शरीर के स्वस्थ रहने के लिए, बीमारियों से बचाव के लिए और अंगों के विकास के लिए ढेर सारे विटामिन्स, मिनरल्स और प्रोटीन्स की जरूरत होती है। शरीर इन तत्वों को स्वयं बनी बना सकता है इसलिए ये सभी पोषक तत्व हमें खाने-पीने की चीजों के माध्यम से लेने पड़ते हैं। अगर शरीर में इन पोषक तत्वों की कमी हो जाए, तो व्यक्ति का स्वास्थ्य प्रभावित होता है। आइए आपको बताते हैं कौन से हैं शरीर के लिए बेहद जरूरी 5 माइक्रोन्यूट्रिएंट्स और किन आहारों से मिलते हैं ये पोषक तत्व।
विटामिन बी
विटामिन बी कई प्रकार के होते हैं। ये विटामिन बी1, बी2, बी3, बी6, बी7 और विटामिन बी 12 का समूह होता है। ये सभी स्वास्थ्य के लिए तो ज़रूरी हैं ही, साथ ही मांसपेशियों को मजबूत बनाने में भी सहायक होते हैं। विटामिन बी नर्वस सिस्टम को भी मजबूत करता है। ये विटामिन साबुत अनाज, अंडे, लीन मीट, फली, नट्स और हरी पत्तेदार सब्जियों में पाए जाते हैं। विटामिन बी-12 शाकाहारी आहारों से नहीं मिलता है। विटामिन बी-12 अंडे और मांस में पाया जाता है इसलिए इनका सेवन भी अच्छा है।
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कैल्शियम
कैल्शियम का कार्य शरीर में हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाना है। यदि शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाए तो, ओस्टेयोपोरोसिस नाम की बीमारी हो जाती है जिसमें हड्डियां कमजोर हो जाती है और फ्रैक्चर भी हो सकता है। कैल्शियम को दूध से बने उत्पादों, हरी सब्जियों या फिर कैल्शियम सप्लीमेंट से प्राप्त किया जा सकता है। डॉक्टर रोज 1200 मि.ग्रा मात्रा में कैल्शियम लेने की सलाह देते हैं।
आयरन
आयरन एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। जो शरीर के विभिन्न अंगों तथा ऊतकों में ऑक्सीजन वहन करने का काम करता है। शरीर में आयरन की कमी से हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है और एनीमिया हो जाता है। मांसाहारी स्रोतों वाला आयरन अधिक आसानी से शरीर द्वारा अवशोषित होता है। शाकाहारी स्रोत कम आसानी से शरीर द्वारा अवशोषित होता है। हरी पत्तेदार सब्जियां आयरन का एक अच्छा स्रोत हैं अत: उन्हें अपने आहार में प्रतिदिन शामिल करें। आयरन से भरपूर अन्य सब्जियां हैं, ब्रोकोली, टमाटर, मशरूम, चुकंदर, कद्दू, शतावर तथा शकरकंदी।
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विटामिन डी
दुनियाभर के लगभग 50 प्रतिशत लोगों में विटामिन डी की कमी देखी जाती है। इसकी कमी से हड्डियों से संबंधित कई समस्यायें होती हैं जिनमें सबसे सामान्य ऑस्टियोपोरोसिस है। विटामिन डी आंतों में कैल्शियम और फॉस्फेट के अवशोषण के लिए जिम्मेदार होता है। विटामिन डी कैल्शियम व फॉसफोरस के स्तर को बरकरार रखता है। इसमें दोनों पोषक तत्वों को सोख लेने की क्षमता होती है जिससे बच्चों की हड्डियों व दांतों को मजबूती मिलती है। हड्डियों की मजबूती के लिए विटामिन-डी का सेवन अत्यधिक जरूरी है। साथ ही यह कई प्रकार से हमारे शरीर को लाभ पहुंचाता है। दूध, पनीर, दही, मक्खन और सूर्य की किरणें विटामिन-डी का स्रोत हैं।
ओमेगा फैटी एसिड
ओमेगा-3 मांसपेशियों के लिए बहुत अच्छा होता है। ये मांसपेशियों को टोन करने में मदद करता है। इसके सेवन से मांसपेशियों में रक्त प्रवाह ठीक प्रकार से होता है। इसके अलावा इंसुलिन भी नियंत्रण में रहता है। नतीजतन डायबिटीज की समस्या में राहत मिलती है। ओमेगा 3 मछली में पाया जाता है। लेकिन अगर आप शाकाहारी हैं, या रोज मछली नहीं खा सकते तो आप अपने आहार में अलसी के बीज, अखरोट, भांग के बीज खा सकते हैं इससे भी आपको ओमेगा- 3 मिलेगा। इसके अलावा, फिश ऑयल के कैप्सूल भी रोज खाए जा सकते हैं।
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