
आजकल की भाग दौड़ भरी जिंदगी में उर्जा की कमी (Lack of Energy) होने के साथ-साथ लोगों में तनाव की स्थिति भी काफी बढ़ गई है। ऐसे में तनाव से छुटकारा पाने के लिए योग और साधना (Yoga and Meditation) को एक बेहतर विकल्प माना गया है। लेकिन खुद को मानसिक रूप से स्वसथ रखने का एक और विकल्प है हमारे पास। आपने मौन व्रत के बारे में तो खूब सुना होगा, लेकिन क्या आपने कभी मौन व्रत रखा है? अगर नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम आपको मौन व्रत रखने से होने वाले जबरदस्त फायदों के बारे में बताएंगे। दरअसल, मौन व्रत एक प्रकार की साधना है, जिसका अभ्यास कर आप खुद को उर्जावान और समृद्ध बना सकते हैं। मौन व्रत का अर्थ है एक तय समय तक आपको कुछ नहीं बोलना होता है। मौन व्रत रखने की परंपरा सदियों पुरानी है। कई साधु संत भी इस साधना का अभ्यास करते हैं। मौन व्रत रखने से आपकी एकाग्रता बढ़ती है, आप अधिक उर्जावान होते हैं, दिल के स्वास्थ्य के ले भी यह काफी मददगार माना जाता है। आइये जानते हैं मौन व्रत रखने से शरीर को होने वाले कुछ फायदों के बारे में।
1. हृदय के लिए लाभदायक (Beneficial For Heart)
आपने ये कई बार देखा होगा कि कोई व्यक्ति जब ज़्यादा बोलने लगता है खासकर ऊंची आवाज़ में तो उसका ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है। कभी-कभी ऐसी स्थिति में हार्ट अटैक आने का भी डर रहता है। इसलिए इतने शोर से भरी ज़िंदगी में हृदय को सुरक्षित और हेल्दी रखने के लिए कुछ समय मौन अवस्था में रहना अच्छा माना जाता है। शांत रहना आपके हृदय के लिए बहुत फायदेमंद होता है। मौन व्रत से आपका ब्लड सर्कुलेशन रेगुलेट रहता है। इससे ब्लड प्रेशर की समस्या दूर होती है और शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है। साथ ही मौन व्रत आपके शरीर में रक्त का संचालन भी सुचारू रूप से करने में मदद करता है।
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2. भावनाएं मजबूत करता है (Makes Emotion Strong)
अगर आपको जल्दी गुस्सा आ जाता है या आप जल्दी रो देते हैं या फिर कुछ ऐसा कर देते हैं, जिससे बाद में आपको पछताना पड़ता है तो आपकी भावनाएं आपके वश मे नहीं हैं। भावनाओं को मजबूत करना ज़रूरी होता है। भावनाओं की मजबूती के लिए मौन व्रत बहुत अच्छी साधना है। मौन रहते समय आप अपने आप को बेहतर तरीके से समझते हैं खुद के साथ समय बिताते हैं। जब आप अकेले कुछ पल के लिए मौन रहते हैं पका दिमाग आपकी भावनाओं को बेहतर स्तर पर प्रॉसेस करता है। उस समय आपके ऊपर किसी स्थिति या इंसान का दबाव नहीं होता। आप अपनी भावनाओं को समझकर आगे के लिए किस जगह पर किस तरह भावनाओं को काबू करना है ये आप सीख पाते हैं।
3. एकाग्रता बढ़ाने में मददगार (Improves Concentration)
मौन व्रत रखने से आपको सबसे अधिक लाभ अपनी एकाग्रता को बेहतर बनाने में होता है। मौन रहते समय दिमाग शांत रहता है। इससे आपका फोकस बना रहता है आपकी एकाग्रता दुगनी हो जाती है। जब शोर हमारे कानों तक पहुंचता है तो दिमाग का फोकस टूट जाता है। एकाग्रता बनी रहे इसलिए अधिकतर विद्यार्थी मन ही मन पढ़ते हैं बिना कोई आवाज़ निकाले। क्या आपने कभी ये सुना है कि सुबह 4 से 5 बजे पढ़ने से सब याद रहता है? ऐसा इसलिए क्योंकि सुबह बिल्कुल शोर नहीं होता, ना बाहर ना ही घर में इसलिए पढ़ा हुआ सब याद रहता है। यही कारण है कि मौन रहने से एकाग्रता बढ़ती है और इससे सबसे ज़्यादा लाभ छात्र उठा सकते हैं। पढ़ते समय या कुछ ऐसा काम करते समय, जिसमें आपको एकाग्रता की ज़रूरत है उस समय आप मौन व्रत धारण कर लें।
4. दिमाग को करे तेज (Make Mind Sharp)
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) की 2011 की रिपोर्ट के अनुसार ध्वनि प्रदूषण एक आधुनिक विपत्ति है। साल 2013 के शोध में चिकित्सकों ने पाया कि दो घंटे मौन रहने से दिमाग के एक अहम स्थान, हिप्पोकैंपस में नई सेल्स जनरेट होती हैं, जो कि याद्दाश्त को मजबूत बनाने में मदद करती है। मौन व्रत रखने से इंसान पुरानी से पुरानी चीज़ भी याद रख पाता है। ड्यूक विश्वविद्यालय (Duke University) के इस शोध के मुताबिक दो घंटे का मौन आपकी यादाश्त को तेज़ करता है। जब सब कुछ शांत और स्थिर रहता है तो दिमाग के लिए चीज़ें याद करने और याद करके लंबे समय तक स्टोर करना आसान हो जाता है। मौन व्रत से भूलने की आदत खत्म हो जाती है। इससे याद्दाश्त तेज़ होती है। कुछ देर के लिए मौन हो जाएं और अपनी आंखे बंद करें। आप खुद महसूस करेंगे कि आपका मन बहुत हल्का, शांत और स्थिर हो गया है। इतने समय में आपका दिमाग आपकी मेमरी पावर बूस्ट करेगा। मौन रहते समय ब्रेन प्रॉसेस करता है। इसलिए शोर से भरी इस दुनिया में कुछ पल मौन रहना एक ज़रूरत मानी गई है।
5. तनाव से मुक्ति (Get Rid of Stress)
मौन व्रत एक ऐसी साधना है, जिससे अधिकतम तनाव मुक्त होता है। पौराणिक काल में ऋषि महर्षि कई दिनों तक मौन धारण किए रहते थे। आज के ऐसे वातावरण में जहां हर तरफ से तनाव मिल रहा हो, यहां मौन व्रत की सबसे अधिक ज़रुरत महसूस होती है। कई शोधों के मुताबिक मात्र दो मिनट के मौन से आपका काफी हद तक तनाव दूर हो जाता है तो सोचिए लंबे समय तक मौन व्रत करने से मस्तिष्क को कितना आराम मिलेगा। जो लोग मानसिक रूप से किसी भी बीमारी जैसे कि डिप्रेशन, एंक्जाइटी आदि से जूझ रहे हों उनके लिए तो मौन व्रत बहुत ही लाभदायक होता है। मेंटल डिसऑर्डर के मरीजों को हमेशा सबसे पहले मेडिटेशन कि सलाह दी जाती है। मेडिटेशन भी एक तरह का मौन व्रत है। मौन रहते समय आप अपनी भावनाओं को बेहतर समझते है। आप बाहरी दुनिया को छोड़कर कुछ पल अपने साथ बिताते हैं। दिन भर काम या पढ़ाई या घर आदि के तनाव से मुक्ति पाना हो तो बस मौन व्रत धारण करें।
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6. शारीरिक उर्जा की बचत होती है (Stores Energy of Body)
बड़े बुजुर्ग कह गए हैं कि अपनी बात वहीं बोलो जहां ज़रूरत हो। जहां आपकी बात को समझने और सुनने की क्षमता रखने वाला ही ना हो वहां बोलने से क्या फायदा। ऐसा करके केवल ऊर्जा वेस्ट होती है। जितना हम कम बोलेंगे उतनी ही एनर्जी हमारे अंदर बची रहेगी। इससे हम बाकी के ज़रूरी काम पर अच्छे से ध्यान लगा पाएंगे। क्योंकि हर काम को करने के लिए शारीरिक और मानसिक ऊर्जा लगती है। मौन व्रत मानसिक ऊर्जा बचाने का एक बहुत अच्छा तरीका है। एनर्जी वेस्ट होने का सबसे बड़ा कारण है बातें ज्यादा करना। बातें करने से सबसे अधिक ऊर्जा वेस्ट होती है। फालतू और बेमतलब की बातों में दिन भर हम ना जाने खुद को कितना थकाते है। इसलिए मौन व्रत धारण कर ऊर्जा को बचना चाहिए।
अगर आप भी अपनी उर्जा को बरकरार रखना और तनाव मुक्त होना चाहते हैं तो मौन व्रत रखने की आदत डाल लें। इससे आपको काफी लाभ मिलेगा।
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