30th Week Pregnancy: प्रेग्नेंसी के 30वें सप्ताह के लक्षण, सावधानियां और जरूरी बातें

30 सप्ताह की गर्भावस्था के दौरान शिशु के विकास, गर्भावस्था के लक्षण, परीक्षण के बारे मेंजानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें-  
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30th Week Pregnancy: प्रेग्नेंसी के 30वें सप्ताह के लक्षण, सावधानियां और जरूरी बातें


प्रेग्नेंसी के तीसरी तिमाही में महिलाओं को कई अन्य लक्षण महसूस होते हैं। हालांकि इस समय अधिकतर लक्षण बीते सप्ताह की तरह ही होते हैं। प्रेग्नेंसी के 30वें सप्ताह में मां के गर्भ में बच्चा तेजी से विकसित हो रहा होता है। उसके शरीर के अंदुरूनी अंग अपनी विकास प्रक्रिया को पूरा करने में लगे हुए होते हैं। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विभा बंसल से आगे जानते हैं प्रेग्नेंसी के 30वें सप्ताह में महिलाओं को किस तरह के लक्षण महसूस होते हैं। साथ ही इस समय तक भ्रूण का विकास कितना होता है?

प्रेग्नेंसी के 30वें सप्ताह में महिलाओं को महसूस होने वाले लक्षण - 30th Week Of Pregnancy Symptoms in Hindi

प्रेग्नेंसी के 30वें सप्ताह में महिलाओं को सोने में थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही हार्मोनल बदलावों की वजह से महिलाओं को बुरे सपने आने लगते हैं। दरअसल अधिकतर महिलाएं अपनी डिलीवरी को लेकर चिंता करने लगती हैं, जिसकी वजह से उनको इस तरह के सपने आते हैं। इस समय यदि चिंता अधिक हो तो महिलाओं को डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। आगे जानते हैं प्रेग्नेंसी के 30वें सप्ताह में महिलाओं को महसूस होने वाले कुछ मुख्य लक्षणों के बारे में। 

सांस लेने में दिक्कत होना 

प्रेग्नेंसी के 30वें सप्ताह में महिलाओं के शरीर में अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। लेकिन इस समय बढ़ते पेट की वजह से महिलाओं के डायाफ्राम में दबाव पड़ता है और उनको सांस लेने में दिक्कत होती है। गर्भावस्था में सांस लेने में परेशानी होने की वजह से जिन महिलाओं को पहले से एनिमिया व अस्थमा होता है उनको अधिक समस्या होने लगती है। गर्भावस्था के समय यदि महिलाओं को सांस लेने में ज्यादा परेशानी होने लगे तो उनको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। 

थकान होना

प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में महिलाओं को पहली तिमाही की तरह की थकान महसूस होती है। लेकिन इस समय महिलाओं को पहले की तरह अधिक थकान नहीं होती है। इस समय सोने में परेशानी व भ्रूण के बढ़ते वजन की वजह से महिलाओं को थकान होती है। कई बार खून की कमी की वजह से भी गर्भवती महिलाओं को थकान का सामना करना पड़ता है। इस समय चिंता भी थकान होने का मुख्य कारण बन सकती है। महिलाओं को यदि इस समय थकान ज्यादा हो रही हो तो उनको अपने डॉक्टर से सुझाव लेना चाहिए। 

पैरों में सूजन आना 

प्रेग्नेंसी के अंतिम चरण यानी तीसरी तिमाही में महिलाओं को पैरों में सूजन की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। भ्रूण के आकार व वजन में होती बढ़ोतरी की वजह से पेट के निचले हिस्से पर दबाव बनता है, जिसकी वजह से रक्त प्रवाह प्रभावित होता है और महिलाओं के पैरों में सूजन होने लगती है। साथ ही हार्मोन में होने वाले बदलाव की वजह से भी महिलाओं को पैरों में सूजन आने लगती है। 

पीठ में दर्द होना

गर्भावस्था के सप्ताह दर सप्ताह भ्रूण के विकास की वजह से महिलाओं के पेट पर दबाव बढ़ने लगता है। इसकी वजह से कई महिलाओं को पीठ में दर्द होने लगता है। महिलाओं को इस समय सही तरह से न चलना भी पीठ में दर्द की वजह बनता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को किसी एक जगह पर ज्यादा देर तक खड़े नहीं रहना चाहिए। साथ ही टहलते समय महिलाओं को धीरे-धीरे चलना चाहिए।  

प्रेग्नेंसी के 30वें सप्ताह में महिलाओं को महसूस होने वाले अन्य लक्षण   

  • सिर में दर्द होना
  • सीने में जलन 
  • पेट फूलने की समस्या होना
  • यूरिन इंफेक्शन
  • चेहरे पर भूरे रंग के धब्बे होना

प्रेग्नेंसी के 30वें सप्ताह में भ्रूण का विकास - Fetus Development During 30th Week Of Pregnancy in Hindi

प्रेग्नेंसी के 30वें सप्ताह में भ्रूण का वजन करीब 1.3 किलोग्राम तक हो जाता है। इस समय भ्रूण की आंखों में तेजी से विकास होता है। इसके साथ ही भ्रूण गर्भ में पहले की अपेक्षा अधिक हिलने लगता है।

विशेष सूचना - किसी भी तरह के गंभीर लक्षण दिखाई देने पर तुरंत नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें। 

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प्रेग्नेंसी के 30वें सप्ताह से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न - FAQ’s for Week-by-Week Stages of Pregnancy In Hindi

बच्चे के 30वें सप्ताह में प्रीटर्म डिलीवरी की क्या संभावनाएं होती है?

गर्भावस्था में 20 से 37वें सप्ताह तक करीब 10 फीसदी महिलाओं को प्रीटर्म डिलीवरी की संभावना होती है। गर्भ में जुड़वा बच्चे होना, यूरिन इंफेक्शन, पहले प्रीटर्म डिलीवरी होना, फर्टीलिटी समस्या व स्मोकिंग आदि की वजह से बच्चे के समय से पहले पैदा होने की संभावना अधिक होती है। 

इस समय महिलाओं को पोषण की आवश्यकता होती है?

प्रेग्नेंसी के हर चरण में महिलाओं पोषण की आवश्यकता होती है। भ्रूण को पूरे गर्भकाल में पोषण की आवश्यकता होती है, जिसको महिला का आहार पूरा करता है। इस वजह से भी महिलाओं को गर्भावस्था में अतिरिक्त पोषण की आवश्यकता होती है। महिलाओं को पोषण की पूर्ति करने के लिए दूध को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। 

प्रेग्नेंसी के 30वें सप्ताह में मालिश करनी चाहिए?

प्रेग्नेंसी के 30वें सप्ताह में महिलाओं को पैरों में दर्द व सूजन होती है। इस परेशानी में आराम पाने के लिए महिलाओं को मालिश करानी चाहिए। इससे महिलाओं का मूड भी बेहतर होता है। 

 

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