
कोई भी शादी या रिश्ता बिना बहस या झगड़े के नहीं चल सकता है। कुछ झगड़े बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं और नौबत बात अलग तक होने की आ जाती है जबकि कुछ पति-पत्नी के झगड़े काफी दिलचस्प और मजेदार साबित होते हैं, जिसमें थोड़ी देर में ही मजाखोरी होने लगती है। कुछ एक्सपर्ट की मानें तो पती-पत्नी के बीच झगड़े हेल्दी हो सकते हैं क्योंकि इससे उन्हें अपने रिश्ते में समस्याओं और परेशानियों को हल करने में मदद मिल सकती है। शादी या रिश्ते में समस्या तब आती है जब लोग उन मुद्दों को हल करने में विफल साबित होते हैं, जिसके कारण उनका मन परेशान रहता है और रिश्ते कमजोर होने का खतरा बढ़ने लगता है।
कई बार बहुत सी अनकहीं परेशानियां से उत्पन्न होने वाली भावनाएं निराशा पैदा कर देती हैं, जो बाद में दो लोगों के बीच बड़े झगड़े का कारण बन सकती है। जबकि कई लोगों का मानना है कि दंपतियों के बीच झगड़े उनके स्वर्ग में मुसीबत बनने का संकेत देते हैं। अक्सर जब दो लोग लड़ते हैं तो उनके बीच ताने देना शुरू हो जाता है। फिर चाहे वह गुस्से में हो या नहीं। और आपस में बात कर किसी भी समस्या को हल करना सबसे अधिक आवश्यक होता है। अब आपके लिए जरूरी है कि सभी झगड़ों को स्वस्थ न मानें, क्योंकि कुछ झगड़े ऐसे नहीं होते हैं। पति-पत्नी के बीच झगड़े जो उन्हें हल करने के बजाय अधिक समस्याएं पैदा करते हैं, खासकर अगर वे बार-बार किसी न किसी बात पर झगड़ा करते हैं। इस लेख में हम आपको पति-पत्नी के बीच झगड़े में ऐसे तानों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें अक्सर वे एक-दूसरे को सुनाते हैं। इस तरह के तानों पर आपको हंसी भी आ सकती है क्योंकि ऐसा ज्यादातर भारतीय पती-पत्नी के बीच अक्सर होता है।
आप हमेशा बिस्तर पर गीले तौलिये क्यों रखते हैं?
अगर हमें एक छोटा सा ताना चुनना हो, जो कि भारत में सभी विवाहित पतियों को सुनने को मिलता है वह है - बिस्तर पर गीला तौलिया रखने को लेकर लड़ाई? यह कहने की जरूरत नहीं है कि ज्यादातर समय पति ही यहां अपराधी होता है? हालांकि, यह पता लगाना बड़ा ही मजेदार है क्योंकि अधिकांश जोड़े अपनी शादी के बाद गीले तौलिये को बिस्तर पर रखने को लेकर कैसे लड़ते हैं।
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मां के हाथ की चाय
पती-पत्नी के बीच झगड़े का दूसरा प्रसिद्ध कारण है 'मां के हाथ की चाय'। भारत में ज्यादातर नए जोड़ों के बीच इस तर्क को लेकर बहस होती है, जिसके बारे में लोगों को खुद पता नहीं होता कि ये तर्क दिया ही क्यों जाता है। आप इसे स्वीकार करें या नहीं लेकिन अधिकांश भारतीय पत्नियां अपने जीवन में किसी न किसी समय अपने पति को मां द्वारा तैयार किए गए भोजन के साथ खाना पकाने की तुलना करते हुए जरूर सुनती हैं। जब आप ध्यान लगाएंगे तो पाएंगे की आपने भी कभी न कभी अपनी बीबी के खाने की तुलना अपनी मां के खाने से जरूर की होगी।
मेरे साथ समय बिताने के बजाय अपने दोस्तों और काम में लगे रहना?
नई नवेली शादी होने पर अक्सर पत्नियों का एक तर्क ये रहता है कि उनके पती उन्हें टाइम नहीं देते फिर चाहे काम को लेकर बाहर जाना हो या दोस्तों के साथ वक्त बिताना। जी हां, हर किसी लड़के को अपने दोस्तों के साथ नाइट आउट करना पसंद होता है, कुछ को शायद अपनी पत्नी के साथ समय बिताना ज्यादा पसंद होता है। यह नवविवाहितों के साथ ज्यादातर घरों में अक्सर होने वाली बहस का कारण होता है। लेकिन जब पति अपनी पत्नी को सरप्राइज देता है तो वह घर में शांति बहाल कर सकता है।
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आपको मेरे माता-पिता पसंद नहीं हैं?
यह वही पुरानी कहावत है, जिसमें कि ज्यादातर भारतीय जोड़े दोषी पाए जाते हैं। शादी न केवल दो लोगों को एक साथ बांधती है बल्कि उनके परिवार को भी करीब लाती है। इसलिए यह उम्मीद की जाती है कि विवाहित जोड़े अपने माता-पिता की तरह ही अपने ससुराल वालों के साथ व्यवहार करें। लेकिन ऐसा करना हमेशा आसान नहीं होता है, कम से कम शुरुआत में तो ऐसा ही होता है? इसलिए, नवविवाहित जोड़े अक्सर अपने ससुराल वालों को पसंद या नापसंद करने के बारे में बहस करते हुए देखे जाते हैं।
बैचेलर की तरह व्यवहार करना बंद करो?
लड़के हमेशा लड़के ही रहेंगे, यह बात आपने कई बार सुनी होगी। जहां अधिकांश भारतीय महिलाएं पत्नी के रूप में अपनी नई भूमिका के लिए तैयार होती हैं, वहीं कुछ पुरुष अपने वैवाहिक जीवन में तालमेल बिठाने में समय लेते हैं। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं कि वे अभी भी पार्टी करना चाहेंगे जैसे वे पहले करते थे और थोड़ा बहुत फ्लर्ट भी। यह आश्चर्य की बात नहीं होनी चाहिए जब एक पत्नी इस तरह के बैचेलर व्यवहार पर आपत्ति जताएगी और अपने पति के साथ बहस करेगी।
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