अपने बच्चों के लिए रोज निकालें बस 30 मिनट का समय, कम्यूनिकेशन गैप होगा कम

यहां तक कि अगर आपके पास व्यस्त कार्यक्रम है, तो अपने बच्चे के साथ निर्बाध, गुणवत्ता समय बिताने के लिए कम से कम कुछ मिनट निकालना फायदेमंद है।
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अपने बच्चों के लिए रोज निकालें बस 30 मिनट का समय, कम्यूनिकेशन गैप होगा कम

बच्चे और माता-पिता के बीच किसी भी तरह की संवाद की कमी बच्चों के मानसिक पटल और उनकी सोच को प्रभावित करती हैं। आप कई बार पाते होंगे कि बच्चे अपने परिवार से कभी-कभी चिड़चिड़े हो जाते हैं और फिर वो मां-बाप भाई बहन से कटने लगते हैं। इस तरह की चीजों के बाद वो परिवार से बातें छिपाने लगते हैं। धीरे-धीरे इस तरह वो परिवार से अलग भी होने लगते हैं। ऐसे में माता-पिता को उन्हें डांटने के बजाय, पहले उनके व्यवहार के कारण की पहचान करने की आवश्यकता है। वहीं माता-पिता को जानने की भी जरूरत है कि उनके तरफ से बच्चों को समझने में क्या गलतियां हो रही हैं। दरअसल कई बार बच्चे बातचीत के अभाव में ही अपने नकारात्मक रवैये के माध्यम से अपनी निराशा या क्रोध व्यक्त करते हैं। जरूरी है कि माता-पिता इस चीज को समझें और इसके लिए कुछ जरूरी कदम उठाएं।

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पेरेंटिंग विशेषज्ञों की मानें तो, बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिताने से आप उन्हें समझ सकते हैं और उनके बदलते व्यवहार को ठीक कर सकते हैं। अगर आप बहुत व्यस्त भी हैं, तो भी आपको अपने बच्चे के लिए दिन में कम से कम 30 मिनट निकालना चाहिए। इससे बच्चे के साथ आप निर्बाध रूप से एक अच्छा कंमेक्शन बना पाएंगे। वहीं इन 30 मिनट को आप किस तरह इस्तेमाल करें इसके लिए हम आपको कुछ आसान और खास टिप्स बताते हैं।

दिन का एक विशिष्ट समय निर्धारित करें

माता-पिता को चाहिए कि वो बच्चों के लिए रोज दिन का एक विशेष समय निकालें और तय कर लें कि कितना भी जरूरी काम होगा वो ये समय अपने बच्चों को ही देंगे। आप इसके लिए एक शेड्यूल तय कर सकते हैं जैसे रात के खाने से पहले या सोते समय। इस समय के दौरान, आप उन गतिविधियों में संलग्न हों, जो आपके बच्चे के लिए फायदेमंद हो या मजेदार हो। इन तमाम चीजों में आप बच्चों को कहानी सुनाना और उन्हें किताब पढ़कर कुछ अच्छी बातें बताने जैसी गतिविधियां हो सकती हैं।

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बिताया गया समय में विशेष काम चुनें

माता-पिता बच्चे के रूप में एक ही कमरे में होते हैं या एक समारोह में भाग लेते हैं, वास्तव में गुणवत्ता समय के रूप में योग्य नहीं होते हैं। अपने बच्चे के साथ बिताए 30 मिनट में, उनका ध्यान यहां केंद्र होना चाहिए। यही ध्यान दें कि आपके बच्चों का दिमाग यहीं हो और वो आपकी बात ध्यान से सुन रहे हों। बच्चों को जिस तरह समझाया जाता है उस लहजे को आप थोड़ा ठीक कर सकते हैं। वहीं आप उन्हें समझाने का कोई क्रिएटिव तरीका भी ढ़ूढ सकते हैं। आपका जितनी तरीका फ्रेंडली होगा आपके बच्चे आपके उतने ही आपके करीब होंगे।

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इस समय में बच्चे से सिर्फ सीधी और साफ बात करें

अपने बच्चे को बताएं कि उसके माता-पिता उसके लिए विशेष समय निकाल रहे हैं। इससे उन्हें इसे बातचीत के किसी अन्य समय से विशेष समय को अलग करने में मदद मिलेगी। दिन भर उनके साथ जो हुआ और क्यों हुआ इन सब पर खुल कर बात करें। इस दौरान ध्याम दें कि पहले आप उनकी बात सुनें और फिर अपनी राय रखें। उनसे अपनी बात सीधे बताएं पर प्यार से रवैया हमेशा ऐसा रखें कि बात उनकी ही होगी, उनके तरह से होगी बस चीजें थोड़ी बदल जाएंगी। इस तरह वो भी खुश रहेंगे और आपकी भी बात रह जाएगी।

बच्चे को हमेशा पहले चुनने का मौका दें

हमेशा उनके हितों को सोचते वक्त रचनात्मक रहें। यानी कि आपको हमेशा अपने बच्चे को मौका देना है और उनके सामने नए और विकल्प रखें। फिर बच्चों से उनके चुनाव पर बात करें और पूछें कि उन्हें ऐसा क्यों लगता है। तब अगर आप सहमत हैं तब तो ठीक हैं, पर अगर आपको ये पसंद नहीं है तो एकदम से बच्चे के मुंह पर मना न करें। इसके लिए उन्हें समझाएं और बात करें कि ये कैसे गतल है और अब आप इसके लिए क्या कर सकते हैं।

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इस दौरान अन्य मुद्दों पर ध्यान देने से बचें

जब आप अपने बच्चे के साथ बैठकर गुणवत्ता वाले समय बिताते हैं तो काम या व्यावसायिक प्रतिबद्धताओं को खुद से दूर रखें। वहीं उनसे अन्य कर्तव्यों के बारे में बात न करें। यह विशेष रूप से आपके बच्चों को नाराज नहीं करेगा। इसके साथ आप अपने बच्चे के सामने अच्छे माता-पिता बन पाएंगे। उन्हें लगेगा कि आपके लिए वो कितने महत्व रखते हैं। इस तरह आप इन 30 मिनट का अच्छा और फायदेमंद इस्तेमाल कर पाएंगे।

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