गठिया बहुत दर्दनाक रोग है, जिसके कारण कई बार बैठना-उठना भी मुश्किल हो जाता है। यही कारण है कि गठिया रोग के कारण आपको रोजमर्रा के कामों में भी बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। आमतौर पर गठिया रोग का कारण शरीर में यूरिक एसिड का बढ़ जाना होता है। ये यूरिक एसिड शरीर में कई कारणों से बढ़ता है। इसमें आपके खानपान और जीवनशैली की बड़ी भूमिका होती है। मोटापे के कारण भी शरीर में यूरिक एसिड बढ़ता है। गठिया रोग को प्राकृतिक रूप से ठीक करने का यही तरीका है कि आप अपने शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा को कम करें। नीचे 2 बेहद प्रभावी घरेलू नुस्खे बताए जा रहे हैं, जो गठिया रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होंगे।
धनिया का पानी
ये एक डायटीशियन सीक्रेट है, इसलिए अगर आप गठिया रोग से पीड़ित हैं, तो आपको इसका इस्तेमाल आज से ही शुरू कर देना चाहिए। धनिया के बीजों का पानी या धनिया की पत्तियों का पानी दिन में 1-2 बार पीने से गठिया रोग में बहुत आराम मिलता है। इसे बनाने के लिए-
1 चम्मच धनिया के बीजों को 250 ग्राम पानी में भिगोकर रात भर के लिए रख दें और सुबह इसे किसी भी समय पी लें, ये आपके लिए फायदेमंद साबित होगा।
इसी तरह धनिया के बीजों की जगह आप धनिया की पत्तियों का भी प्रयोग कर सकते हैं। धनिया की एक चौथाई कप पत्तियों को अच्छी तरह धोकर रातभर के लिए पानी में भिगोकर रख दें और अगले दिन किसी भी समय इसे छानकर पी लें।
बंदगोभी का पत्ता
अगर आपको गठिया का अटैक होता है, यानी अचानक से तेज दर्द शुरू हो जाता है, तो आप सूजे हुए जोड़ पर बंद गोभी का पत्ता बांध लें। मेरा यकीन करें ये जरूर काम करेगा। इसके लिए बस बंद गोभी के 5-6 पत्तों को फ्रिज में धोकर रख लें। जब आपको दर्द शुरू हो, तो इन पत्तों को जोड़ वाले हिस्से पर ठंडा ही बांध लें। बांधने के लिए आप मुस्लिन कपड़े का प्रयोग कर सकते हैं। जब ये पत्ता खराब हो जाए, तो उसे फेंक दें और दूसरा पत्ता बांधें। दरअसल बंदगोभी के पत्तों में डाययूरेटिक गुण होते हैं, जिसके कारण ये शरीर में मौजूद अतिरिक्त तरल पदार्थ को सोखता है और लाल सूजे हुए जोड़ों को आराम पहुंचाता है।
गठिया रोगियों के लिए खानपान में कौन सी सावधानियां हैं जरूरी
गठिया रोगियों के मन में अक्सर एक सवाल रहता है कि उन्हें क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए। गठिया रोगियों को क्या खाना चाहिए, इस बारे में आप नीचे हुए लिंक पर क्लिक करके जान सकते हैं।
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गठिया रोगियों को क्या नहीं खाना चाहिए, ये हम आपको आगे बता रहे हैं-
प्यूरिन वाले आहार से परहेज करें
रेड मीट्स, मटन, लैंब, भैंसा, मीट, पोर्क, टर्की, चिकन, सीफूड आदि जैसे मांसाहारी आहारों को गठिया रोगियों को नहीं खाना चाहिए। आप फ्रेश पानी में पाई जाने वाली मछलियां जैसे- रोहू, कैटला, हिल्सा, रानी आदि को खा सकते हैं। दरअसल इन फूड्स में प्यूरिन होता है, जो गठिया रोगियों की परेशानी को बढ़ा देता है। ध्यान दें प्यूरिन प्रोटीन से अलग है।
मीठी चीजों से करें परहेज
शुगर के प्रकार जैसे- फ्रक्टोज, सार्बिटोल और जाइलीटोल आदि का सेवन करने से भी यूरिक एसिड का प्रोडक्शन बढ़ता है। जब आप ज्यादा मात्रा में फ्रक्टोज लेते हैं, तो इससे यूरिक एसिड बढ़ता है। इसलिए फलों का जूस (पैकेटबंद या ताजा दोनों) आपको नहीं पीना चाहिए। दिन में 3 से ज्यादा ताजे फल नहीं खाने चाहिए, ताकि आपको गठिया का अटैक न हो।
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दालों का करें सीमित सेवन
दाल जैसे- मसूर, काबुली चना, काला चना, राजमा आदि का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। सप्ताह में 1 बार 1 कटोरी दाल खाने या काबुली चना या राजमा खाने से आपका यूरिक एसिड नहीं बढ़ेगा। लेकिन इनमें से किसी भी चीज को बहुत ज्यादा न खाएं।
गठिया रोग को कंट्रोल में रखने के लिए और समस्याओं से बचने के लिए इन बातों के अलावा वजन घटाना और रोजाना पर्याप्त पानी पीना बहुत जरूरी है।
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