बड़े और बच्चे दोनों के लिए मुंह के स्वस्थ्य बनाए रखना महत्वपूर्ण है। आजकल बहुत बड़ी तादाद में लोग दांतों की समस्याओं से पीड़ित है क्योंकि वो अपना मुंह ठीक से साफ नहीं करते हैं। जैसे कि कैविटी, मसूड़ों की बीमारी, सांसों की बदबू और कुछ सामान्य दांत की समस्याओं से पीड़ित हैं। मुंह से जुड़ी समस्याओं का रोकथाम कम उम्र में शुरू होती है। इसलिए आपको अपने बच्चे के जीवन में ऐसी समस्याओं को रोकने के लिए कम उम्र से ही दांतों की देखभाल करनी चाहिए। स्वस्थ रहने के लिए आपके जीवन में जितना महत्व आहार का होता है, उतना ही महत्व ओरल हाइजीन का भी होता है। अक्सर पेरेंट्स अपने बच्चे के ओरल हेल्थ को नजरअंदाज कर देते हैं और आगे चलकर यही गंभीर बीमारियों को बढ़वा देता है। आइए जानते हैं इन समस्याओं को रोकने और अपने बच्चे के मुंह का स्वस्थ्य और सुंदर मुस्कान को बनाए रखने के लिए 4 सरल उपाय।
शुरुआत चेक-अप से करें
कैविटी को दूर रखने के लिए दांतों की नियमित जांच आवश्यक है। दंत चिकित्सक से मिलने के लिए आपको तब तक का इंतजार नहीं करना चाहिए जब तक कि आपके शिशु को कैविटी न हो जाए। जैसे ही उसका पहला दाँत दिखाई दे, अपने बच्चे को एक दंत चिकित्सक के पास ले जाएं। बच्चे के ओरल हेल्थ का प्रारंभिक निवारक आपका पैसा और देखभाल का समय दोनों बचाता है।
बच्चे के मुंह की सफाई पर दें ध्यान
अपने बच्चे के मुंह को हर दिन साफ करें। अगर बच्चे को दांत नही भी है तो उन्हें खिलाने के बाद हर बार मसूड़ों को पोंछें। आप अपने नवजात के नाजुक मसूड़ों को साफ करने के लिए अपनी उंगली के चारों ओर गीले कपड़े लपेटे कर ध्यान से पोंछें, मसूड़ों पर अधिक दबाव न डालें। जैसे ही आपके बच्चे के दांत आ जाता है तो दिन में कम से कम दो बार शिशु को टूथब्रश और हल्के टूथपेस्ट से ब्रश कराएं। बच्चों के दांतों को साफ करने के लिए हमेशा मुलायम टूथब्रश का प्रयोग करें।
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सोते समय बच्चे को बोतल भूलकर भी न दें
जब आपका बच्चा सोने वाला हो, तो जूस और दूध से भरी बोतल न दें। चीनी से भरे तरल पदार्थ उनके दांतों पर चिपक जाएंगे और इससे दांत सड़ सकते हैं। आप अपने बच्चे को बिस्तर पर ले जाने के लिए पानी से भरा बोतल दे सकते हैं। यहां तक कि अपने बच्चे को दिलासा देनेवाला आदतों से भी बचें। कोशिश करें कि इसे आदत न बनाएं क्योंकि इससे उनके दांतों का आकार बदल सकता है।
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मीठी दवाइयों पर नजर रखें
बच्चों की दवाइयां आमतौर पर स्वाद युक्त और मीठे होते हैं। बच्चा जब इन प्रकार की दवाइयों को खाता है तो वो दांतों पर चिपक भी सकते हैं और इससे कैविटी होने की संभावना बढ़ जाती है। अस्थमा और दिल की समस्याओं जैसी पुरानी बीमारियों की दवा लेने वाले बच्चों में अक्सर दांत सड़ने की समस्या ज्यादा होती है। यदि आपका बच्चा लंबे समय तक ऐसी दवाइयां ले रहा है तो आपको अपने दंत चिकित्सक का राय अवश्य लेना चाहिए।
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