की गुणवत्ता को भी बेहतर बनाता है। इससे दूध में मौजूद पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन्स में वृद्धि हो सकती है, जो शिशु के संपूर्ण विकास में सहायक होते हैं।
मां की थकान को दूर करें
स्तनपान के समय महिलाओं को अधिक थकावट महसूस होती है। अल्फाल्फा में मौजूद विटामिन B, C, E, और K, साथ ही मिनरल्स जैसे मैग्नीशियम और पोटैशियम, ऊर्जा स्तर बढ़ाने में मदद करते हैं।
अल्फाल्फा को कैसे खाएं? - How to Eat Alfalfa In Hindi
- अल्फाल्फा स्प्राउट्स (अंकुरित रूप) – सलाद या सैंडविच में मिलाकर खा सकते हैं।
- अल्फाल्फा टी – इसकी सूखी पत्तियों से बनी हर्बल चाय, जो पेट और थकान के लिए फायदेमंद है।
- अल्फाल्फा टैबलेट या कैप्सूल – डॉक्टर की सलाह से सप्लिमेंट्स के रूप में भी ले सकते हैं।
- अल्फाल्फा पाउडर – स्मूदी या दूध में मिलाकर।
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अल्फाल्फा एक प्राकृतिक पोषण का खजाना है, जो गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए कई तरह से फायदेमंद हो सकता है। यह न केवल शारीरिक ताकत बढ़ाता है, बल्कि मां और शिशु दोनों के स्वास्थ्य में सुधार लाता है। हालांकि, किसी भी प्राकृतिक सप्लिमेंट को अपनाने से पहले डॉक्टर की राय लेना आवश्यक है।
FAQ
गर्भवती महिला को खून की कमी हो तो क्या खाना चाहिए?
प्रेग्नेंसी के दौरान खून बढ़ाने के लिए आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। इन खाद्य पदार्थों में पालक, चुकंदर, अनार, सेब, दालें, अनाज, खजूर, अंजीर और सूखे मेवे शामिल हैं।प्रेगनेंसी में तेजी से वजन कैसे बढ़ाएं?
प्रेगनेंसी में तेजी से वजन बढ़ाने के लिए नट्स, किशमिश, पनीर और क्रैकर्स, सूखे मेवे और आइसक्रीम या दही अच्छे विकल्प हो सकते हैं।गर्भावस्था के दौरान बच्चे के स्वास्थ्य के लिए कौन सा फल खा सकते हैं?
शिशु का वजन बढ़ाने में एवोकाडो भी मदद कर सकता है। इसमें फाइबर, विटामिन सी और ई भरपूर मात्रा में होता है।