
सह-निर्भरता यानी कि एक दूसरे पर निर्भर होना कुछ मात्रा स्वीकार्य है, जब आप किसी के साथ रोमांटिक रूप से शामिल होते हैं। आखिरकार, वह जीवन साथी ही क्या है, जिसके साथ कोई व्यक्ति अपनी समस्याओं को साझा करने के लिए, अपनी जीत का जश्न मनाने या महत्वपूर्ण जीवन की घटनाओं में शामिल होने के लिए निर्भर न करें। इसलिए, ऐसे पार्टनर ढूंढना आश्चर्यजनक नहीं है ,जो एक साथ कई काम करते हैं, जैसे कि पार्टियों में भाग लेना, खरीदारी करना या आपका खाता सभालें। कभी-कभी, एक साथी पर यह निर्भरता कई स्तरों पर गलत हो सकती है, खासकर जब ये आपके रिश्ते को प्रभावित करना शुरू कर दे। एक रिश्ते या शादी को लंबे समय तक चलने के लिए, भागीदारों को एक दूसरे को कुछ स्थान देना सीखना चाहिए। रिलेशनशिप एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर आप किसी को आपको पूरा करने वाले पार्टनर के रूप में देख रहे हैं, तो वह आपके अस्तित्व पर भी अपना प्रभाव डाल सकता है। तो आइए जानते हैं उन संकेतों के बारे में, जो बताता है कि आप अपने साथी पर जरूरत से ज्यादा निर्भर हो गए हैं।
अकेले कोई भी काम न करना
क्या आपको याद है आखिरी बार आप अकेले बैंक गए थे या अपने साथी के बिना आप कहीं गए हों? अगर ऐसा नहीं हुआ है, तो आपने नहीं कहा है, तो ये इस बात का सूचक है कि आप अपने साथी पर जरूरत से ज्यादा निर्भर हो गए हैं। एक व्यक्ति, जिसे अपने साथी के साथ ही सब कुछ करने की आदत है, वह अक्सर चिंतित हो जाता है। साथ ही जब उसे किसी भी स्थिति का अकेले सामना करना पड़ता है तो वो अपना आपा खो देते हैं। ऐसे लोगों के लिए एक सामान्य बात भी चुनौती की तरह दिखाई देती है। यह एक स्वस्थ आदत नहीं है और जितनी जल्दी आप इसे बदलते हैं, उतना ही यह आपके लिए बेहतर होगा।
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जब आपकी हर खुशी आपके पार्टनर से हो
क्या आप उन लोगों में से हैं, जो अपने साथी को अपनी खुशी को नियंत्रित करने देते हैं? यह न केवल आपके रिश्ते के लिए बुरा है, बल्कि आपको असंतुष्ट और डिप्रेस भी महसूस करवा सकता है। इसलिए अपनी खुद की खुशी या आपको खुश करने वाली चीजों पर अपना नियंत्रण रखना महत्वपूर्ण है। किसी को आपको खुश करने की शक्ति देना एक बड़ा जोखिम हो सकता है। यह एक साथी के लिए बहुत भारी हो सकता है जब उसे यह असंभव जिम्मेदारी दी जाती है। इसलिए अकेले भी खुश रहना सीखें।
आपका हर फैसला, आपका पार्टनर ले
अगर आप अपने साथी पर निर्भर करते हैं कि वह हर निर्णय चाहे वो छोटा हो या बड़ा सारे फैसले फिर वही लेंगे। ऐसे में उन दिनों को याद रखें जब आपके माता-पिता यह चुनते थे कि आप क्या पहन रहे हैं, सबसे अच्छा कॉलेज का चयन इत्यादि। तब आपको ये कितना बुरा लगता था। इसी तरह आपको अपने पार्टनर का हर बात में घुसना भी आगे चलकर कभी न कभी परेशान कर सकता है। इसलिए अपने साथी को अपने माता-पिता या अभिभावक के रूप में न समझें। ऐसा व्यवहार आपको अपने साथी से दूर धकेल सकता है।
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आपके पार्टनर के दोस्त ही आपके दोस्त हों
किसी के साथ रिश्ते में होने का मतलब यह नहीं है कि आपको अपने साथी की तरह दोस्तों का एक ही सर्कल होना चाहिए। निर्भरता तब होती है जब आप अपने साथी पर पूरी तरह से निर्भर होते हैं, यानी कि उनके दोस्तों सहित। ऐसा करने से आपके साथी को घुटन महसूस होगी और ऐसा समय भी आ सकता है जब वह आपसे कुछ दूरी की लालसा करेगा। एक साथी के साथ एक स्वस्थ और स्थिर संबंध बनाने के लिए, आपको उस एक व्यक्ति के अलावा अपने जीवन में लोगों की आवश्यकता है।
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