हम में से ज्यादातर लोग दिन की शुरुआत ब्रेड से करते हैं। ब्रेड हमारे दैनिक आहार खासकर ब्रेकफास्ट का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई है। आपने अक्सर सुना होगा कि व्हाइट ब्रेड के नुकसान हैं मगर ब्राउन ब्रेड के कोई नुकसान नहीं हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं आपके ब्रेड में कई ऐसे इंग्रेडिएंट्स हो सकते हैं, जिनका आपकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। ब्रेड को खराब होने से बचाने के लिए, स्वाद बढ़ाने के लिए और खूबसूरती बढ़ाने के लिए इन तत्वों का इस्तेमाल किया जाता है मगर ये तत्व आपको बीमार बना सकते हैं।
रिफाइंड ग्रेन
आप सोच रहे होंगे ग्रेन यानी अनाज कैसे हानिकारक हो सकता है। मगर आपको बता दें कि रिफाइंड अनाज में समूचे अनाज की तरह पोषक तत्व नहीं होते हैं, बल्कि ये तत्व अनाज को रिफाइन करने की प्रक्रिया में ही समाप्त हो जाते हैं। इसलिए अनाज के इस्तेमाल के बावजूद ब्रेड और अन्य बेकरी प्रोडक्ट्स फायदेमंद नहीं होते हैं। इसकी जगह होल ग्रेन से बने ब्रेड का इस्तेमाल किया जा सकता है। रिफाइंड अनाज के इस्तेमाल से इंसुलिन बनना बंद हो जाता है और डायबिटीज का खतरा होता है।
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पोटैशियम ब्रोमेट
पोटैशियम ब्रोमेट एक ऑक्सिडाइजिंग तत्व है, जिससे ब्रेड का मैदा आटा ज्यादा फूलता है, जिससे ब्रेड मुलायम बनती है और कम मैदे में ज्यादा बड़ी ब्रेड बनाई जा सकती है। इसके अलावा इसे इस्तेमाल करने से ब्रेड को पकाने में कम समय लगता है। कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा पोटैशियम ब्रोमेट को खतरनाक माना गया है क्योंकि इससे कैंसर का खतरा होता है। यहां तक कि फूड एडिटिव ग्रेड के पोटैशियम ब्रोमेट से किडनी रोगों और थायरॉइड का खतरा होता है।
एल-सिस्टीन
एल-सिस्टीन ब्रेड को मुलायम बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक तत्व है। एल-सिस्टीन हमें प्राकृतिक चीजों से प्राप्त होता है जैसे- आदमी के बालों, मुर्गों के पंखों और गाय के सींग आदि से। इसे लैब में बनाया जाता है, जिसके बाद इसे ब्रेड या अन्य बेकरी प्रोडक्ट्स को बनाने में इस्तेमाल किया जाता है।
हाइड्रोजेनेटेड ऑयल
हाइड्रोजेनेटेड ऑयल के इस्तेमाल से ब्रेड में ट्रांस फैट की मात्रा कई गुना बढ़ जाती है। हालांकि किसी भी आहार में अगर हाइड्रोजेनेटेड ऑयल की मात्रा 0.5 ग्राम से कम होती है, तो इसे हानिकारक नहीं माना जाता है। मगर आमतौर पर लोग एक-दो से ज्यादा ब्रेड खाते हैं, जिसके कारण इसकी ज्यादा मात्रा उन्हें मिलती है।
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हाई फ्रक्टोज कॉर्न सिरप
इस कॉर्न सिरप से मैदे में हल्का भूरा रंग आता है और ब्रेड स्पंजी बनती है। इसके अलावा ये चीनी का स्वादिष्ट और सस्ता विकल्प है इसलिए बहुत से ब्रेड निर्माता इसका इस्तेमाल करते हैं। इसके सेवन से व्यक्ति में मोटापा और डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। इसके लंबे समय तक इस्तेमाल से हाई ब्लड प्रेशर, मेटाबॉलिक सिंड्रोम, फैटी लिवर और अन्य बीमारियों का खतरा भी रहता है।
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