मौजूदा समय में हृदय रोग का ग्राफ काफी तेजी से बढ़ा है। युवा भी तेजी से इस ग्राफ का शिकार हो रहे हैं। दिल्ली में 45 वर्ष से कम उम्र के वे लोग, जिनके पेट पर चर्बी है प्रत्येक 10 में सात को हृदय रोग का खतरा है। सफोला लाइफ के सर्वेक्षण में इस बात का खुलासा हुआ है। अध्ययन के मुताबिक, दिल्ली में पेट के मोटापे के शिकार 66 प्रतिशत पुरुषों की तुलना में 71 प्रतिशत महिलाओं को हृदय रोग का खतरा है। अध्ययन के मुताबिक, दिल्लीवासी जो पेट के मोटापे के कारण हृदय रोग के खतरे में हैं उनकी खाने की आदतें भी एक जैसी हैं, जैसे बाहर का खाना (84 प्रतिशत), और सप्ताह में एक दिन जंक फूड खाना (77 प्रतिशत)। भारत के औसत (67 प्रतिशत) के मुकाबले दिल्ली के लोगों (69 प्रतिशत) को पेट के मोटापे से होने वाला हृदय रोग का खतरा ज्यादा है।
सफोला लाइफ और निल्सॉन पेट के मोटापे के शिकार लोगो पर एक देशव्यापी सर्वे यह जानने के लिए किया कि उनका हृदय किस हद तक खतरे में है। यह सर्वेक्षण को देश के मुख्य शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, और हैदराबाद के 837 लोगों पर किया गया। इस सर्वे से कुछ चौंकाने वाले तथ्य सामने आए जो कि उम्र, लिंग, जीवनशैली से जुड़े थे और पेट के मोटापे के चलते हृदय के लिए खतरे पैदा कर रहे हैं। सिर्फ काम का बोझ (71 प्रतिशत) ही लोगों के हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित नहीं कर रहा बल्कि घरेलू तनाव (74 प्रतिशत) भी बढ़ते हृदय रोगों का कारण है।
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नई दिल्ली स्थित मूलचंद मेडिसिटी के सीनियर कंसलटेंट कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. एच. के. चोपड़ा ने कहा, यह अच्छी तरह से प्रमाणित हो चुका है कि सेंट्रल एडिपॉसिटी के होने से वयस्कों में हृदय रोग, मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन, हाइपरटेंशन, डिसलिपिडेमिआ इत्यादि जैसे रोगों का खतरा बढ़ जाता है। पेट की चर्बी (विसेरल फैट) मेटाबोलिकली एक्टिव फैट है और यह हृदय रोगों का अग्रदूत है।
उन्होंने कहा, अध्ययन के मुताबिक, 69 प्रतिशत दिल्ली वाली चाहे वो पुरुष हों या महिला, पेट के मोटापे के चलते हृदय रोग के खतरे के घेरे में है। इसलिए अब इस बात को लेकर जागरूक होने की आवश्यकता है कि अगर आपके पेट के आसपास चर्बी जमा है तो आपको हृदय रोग का खतरा है। एक और खास एवं ध्यान देने लायक विशेष तथ्य सामने आया है कि अगर आपका बीएमआई सामान्य है लेकिन आपकी तोंद निकली हुई है तो भी आपके हृदय को खतरा है। इसलिए अपने हृदय का खास ख्याल रखने के लिए आपको सक्रिय कदम उठाने होंगे। जीवनशैली की बढ़ती चुनौतियों के साथ, भारतीय कम उम्र में ही हृदय रोग के खतरे के घेरे में आ रहे है। ऑफिस के लम्बे कार्यकाल, काम का तनाव, अनियमित भोजन, नींद की कमी और गतिहीन दिनचर्या इसके कुछ प्रमुख कारण हैं। और इससे जीवनशैली से जुड़े रोगों जैसे हृदय रोग, मोटापा और डायबिटीज में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
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स्वस्थ हृदय के लिए जीवनशैली के बारे में नूट्रिशनिस्ट नीलांजना सिंह ने कहा, सफोला लाइफ अध्ययन ने पेट की चर्बी और हृदय रोग के आपसी सम्बन्ध को और भी पुख्ता कर दिया है, इसीलिए स्वस्थ्य जीवनशैली के लिए पेट के मोटापे को नियंत्रित रखना अत्यंत आवश्यक है। प्रत्येक को अपनी जीवनशैली में सुधर करना होगा जिससे कि पेट के मोटापे को और उससे जुड़े हृदयरोग की आशंकाओं को कम किया जा सके। उन्होंने कहा, कुछ आसान और स्वस्थ तरीकों से पेट की चर्बी को नियंत्रित किया जा सकता है जैसे सही खाना, जंक फूड नहीं खाना, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद लेना और तनाव को कम करना।
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