Asthma increased by 21 percent Due to Pollution: वायु प्रदूषण न केवल दिल्ली बल्कि, देश के कई राज्यों के लिए खतरे का सबब बन रहा है। प्रदूषण को आम समझकर नजरअंदाज कर देने वाले लोगों को प्रदूषण से होने वाली भारी नुकसान के बारे में जान लेना चाहिए। हाल ही में इसे लेकर एक स्टडी की गई है, जिसके मुताबिक वायु प्रदूषण युवाओं की मौत का कारण बनता जा रहा है। स्टडी के मुताबिक भारत और चीन में वायु प्रदूषण के चलते कई युवाओं की जान गई है। यह स्टडी 5 सालों तक चली, जिसमें साल 2019 से लेकर 2023 तक 22 देशों पर नजर रखी गई। जिसमें यह निकलकर सामने आया कि प्रदूषण वाकई युवाओं की जान ले रहा है।
प्रदूषण से 21 फीसदी तक बढ़ रहा है अस्थमा का खतरा
स्टडी के शोधकर्ताओं के मुताबिक वायु प्रदूषण में मौजूद पार्टीकुलेटेड मैटर 2.5 (पीएम 2.5) के संर्क में आने से लोगों में अस्थमा का खतरा 21 फीसदी तक ज्यादा बढ़ रहा है। ऐसे में पहले से ही अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए यह एक बड़े खतरे के तौर पर देखा जा रहा है। इसके चलते दुनियाभर में 1.20 लाख लोगों की मौत भी हो चुकी है। स्टडी की मानें तो हर हवा में मौजूद 10 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर पीएम 2.5 को और बढ़ा रहे हैं, जिससे बच्चों में भी अस्थमा की समस्या पैदा हो रही है।
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सख्त कानून बनाने की जरूरत
वैसे तो प्रदूषण फैलने पर हर साल सरकार की ओर से मास्क लगाने और घर से कम बाहर निकलने जैसी गाइडलाइन्स बनाई जाती हैं। लेकिन यह कुछ खास प्रभावी नहीं साबित होती हैं। विशेषज्ञों ने प्रदूषण को बढ़ने से रोकने के लिए तत्काल सख्त कानून बनाने की सलाह दी है।
अस्थमा के मरीज प्रदूषण से कैसे बचें?
- अस्था के मरीजों को घर से बाहर निकलने से पहले मुंह पर मास्क लगाना चाहिए।
- इसके लिए आपको पटाखे से निकलने वाले धुएं के संपर्क में नहीं आना चाहिए।
- इसके लिए आपको सर्दियों में आग जलाकर हाथ नहीं सेंकने चाहिए।
- सांस लेने में कठिनाई होने पर डॉक्टर की सलाह लें।