मौसम बदल रहा है। तेज धूप के कारण किसी दिन उमस और गर्मी रहती है, तो बारिश के कारण किसी दिन मौसम ठंडा हो जाता है। मौसम के इसी बदलाव में वायरस और बैक्टीरिया तेजी से संख्या वृद्धि करते हैं और लोगों को बीमार बनाते हैं। सामान्य जुकाम से लेकर, खांसी, बुखार, डेंगू, फ्लू, मलेरिया आदि का खतरा इस मौसम में बढ़ जाता है। इन सभी सीजनल बीमारियों में बुखार सबसे आम समस्या है। बुखार होने पर शरीर का तापमान बढ़ जाता है और आमतौर पर थकान महसूस होती है। अगर बुखार सामान्य इंफेक्शन के कारण है, तो इसे कुछ घरेलू नुस्खों के द्वारा आसानी से ठीक किया जा सकता है। बुखार के अलावा खांसी, जुकाम, नाक बहने की समस्याओं में भी ये घरेलू नुस्खे आपके काम आ सकते हैं।
चावल का मांड (Rice Starch)
बुखार दरअसल बीमारी नहीं, हमारे शरीर का किसी बाहरी वायरस या बैक्टीरिया के प्रति रिएक्शन है। शरीर जब इस वायरस या बैक्टीरिया से लड़ना शुरू करता है, तो अपना तापमान बढ़ा देता है, ताकि इसे रोका जा सके। चावल का मांड जिसे स्टार्च भी कहते हैं, बहुत पुराने समय से बुखार को ठीक करने के लिए घरेलू उपाय के तौर पर इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसे हिंदी में कांजी भी कहते हैं। चावल से बना कांजी आपके शरीर में डाईयूरेटिक की तरह काम करके शरीर की मदद करता है। इसे पीने से आपको पेशाब ज्यादा लगती है, जिससे बैक्टीरिया बाहर निकल जाता है। इसके अलावा चावल का मांड आपके इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाता है।
इसे भी पढ़ें: मॉनसून में बच्चों को हवा में फैलने वाले संक्रमण और बीमारियों (Airborne diseases) से कैसे बचाएं
बनाने की विधि-
टॉप स्टोरीज़
- एक खुले बर्तन में डेढ़ ग्लास पानी लें और इसमें 1 कप चावल डाल दें और थोड़ा सा नमक डाल दें।
- आंच तेज करके बर्तन को ढक दें, ताकि चावल पकने लगे।
- जब चावल आधा से ज्यााद पक जाए और पानी थोड़ा गाढ़ा हो जाए, तो इस पानी को अलग छान लें।
- इसमें थोड़ा सा धनिया पत्तियां और लहसुन के टुकड़े डालें और इसे गर्म-गर्म ही पिएं। इससे आपका पेट भी भरेगा और शरीर को शक्ति भी मिलेगी।
- दिन में 2-3 बार पीने से आपका बुखार ठीक हो जाएगा।
सोआ के बीजों का काढ़ा
धनिया की तरह ही एक और पत्तियों वाला पौधा होता है सोआ। सोआ के बीजों को डिल सीड्स (Dill Seeds) कहा जाता है। इसे आयुर्वेद में शतपुष्पा भी कहा जाता है। सोआ के बीजों से बना खास काढ़ा जुकाम, बुखार, सर्दी, खांसी आदि सभी वायरल बीमारियों में बहुत उपयोगी है। सोआ के बीजों में फ्लैवोनॉइड्स होते हैं इसलिए ये शरीर के लिए एंटी-माइक्रोबियल ड्रिंक की तरह काम करता है। शरीर में होने वाले दर्द, थकान और सुस्ती को भी ये काढ़ा खत्म कर देता है।
बनाने की विधि-
- 1 चम्मच सोआ के बीच, 2-3 काली मिर्च, 1 चम्मच कलौंजी को तवे पर हल्की आंच में भून लें।
- अब एक पैन में पानी उबालें और इसमें ये सारी चीजें डाल दें और 10 मिनट तक उबलने दें।
- बस आपका काढ़ा तैयार है। इसे एक गप में छान लें और 1 चुटकी दालचीनी पाउडर डालें।
- अब इस काढ़े को गर्म-गर्म ही पिएं। आपका बुखार और वायरल बीमारियों के दूसरे लक्षण बहुत जल्दी ठीक हो जाएंगे।

धनिया की चाय
धनिया के बीजों की चाय भी बुखार की समस्या में बड़ी फायदेमंद होती है। धनिया के बीजों में कई तरह के विटामिन्स और साइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को ताकत देते हैं और वायरल बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं। इसलिए बुखार आने पर आप धनिया के बीजों की चाय पी सकते हैं। ये चाय आपके पाचन को बेहतर बनाएगी, तनाव भी कम करेगी और बुखार के लक्षणों को भी जल्द ही ठीक कर देगी।
बनाने की विधि-
- एक पैन में 1 कप पानी लें और इसे आंच पर चढ़ाकर गर्म करें।
- पानी के थोड़ा गर्म होने पर इस पानी में 1 चम्मच धनिया के बीज डाल दें।
- अब पानी में 1-2 उबाल आने दें, ताकि धनिया के बीजों का अर्क पानी में मिल जाए।
- इसके बाद आंच बंद कर दें और इसे ठंडा होने दें।
- इसे छानकर सादा ही पिएं या फिर आप चाहें तो थोड़ा सा दूध और चीनी भी मिला सकते हैं। लेकिन सादा पीना आपके लिए ज्यादा फायदेमंद होगा।
नोट: अगर बुखार 2-3 दिन तक लगातार आता जाता रहे, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
Read More Articles on Home remedies in Hindi