
अगर आप भी कभी कभार एकदम से अपनी छाती में थोड़ी बहुत अकड़न या दर्द महसूस करते हैं तो वह कुछ कारणों की वजह से होता है, जो आसानी से ठीक किए जा सकते हैं। यह जरूरी नहीं होता है कि हर बार होने वाला छाती का दर्द आपके किसी हृदय रोग से ही जुड़ा हो। आपको यह दर्द गर्दन से पेट तक कहीं भी हो सकता है। कई बार यह दर्द आपके बैठने या लेटने के खराब ढंग से हो सकता है, तो कई बार यह और अधिक गंभीर भी हो सकता है। छाती में दर्द के कारणों में एक कारण गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल भी होता है। अगर आपको इन्फ्लेमेशन, सूजन, पैंक्रियाज जैसी समस्या होगी तो भी आपकी छाती में दर्द हो सकता है। इसके कुछ कारणों में कुछ बीमारियां जैसे अस्थमा, निमोनिया, ब्लड क्लॉट्स आदि भी शामिल होते हैं। तो आइए जानते हैं कौन से हैं वह योगासन (Yogasan) जिनकी मदद से आप छाती का दर्द ठीक कर सकते हैं। आपको डरने की कोई आवश्यकता नहीं है। अगर आप निम्न योगासन (Yogasan) ट्राई करेंगे तो भी आप इस दर्द से निजात पा सकते हैं।
1. मत्स्यासन (Matsyasana)
इस आसन को यह नाम भगवान विष्णु के मत्स्य रूप के देख कर दिया गया था। यह एक शुरुआती लेवल योग आसन है। इसके बढ़िया नतीजे पाने के लिए इसे सुबह खाली पेट ट्राई करें। इस पोज़ में आपको आधा से एक मिनट तक रहना है।
छाती के लिए लाभ- यह आसन आपकी रिब मसल्स में खिंचाव उत्पन्न करता है। यह आपकी गर्दन का फ्रंट और बैक दोनों हिस्से स्ट्रेच करता है और आपके पोस्चर को बेहतर बनाता है। यह आपके कंधों को भी रिलैक्स करता है।
2. उष्ट्रासन या कैमल पोज़ (Ustrasana)
यह आसन पीछे की ओर कमर को झुका कर किया जाता है। इसीलिए यह कैमल पोज से मिलता जुलता है। यह काफी कुछ विनेसा योग आसन जैसा है। सुबह खाली पेट इसका अभ्यास, 30 से 60 सेकंड के लिए करना फायदेमंद रहता है।
छाती के लिए लाभ- उष्ट्रासन आपके कंधों और पीठ को तो मजबूत बनाता ही है साथ ही छाती को भी मजबूती देता है और सांस लेने में सुधार करता है। इस योग मुद्रा से आपकी गर्दन टोन होती है।
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3. धनुरासन (Dhanurasana)
जब आप इस आसन में आते हैं तो ऐसा प्रतीत होता है कि कोई धनुष बाण छोड़ने के लिए तैयार है इसलिए ही इसे धनुरासन कहा जाता है। यह बिगिनर लेवल विनयसा योगासन है। इसे सुबह खाली पेट ट्राई करें और 15 से 30 सेकंड के लिए इसी अवस्था में रहें।
छाती के लिए लाभ- धनुरासन आपके हृदय की मसाज करता है और आपके अस्थमा को ठीक करता है। यह स्ट्रेस और थकान उतारने के लिए लाभदायक है। यह पोज आपके कंधों, गर्दन और छाती को खोलता है।
4. कोबरा आसन और भुजंगासन (Bhujangasana)
यह आसन हमें किसी सांप के उठे हुए फन की तरह प्रतीत होता है इसलिए इसे कोबरासन नाम दिया गया है। यह पोज बिगिनर लेवल अष्टांग योग आसन है। इसे सुबह खाली पेट ट्राई करें और इस अवस्था में लगभग 15 से 30 सेकंड तक रहें।
छाती के लिए लाभ- यह आसन आपकी छाती और कंधों की मसल्स को स्ट्रेच करता है। यह आपके मूड को बेहतर बनाता है और आपकी लचक को बढ़ाता है। यह पोज आपके शरीर में ब्लड और ऑक्सीजन सर्कुलेशन को बढ़ाता है।
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5. बितिलासन (Bitilasana)
बितिलासन हमें एक गाय के आकार में तब्दील कर देता है। संस्कृत शब्द बितिला का अर्थ गाय होता है। यह बिगिनर लेवल विनयसा योगासन है। इसे सुबह खाली पेट ट्राई करें। और 15 से 30 सेकंड के लिए इसी अवस्था में रहें।
छाती के लिए लाभ- यह आसन आपके पोस्चर और आपके संतुलन को बेहतर बनाता है। यह आपकी गर्दन को मजबूत बनाता है और आपकी कमर को स्ट्रेच करता है। यह आसन आपके दिमाग को शांति प्रदान करता है और आपकी स्ट्रेस कम करता है। यह आपके शरीर में ब्लड सर्कुलेशन भी बढ़ाता है।
छाती में हर दर्द का अर्थ यह नहीं होता है कि आपके हृदय में ही कोई समस्या उत्पन्न हो गई है। अगर यह दर्द हल्का ही हो तो आपको यह योगासन जरूर ट्राई करने चाहिए ताकि यह शुरू में ही ठीक हो सके। अगर यह स्थिति अधिक गंभीर हो जाती है और आपका दर्द ठीक नहीं होता है तो आपको अपने डॉक्टर से जरूर बात करनी चाहिए।
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