ह्रदय को स्‍वस्‍थ रखने के लिए एक्‍सपर्ट से जानें 5 आयुर्वेदिक टिप्‍स, कभी नहीं आएगा हार्ट अटैक

अपने दिल को सुरक्षित एवं स्वस्थ रखना हमारे खुद के हाथो में है। दिल के दौरे से होने वाले नतीजों को देखते हुए, हर एक को अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए आयुर्वेद में बताये हुए ज्ञान को अपनी जीवनशैली में अपनाना चाहिए। 
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ह्रदय को स्‍वस्‍थ रखने के लिए एक्‍सपर्ट से जानें 5 आयुर्वेदिक टिप्‍स, कभी नहीं आएगा हार्ट अटैक


दिल का दौरा यानी हार्ट अटैक दुनिया में लाखो लोगो को प्रभावित करता है। जिनमें से कुछ लोग इस अचानक से हुई बीमारी से उभर पाते है। परिसंचरण तंत्र शरीर में खून के द्वारा पोषक तत्त्व, ऑक्सीजन एवं प्राण को पहुंचता है। दिल इस परिसंचरण तंत्र के मध्य में है। सारा खून दिल से होकर ही शरीर के अंगो तक पहुंच पाता है। एक स्वस्थ मानव शरीर का दिल एक मिनट में 65-75 बार धड़कता है। यह अंक तनाव, व्यायाम एवं चिंता जैसे कारणों से बदल सकता है। हृदय का रुक जाना ऑक्सीजन की मात्रा कम होने की वजह से होता है। इस घटना के छाती में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, पसीना आना, चक्कर आना जैसे लक्षण हो सकते है। 

 

अपने दिल को सुरक्षित एवं स्वस्थ रखना हमारे खुद के हाथो में है। दिल के दौरे से होने वाले नतीजों को देखते हुए, हर एक को अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए आयुर्वेद में बताये हुए ज्ञान को अपनी जीवनशैली में अपनाना चाहिए। स्‍वामी परमानंद प्राकृतिक चिकित्‍सालय योगा एवं अनुसंधान केंद्र के आयुर्वेदाचार्य डॉ. प्रमोद बाजपाई बता रहे है आयुर्वेद में बताये गए स्वस्थ हृदय के लिए कुछ युक्तियां। 

1. सोने की अवधि पूरा करना: 

एक अनुसंधान के मुताबिक सोने की अवधि में कमी सीधे तनाव, रक्तचाप में असंतुलन एवं चिंता जैसी बिमारिओ से जुडी हुई है। इन्ही कारणों से दिल का दौरा होने की संभावनाए बढ़ जाती है। आयुर्वेद में नींद को उतना ही महत्त्व दिया गया है जितना एक स्वस्थ आहार को दिया जाता है। 

2. तनाव पूर्ण परिस्थितिओ से दूर रहना: 

आयुर्वेद में ओजस को शरीर के परमानन्द, संतोष एवं गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। पाचन के उत्पाद से बने श्रेष्ठ तत्‍व, ओजस की मात्रा अंदरूनी शक्ति, संतुलन, सकारात्मक मानसिकता से बढ़ाई जा सकती है। 

3. स्वस्थ खाने का ग्रहण: 

दिल को स्वस्थ रखने के लिए स्वस्थ आहार सबसे जरुरी है। एक ऐसे काल में रहना जहा सब लोग बहार का खाना कहते है, स्वस्थ खाना अपने आप में एक चुनौती है। ताज़ी सब्ज़िओ, फलो का सेवन, भिगोये हुए बादामों का सेवन, सब्ज़िओ में निम्बू, हल्दी व् काली मिर्च जैसे मसलो का इस्तेमाल आयुर्वद में बताये गए है।

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4. आंतरिक सफाई रखना: 

दिल को स्वस्थ रखने के लिए आयुर्वेद आंतरिक सफाई का भी सुझाव देता है। शरीर में कुछ हानिकारक पदार्थो के मौजूद होने से भी दिल की बीमारिया बढ़ने का खतरा बना रहता है। इसी वजह से आयुर्वेद शरीर में जमा हुए 'अमा' (हानिकारक तत्त्वों) को निकलने से लिए दिन में गरम पानी का सेवन, दिन के आहार में एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर चीज़ो को खाने की सलाह देता है। 

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5. ध्यानपूर्वक खाना: 

खाने को छोटे भागो में खाना, दिन में किसी भी समय का भोजन नहीं छोरना, ताज़ी लस्सी का सेवन, देर रात भारी खाने से परहेज़ आपके दिल को सदा स्वस्थ और तंदरुस्त रखने में सहायता करेगा। आप इन आदतों को 1-1 करके अपनी जीवनशैली में उतार सकते है। कुछ हफ्ते बाद आप बाकी की आदतों को भी अपनी दिनचर्या में शामिल कर अपने दिल को स्वस्थ बनाने की तरफ आयुर्वेदिक कदम उठा सकते है। इन आदतों की आदत डालना न केवल आपके दिल बाकि आपके पूरे शरीर के लिए महत्वपूर्ण व् स्वास्थ्पूर्ण साबित होगी।

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