विटामिन्स हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी हैं। यही कारण है कि टीवी, अखबार हो या इंटरनेट, हर जगह आपको ढेरों ऐसे विज्ञापन मिलेंगे, जो बताएंगे कि सुस्ती और थकान का कारण विटामिन की कमी है, इसलिए उनके ब्रांड की बनाई गई विटामिन की गोलियां खाई जाएं। बहुत सारे लोग इन विज्ञापनों से प्रभावित होकर विटामिन्स की गोलियां बिना डॉक्टर या प्रोफेशनल की सलाह लिए खाने भी लगते हैं। लेकिन क्या सच में आपके शरीर को इस अतिरिक्त विटामिन की जरूरत है, जो आप गोलियों के द्वारा ले रहे हैं? विटामिन की गोलियां खरीदने से पहले आपको ये 5 बातें जान लेनी चाहिए, ताकि आप किसी गलत सूचना के चक्कर में अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ न कर बैठें।
FDA और USDA विटामिन की गोलियां खाने की सलाह नहीं देते
फिलहाल जो भी डाइट्री सप्लीमेंट्स बाजार में मौजूद हैं, वे सभी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) और युनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर (USDA) के रेगुलेशन में नहीं आते हैं। इसका अर्थ है कि ये कंपनियां स्वयं ही एक्सपेरिमेंट करती हैं और परिणाम का दावा करती हैं। ऐसे विटामिन्स और सप्लीमेंट्स इंसानों के प्रयोग के लिए कितने सुरक्षित हैं, ये भी कंपनियां स्वयं ही तय करती हैं। हालांकि अगर किसी सप्लीमेंट से किसी व्यक्ति का नुकसान होता है, तो FDA उसे प्रोडक्शन से रोक सकता है, लेकिन अगर कोई फायदा न हो, तो इसके बारे में कुछ नहीं किया जा सकता है।
कई बार कंपनियां इस तरह के डाइट्री सप्लीमेंट्स में तय सीमा से ज्यादा केमिकल्स और कैफीन आदि का प्रयोग करते हैं, इसलिए बिना जांच-परख के इनका सेवन करना ठीक नहीं है।
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किसी और को देखकर कोई विटामिन की गोली न खाएं
अक्सर लोगों को लगता है कि विटामिन की गोलियों का कोई साइड इफेक्ट नहीं होगा, इसलिए किसी दूसरे को जब वो कोई गोली खाते देखते हैं, तो उसी ब्रांड की गोली अपने लिए खरीद लेते हैं। ये प्रैक्टिस बहुत गलत है। जरूरी नहीं है कि सामने वाले व्यक्ति को जिन विटामिन्स की जरूरत है, उन्ही विटामिन्स की कमी आपके शरीर में भी हो, इसलिए किसी को देखकर या किसी के सुझाव के आधार पर आपको कभी भी इस तरह की गोलियों का सेवन नहीं करना चाहिए।
विटामिन सप्लीमेंट्स भोजन का विकल्प नहीं हो सकते
आप कितने भी अच्छे विटामिन सप्लीमेंट्स ले लें, लेकिन ये असली भोजन का विकल्प कभी नहीं हो सकता है। विटामिन की गोलियां खास जरूरत पड़ने पर दी जाती हैं। ऐसे में अगर आपको लगता है कि आपके शरीर में ऊर्जा और विटामिन्स की कमी है, या फिर किसी जांच में आपके शरीर में कोई विटामिन कम पाया जाता है, तो आप कोशिश करें कि हेल्दी डाइट लेकर उस विटामिन की कमी को पूरा करें। प्रकृति ने पहले ही फलों, सब्जियों, अनाज, नट्स और दालों, मशरूम, सोयाबीन्स, मछली, चिकन, अंडे आदि में सभी तरह के विटामिन्स और मिनरल्स भरकर हमें सौंपे हैं। इसलिए अपनी डाइट सही करें, न कि विटामिन की गोलियां लेना शुरू कर दें।
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विटामिन्स और सप्लीमेंट्स का ओवरडोज हो सकता है खतरनाक
मल्टीविटामिन गोलियों का सेवन आपके लिए कई बार बेहद खतरनाक हो सकता है। संभव है कि आपके शरीर में किसी एक विटामिन की कमी हो। ऐसे में किसी टैबलेट में मौजूद दूसरे विटामिन्स, जिनकी कमी आपके शरीर में नहीं है, आपके लिए ओवरडोज हो सकते हैं। इसका बेहद खतरनाक असर आपके सेहत पर पड़ सकता है। कई बार विटामिन्स और सप्लीमेंट्स का ओवरडोज आपको जीवनभर के लिए किसी बीमारी जैसे- थायरॉइड, किडनी के रोग, लिवर की बीमारी, हार्ट की बीमारी आदि का शिकार बना सकता है। इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी विटामिन की कैप्सूल अपने से कभी भी न लें।
दवाओं के साथ मिलकर घातक हो सकते हैं
अगर आप पहले से ही किसी बीमारी की दवा खा रहे हैं, तो आपके द्वारा ली गई विटामिन की गोली इस दवा के साथ मिलकर कई बार घातक सिद्ध हो सकती है और धीरे-धीरे आपकी जान भी ले सकती है। ऐसे बहुत सारे विटामिन्स हैं, जो अलग-अलग रोगों की दवाओं के साथ नहीं लिए जाने चाहिए। इनकी जानकारी डॉक्टर को ही होती है। इसलिए आपको कौन सी दवा खानी चाहिए और कौन सी नहीं, इसका फैसला आप अपने डॉक्टर को लेने दें, न कि स्वयं ही कोई दवा लेना शुरू कर दें।
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