योगासन करने से शरीर स्वस्थ रहता है- ये सिद्धांत आज कल के बाबाओं ने नहीं, बल्कि हजारों साल पहले ऋषि-महात्माओं ने बताया था। योगासन भारत में हजारों सालों से पॉपुलर रहा है। योग के रोजाना अभ्यास से शरीर स्वस्थ रहता है और मन प्रसन्न रहता है। लेकिन बहुत सारे लोगों को योगासन के बारे में गलत और भ्रामक जानकारी होती है या मिथ्या बातें पता होती हैं, जिसके कारण कुछ लोग योगासन का अभ्यास नहीं करते हैं। योग करना दुनिया के कुछ सबसे आसान कामों में से एक है। क्योंकि कई योगसन तो ऐसे हैं, जिनमें कोई मेहनत नहीं। इसलिए आज हम आपको बता रहे हैं योगासन के बारे में 5 ऐसे मिथ, जिन्हें अक्सर लोग सच मान लेते हैं और योगाभ्यास नहीं करते हैं।
योग करने के लिए शरीर का लचीला (फ्लेक्सिबल) होना जरूरी है
ये योग के बारे में सबसे पॉपुलर मिथ है कि योगासन करने के लिए शरीर का लचीला होना जरूरी है। इसका कारण यह है कि ज्यादातर योगासनों की तस्वीर में शरीर को आड़ा-टेढ़ा बनाकर दिखाया जाता है। लेकिन ये बात पूरी तरह सच नहीं है। बहुत सारे योगासन ऐसे हैं, जिनका अभ्यास आप बैठे हुए, लेटे हुए या खड़े रहकर कर सकते हैं। और कुछ आसान योगासन ऐसे भी हैं, जिन्हें लगातार करने से आपके शरीर का लचीलापन बढ़ता है यानी शरीर धीरे-धीरे फ्लेक्सिबल होता जाता है। इसलिए आप अपने शरीर और वजन के अनुसार आसान योगासनों से शुरुआत कर सकते हैं।
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योगासन करने से रिजल्ट बहुत देर में दिखता है
ज्यादातर लोग एक्सरसाइज फिट रहने और वजन घटाने के लिए ही करते हैं। ऐसे में उन्हें लगता है कि जिम वर्कआउट से ज्यादा जल्दी परिणाम दिखेंगे, जबकि योगासनों से उन्हें उतनी तेज रिजल्ट नहीं दिखेगा। मगर ये भी एक मिथ ही है। योग सिर्फ आसनों के अभ्यास का नाम नहीं, बल्कि एक संतुलित जीवनशैली का नाम है। ऐसे में अगर आप सही आसनों का अभ्यास करते हुए अपनी जीवनशैली में थोड़े-बहुत बदलाव कर लें, तो आपको योगासन के रिजल्ट भी तेजी से दिखेंगे। खास बात ये है कि योगासन आपके शरीर के साथ-साथ मन को भी स्वस्थ रखेगा।
योग सिर्फ सुबह ही किया जा सकता है
टाइम की कमी का बहाना तो एक्सरसाइज न करने वालों के लिए सबसे पॉपुलर बहाना रहा है। इसी बहाने को लोग अक्सर योगासनों के साथ जोड़कर ये सिद्ध करने की कोशिश करते हैं कि योगासनों का अभ्यास अगर सुबह के समय ही किया जाए, तो शरीर को लाभ मिलते हैं। मगर यह भी पूरी तरह भ्रामक और गलत जानकारी है। योगासनों के लिए सुबह का समय इसलिए अनुकूल बताया गया है कि सुबह हवा स्वच्छ होती है और हवा में ऑक्सीजन की मात्रा ज्यादा होती है। लेकिन अगर आप सुबह टाइम नहीं निकाल पा रहे हैं, तो दिन में कभी भी, कहीं भी और कितनी भी देर तक योगाभ्यास कर लें, तो आपको फायदा ही मिलेगा।
योगासन से मसल्स नहीं बन सकती हैं
कुछ लोग मानते हैं कि योगासन सिर्फ मोटापा घटाने और कुछ रोगों के नियंत्रण में ही प्रभावी है और इसके अभ्यास से मसल्स नहीं बनाई जा सकती हैं। लेकिन ये बात भी भ्रामक और गलत है। योगासनों के सही और रेगुलर अभ्यास से आपकी मसल्स भी बन सकती हैं। पावर योग में ऐसे ही योगासनों का अभ्यास होता है, जो शरीर को शेप में लाती हैं और मसल्स बनाती हैं।
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जिम और योग एकसाथ नहीं कर सकते
यह भी एक मिथ ही है कि आप जिम और योग एकसाथ नहीं कर सकते हैं। अगर आप रेगुलर जिम करते हैं तो भी आपके लिए योगासनों का अभ्यास फायदेमंद है क्योंकि जिम वर्कआउट सिर्फ आपके बॉडी को फिट रख सकता है। जबकि योगासनों के अभ्यास से आपको मानसिक शांति, आध्यात्मिक लाभ और नकारात्मक ऊर्जा व आदतों पर नियंत्रण की शक्ति मिलती है। कुल मिलाकर अगर आप दोनों का अभ्यास करते हैं, तो आप शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक, आत्मिक चारों रूप से स्वस्थ रह सकते हैं।
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