डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जो दुनिया भर में बड़ी तेजी से बढ़ रही है। गलत लाइफस्टाइल और अनहेल्दी आदतों के कारण लोग इसके शिकार होते जा रहे हैं। डायबिटीज को लेकर चिंता की बात ये है ये बीमारी कभी भी अकेले नहीं आती, साथ में अन्य बीमारियां भी लाती हैं। जैसे कि डायबिटीज के मरीज को मोटापा, ब्लड प्रेशर की शिकायत और पाचन से जुड़ी अन्य परेशानियां भी होती हैं। वहीं ये स्थिति केवल वयस्कों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि 6 महीने तक के बच्चे को भी डायबिटीज प्रभावित कर सकती है। लेकिन डायबिटीज का टेस्ट कर जल्द से जल्द उपचार प्राप्त कर, इस स्थिति को कंट्रोल करने में मदद मिलत सकती है। हाल ही में एक नए अध्ययन के अनुसार, एक छोटी सी ट्रिक सामने आई है, जो टाइप 2 डायबिटीज के बारे में पता लगाने में मदद कर सकता है। इस ट्रिक के जरिए आप जान सकते हैं आपको डायबिटीज होने का कितना खतरा है और कितना नहीं। आइए जानते हैं विस्तार से।
डायबिटीज का पता लगाने वाला क्या है ये ट्रिक?
एनल्स ऑफ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम की पहचान करने के लिए आपके हैंडग्रिप की ताकत ये तय कर सकता है कि आप डायबिटीज के शिकार हो सकते हैं या नहीं। इस तरह डायबिटीज के खतरे का पता लगाने के लिए ये सस्ता तरीका हो सकता है। इसमें व्यक्ति के हाथों में कुछ चीजों को देकर उसकी हैंडग्रिप यानी कि हाथों की पकड़ चेक की जाती है। वहीं इस विष्य पर शोधकर्ताओं ने काफी गहराई से शोध भी किया।
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हैंडग्रिप से कैसे पता लगाया जा सकता है डायबिटीज का खतरा?
यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल और पूर्वी फिनलैंड के शोधकर्ताओं ने 60-72 वर्ष की आयु के बीच 778 लोगों की हैंडग्रिप शक्ति की जांच की, जिन्हें पहले से डायबिटीज नहीं था। इन सभी लोगों को पांच सेकंड के लिए हैंडग्रिप ट्रिक आजमाने के लिए कहा गया। इस दौरान हैंडग्रिप डायनेमोमीटर के हैंडल को दबाने के लिए लोगों को अपने अधिकतम प्रयास का उपयोग करने को कहा गया। अध्ययन के परिणामों में ये पाया गया कि हैंडग्रिप की ताकत को बढ़ाने के लिए हर यूनिट में टाइप 2 डायबिटीज का खतरा आधा था। यानी कि जो लोग हैंडग्रिप ट्रिक में अच्छा नहीं कर पाए या वो कम ताकत लगा पाए उन्हें डायबिटीज होने का खतरा ज्यादा है। वहीं जून 2020 में किए गए एक अन्य हालिया अध्ययन में पाया गया था कि जिन लोगों के पास हैंडग्रिप की अच्छी ताकत है, उनमें टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम 27 प्रतिशत कम था।
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मांसपेशियों की ताकत का कम होना हृदय रोग का संकेत
इस शोध के दौरान एक चीज और मालूम हुई कि मांसपेशियों की ताकत का कम होना हृदय रोग का एक बड़ा संकेत है। वहीं ये विकलांगता सहित अन्य बीमारियों का संकेत हो सकता है। वो ऐसे कि जिन लोगों की मांसपेशियों में दम कम है, उनका ब्लड सर्कुलेशन बेहतर नहीं और उनका जल्दी से थकना इस बात का संकेत है आप अंदर से कमजोर हो गए हैं। ऐसे लोगों को चाहिए कि वो अपने दिल के स्वास्थ्य का खास ख्याल रखें। वहीं इसके साथ टाइप 2 डायबिटीज के लक्षणों को कंट्रोल करना भी बेहद जरूरी है।
तो अगर आपको भी डर है कि कहीं आप डायबिटीज के शिकार न हो जाएं, तो एक बार हैंडग्रिप ट्रिक का इस्तेमाल जरूर करें। वहीं डायबिटीज को रोगियों को हमेशा हेल्दी डाइट लेनी चाहिए और ऐसे फूड से दूर रहना चाहिए जो ब्लड शुगर लेवल बढ़ाते हों। साथ ही रोज सुबह वॉक पर जाना, योग करना और एक्सरसाइज करना बिलकुल न भूलें और एक हेल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो करें।
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