28 साल की महिला ने एम्स में एक साथ दिया 4 बच्चों को जन्म डॉक्टर हैरान, पढ़े पूरा मामला

एम्स ऋषिकेश में एक 28 साल की महिला ने एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया है और सभी बच्चे बिल्कुल स्वस्थ हैं।
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28 साल की महिला ने एम्स में एक साथ दिया 4 बच्चों को जन्म डॉक्टर हैरान, पढ़े पूरा मामला


उत्तरकाशी जिले की एक निवासी 28 साल की महिला ने ऋषिकेश के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) में एक साथ 4 बच्चों को जन्म दिया है। महिला को दून के सरकारी अस्पताल से एम्स भर्ती कराया गया था क्योंकि एक बेहद ही जोखिम भरा मामला था। आपको बता दें कि महिला की गंभीर स्थिति के कारण उसे पहले भी उत्तरकाशी जिला अस्पताल से दून अस्पताल में भर्ती कराया गया था। महिला और चारों नवजातों के सुरक्षित होने की जानकारी एम्स ऋषिकेश के एक अधिकारी ने दी।

baby

चारों बच्चें बिल्कुल स्वस्थ

एम्स ऋषिकेश के स्त्री रोग विभाग की डॉक्टर और मामले को सफलतापूर्वक संभालने वाली डॉ. अनुपमा बहादुर का कहना है कि चार नवजातों में दो बच्चियां और दो लड़के हैं। उन्होंने बताया कि सभी चारों बच्चे बिल्कुल स्वस्थ हैं। 

महिला का हीमोग्लोबिन स्तर भी था कम

डॉ. बहादुर ने कहा, ''जब महिला को अस्पताल लाया गया तो हमने महिला का एक अल्ट्रासाउंड टेस्ट किया, जिसके दौरान हमें ये पता लगा कि उसके गर्भ में चार बच्चे हैं। उसी समय हमने ये भी पाया कि महिला में हीमोग्लोबिन का स्तर बहुत ही कम था, जिसके कारण ये मामला बहुत ही जोखिम वाला हो गया।''

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4 baby in hospital

महिला और बच्चों को खास देखभाल की जरूरत

उन्होंने कहा कि आमतौर पर इस तरह के मामलों में महिलाओं और नवजातों को नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (एनआईसीयू) में रखने की जरूरत होती है।

जानें बच्चों का वजन

डॉ. बहादुर ने कहा, ''ये सुविधा हालांकि दून अस्पताल में उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण महिला को एम्स रेफर किया गया था। सौभाग्यवश, सभी नवजात स्वस्थ वजन के साथ जन्में हैं। इन नवजातों का वजन क्रमश 1.60kg, 1.50kg, 1.35kg and 1.10kg है। चूंकि सभी नवजात स्वस्थ हैं इसलिए उन्हें वेंटिलेटर पर नहीं रखा गया है लेकिन उनपर एहतियाती देखरेख के अंतर्गत नजर रखी जा रही है।''

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ऐसे मामलों के लिए तैयार ऋषिकेश एम्स

एम्स ऋषिकेश के निदेशक डॉ. रविकांत का कहना है कि संस्थान में विश्व स्तरीय सुविधाएं हैं ताकि प्राथमिकता पर उच्च जोखिम वाले गर्भावस्था के मामले को सुविधाजनक संभाला जा सके, जैसा कि हमने इस मामले में किया। हम उत्तराखंड में नवजातों की मृत्यु दर को कम करने के लिए पूर्ण रूप से समर्पित हैं।

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