योग दुनिया भर में तेजी से लोकप्रियता हासिल कर रहा है। चिकित्सा विज्ञान ने भी इसके कई लाभों का समर्थन भी किया है, जिसका सकारात्मक प्रभाव हमारे हृदय स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। योग का अभ्यास आपकी लचीलेपन को बढ़ा सकता है, आपकी मांसपेशियों को मजबूत कर सकता है, तनाव को कम कर सकता है, सहनशक्ति बढ़ा सकता है और प्रतिरक्षा में सुधार कर सकता है। चूंकि सभी योगा पोज सांस लेने के व्यायाम के साथ होते हैं, इसलिए आपके श्वसन तंत्र को इसका सबसे अधिक लाभ मिलता है। वहीं योग ब्लड सर्कुलेशन को भी व्यापक तरीके से प्रभावित करता है, जो कभी कभार दिल के लिए नुकसानदेह हो सकता है। तो आइए आज हम आपको ऐसे प्राणायाम के बारे में बताएंगे, जिसे किसी भी दिल के मरीज को करने से बचना चाहिए।
योग तंत्रिका तंत्र को शांत करके हृदय-स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करता है, साथ ही ये रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है और लाभकारी एचडीएल को बढ़ाता है। पर दिल से जुड़ी बीमारियों के लिए योग आसन को करने से पहले योग प्रशिक्षक से परामर्श जरूर करें। ऐसा इसलिए क्योंकि ये आपके ब्लडप्रेशर को बढ़ा-घटा सकता है। साथ ही ये धमनी में रुकावट पैदा कर सकता है और हृदय में रक्त के प्रवाह को बढ़ा सकता है। तो हृदय की समस्याओं वाले लोग ये योगासन करने से बचें।
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दिल के मरीज भूल कर भी ट्राई न करें ये 5 योगासन (Yoga Poses to Avoid for Heart Problems)
1. चक्रासन (व्हील पोज)
इस मुद्रा के लिए बहुत ताकत और एक संतुलित श्वास पैटर्न की आवश्यकता होती है, जो आपके दिल पर बहुत दबाव डाल सकती है, जिससे हृदय तेजी से रक्त पंप कर सकता है। इस तरह हृदय को अधिक पंप करना हार्ट डिजीज को और बढ़ा सकता है।
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2. विपरीता करणी (उल्टा मुद्रा)
इस आसन का अभ्यास करने के लिए, आपको अपनी पीठ के बल लेटना होगा और अपने हाथों द्वारा समर्थित पैरों और कूल्हों को उठाना होगा। जिन लोग दिल के दौरे के जोखिम होता है, उन्हें इस मुद्रा से पूरी तरह से बचना चाहिए क्योंकि यह आपके शरीर पर ब्लड को निचले शरीर में प्रसारित करने के लिए दबाव डाल सकता है। इससे ब्लड प्रेशर तेजी से बढ़ सकता है, जो कि दिल से मरीजों के लिए फायदेमंद नहीं है।
3. सिरहसाना
यह एक उलटा मुद्रा है, जो हृदय को गुरुत्वाकर्षण के विरुद्ध ब्लड पंप करके उसे निचले शरीर में दबाव बनाते हुए भेजता है। गुरुत्वाकर्षण के विरुद्ध ब्लड पंप करना हार्ट के लिए बिलकुल भी सहीं नहीं है। साथ ही ये सीने में दर्द उठने का खतरा भी पैदा कर सकता है। इसलिए हार्ट के मरीज इसे करने से बचें।
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4. हलासन (हल मुद्रा)
यह योग मुद्रा भी आपके निचले शरीर ब्लड सर्कुलेट करने के लिए कारगर है। ये गुरुत्वाकर्षण के खिलाफ रक्त को प्रसारित करने का कारण बनता है, जिससे अंग पर दबाव बढ़ता है। यह हृदय की ओर रक्त की मात्रा भी बढ़ा सकता है, जो कि जोखिम से भरा हुआ है।
5.सर्वांगासन (शोल्डर स्टैंड)
इस आसन में आपको अपने कंधों पर खड़े होकर, ऊपरी शरीर पर पूरी तरह से दबाव डालना होता। जब आप इस मुद्रा में होते हैं, तो आपके हृदय को रक्त के प्रसार के लिए गुरुत्वाकर्षण के विरुद्ध अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जो दिल पर दवाब डालता है।
इस तरह अगर आपको ऐसे किसी भी योगासन को करने से बचना चाहिए, जिससे आपके दिल पर दवाब पड़े। साथ ही आपको ऐसे योगासनों को करने से भी बचना चाहिए, जो आपके ब्लड सर्कुलेशल और ब्लड प्रेशर को इस तरह से प्रभावित करे, कि इसका दबाव आपके दिल पर हो। ऐसे में सही तरीका यही है कि दिल के मरीज किसी भी योगासनों को करने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर बात कर लें।
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