लिवर ही नहीं, अल्कोहल इन 6 तरीकों से आपके पूरे स्वास्थ्य को करता है प्रभावित

अल्कोहल या शराब पीने से लिवर खराब होता है, अक्सर आपने भी लोगों से ये बातें सुनी होंगी। मगर अल्कोहल लिवर ही नहीं, शरीर के दूसरे कई अंगों को भी बुरी तरह प्रभावित करता है।
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लिवर ही नहीं, अल्कोहल इन 6 तरीकों से आपके पूरे स्वास्थ्य को करता है प्रभावित


अल्कोहल या शराब पीने से लिवर खराब होता है, अक्सर आपने भी लोगों से ये बातें सुनी होंगी। मगर अल्कोहल लिवर ही नहीं, शरीर के दूसरे कई अंगों को भी बुरी तरह प्रभावित करता है। आमतौर पर लोग मानते हैं कि अल्कोहल की थोड़ी मात्रा से शरीर को कोई नुकसान नहीं होता है मगर हाल में हुए एक शोध में ये बात सामने आई है कि अल्कोहल की थोड़ी सी मात्रा भी आपके लिए खतरनाक है। आइए आपको बताते हैं ये कैसे करता है आपको स्वास्थ्य को प्रभावित।

दिमाग को करता है ब्लॉक

शराब सबसे ज्यादा दिमाग पर असर डालती है। शराब पीने के बाद आपके दिमाग की प्रतिक्रिया देने की गति पर विपरीत असर होता है। अल्कोहलयुक्त चीजें दिमाग को स्‍थायी रूप से सुस्‍त बना देती हैं। ऐसे लोगों को किसी चीज पर ध्‍यान केंद्रित करने में भी कठिनाई होती है। इसके अलावा एल्कोहल के लंबे समय तक प्रयोग से डिमेंशिया, स्ट्रोक और अल्जाइमर जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

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शरीर की दूसरे फंक्शन्स में आती है बाधा

अल्कोहल के सेवन का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि ये आपके शरीर के दूसरे सभी फंक्शन्स को रोक देता है। दरअसल प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फैट की तरह हमारा शरीर एल्कोहल को स्टोर करके नहीं रख पाता है इसलिए जैसे ही आप शराब पीते हैं, लिवर दूसरे फंक्शन्स को छोड़कर सबसे पहले एल्कोहल की प्रॉसेसिंग में जुट जाता है, क्योंकि शरीर में आए अपशिष्ट और जहरीले पदार्थों को बाहर निकालने का काम लिवर का है। ऐसे में शरीर के फंक्शन्स प्रभावित होते हैं।

ज्यादा एल्कोहल से लिवर डैमेज

एल्कोहल पीने से आपकी आंतों में मौजूद बैक्टीरिया तेजी से बढ़ने लगते हैं। ज्यादा बढ़ जाने पर ये बैक्टीरिया पेट की बाहरी दीवारों और लिवर में पहुंच जाते हैं, जिससे लिवर डैमेज का खतरा होता है।

इन्फर्टिलिटी का खतरा

अधिक शराब के सेवन से स्‍पर्म काउंटिंग कम हो सकती है। जो पुरुष बहुत ज्यादा मात्रा में ड्रिंक करते हैं उनकी स्पर्म क्वालिटी अच्छी नहीं है। जब एक सप्ताह में एल्कोहल की यूनिट 37.5 तक पहुंच जाती है तो इसका बहुत ज्यादा नकारात्मक प्रभाव होता है। एक बीयर के कंटेनर 2.3 यूनिट एल्‍कोहल होता है। लगातार शराब के सेवन से शुक्राणुओं पर बुरा असर पड़ता है। जितनी अधिक शराब का सेवन उतनी ही खराब गुणवत्‍ता का वीर्य।

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बढ़ जाता है कैंसर का खतरा

शराब सेवन से अवसाद, बेचैनी, लीवर सिरोसिस, पेनक्रियाटाइटिस, आत्महत्या की प्रवृत्ति, हिंसा और दुर्घटना जैसे मामले बढ़ जाते हैं। इससे मुंह, नाक, गले, पेट, लीवर और स्तन के कैंसर का ख़तरा भी बढ़ता है। दुनिया भर में कैंसर से होने वाली मौतों में 4 से 30 फ़ीसदी मौतें शराब के सेवन के कारण होती हैं। स्तन कैंसर में तो ये मामला 8 फ़ीसदी है। प्रतिदिन एक पेग लेने से स्तन कैंसर का ख़तरा 4 फ़ीसदी बढ़ता है जबकि ज़्यादा सेवन से ये ख़तरा 40 से 50 फ़ीसदी तक बढ़ जाता है।

हृदय रोगों का खतरा

शराब पीने वाले लोगों में हार्ट संबंधी बीमारियां होने की संभावना ज्‍यादा होती है। युवाओं द्वारा किया जाने वाला मदिरापान उच्च सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर (हृदय धड़कन पर रक्त वाहिकाओं पर बल) से जुड़ा होता है और अक्सर शराब पीने से कोलेस्ट्रॉल पर अतिरिक्त प्रभाव पड़ता है, दोनों कारक कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों में योगदान देते हैं।

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