
साल 2020 वैसे तो बहुत सारे दर्द देकर जा रहा है लेकिन इसमें कोरोना से जुड़ी ऐसी मजेदार अफवाहें भी सुनने को मिली थीं, जिन्हें सुनकर डॉक्टर भी हैरान थे।
साल 2020 जाने को है और उम्मीदों से भरा साल 2021 आने को है। ये साल हम सबकी याद में लंबे समय तक रहने वाला है। कोरोना वायरस महामारी के कारण कई महीनों तक घरों में बंद रहना, लाखों लोगों की मृत्यु की सूचना, आए दिन अपने आसपास या घर-परिवार में लोगों को बीमार होते देखना, कई बड़े सेलेब्रिटीज की मृत्यु और न जाने कितने दुखी कर देने वाली यादें ये साल हमें दे कर जा रहा है। लेकिन इन सबके बीच कुछ ऐसी बातें भी लगातार वायरल होती रही थीं, जिन्हें सुनकर आपने कुछ समय के लिए भले ही सच मान लिया हो, लेकिन बाद में सच्चाई जानकर हंसी आई होगी। कोरोना वायरस से जुड़ी सैकड़ों तरह की अफवाहें, गलत सूचनाएं, फर्जी दावे इस बीच खूब वायरल हुए। मजेदार बात ये है कि इनमें से कई दावे तो ऐसे हैं, जिन्हें सुनकर डॉक्टर भी हक्का-बक्का हो गये। अफवाहों से बढ़ रही परेशानी को देखते हुये स्वास्थ्य संगठनों और सरकार को सामने आकर सच्चाई बतानी पड़ी। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी अपनी तरफ से इन बातों को मिटाने के लिये कई प्रोग्राम किया जिन्हें आप इंटरनेट पर देख सकते हैं। ऐसे ही 10 अफवाहों या फर्जी दावों के बारे में हम आपको बता रहे हैं, जो 2020 में काफी चर्चित रहे, खासकर सोशल मीडिया पर लोगों ने इन्हें खूब शेयर किया।
1. कोरोना से बचाये गाय का गोबर
क्या गाय का गोबर हमें कोरोना से बचा सकता है? अब भी आप ऐसा सोचते हैं तो इसमें कोई सच्चाई नहीं है। साल 2020 में कोरोना संकट के बीच गौ रक्षकों ने लोगों के बीच ये भ्रम फैला दिया कि गाय के गोबर के इस्तेमाल और गौमूत्र पीने से कोरोना नहीं होगा। इसका लाइव प्रसारण भी टीवी पर दिखाया गया जिसमें कोई तथ्य नहीं था। गो-मूत्र के कई फायदे आयुर्वेदिक चिकित्सक जरूर बताते हैं, लेकिन कम से कम कोरोना वायरस से बचाने में तो ये दावा फर्जी पाया गया है।
2. चाय पीने वाले कोरोना से सुरक्षित
ये बात सुनने में कितनी अजीब है इस बात का अंदाजा आप ऐसे लगा सकते हैं कि भारत के ज्यादातर घरों में 2 से 3 बार चाय पी जाती है फिर भी यहां कोरोना पॉजिटिव की संख्या लाखों पार कर चुकी है। ये महज एक अफवाह बनकर पूरे साल छाई रही। हालांकि ये शुरुआती दिनों की अफवाह थी, जब लोग ज्यादा डरे हुए थे। बाद में लोगों को भी पता चल गया कि दावा फर्जी है।
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3. वेजीटेरियन हैं तो नहीं होगा कोरोना
ये दावा भी शुरुआती दिनों में इस आधार पर किया गया कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति चमगादड़ का सूप पीने से हुई है। लोगों ने अफवाह उड़ाना शुरू कर दिया कि कोरोना केवल मांस खाने वाले लोगों को हो सकता है। वायरल खबरों में इस बात पर खूब बहस हुई। पूरा साल दो गुटों के बीच गरमा-गर्मी में ही बीत गया। तर्क ये था की जो लोग वेजीटेरियन हैं उन्हें कोरोना नहीं होगा। हालांकि केस बढ़ने के बाद लोगों को खुद ही समझ आ गया कि ये केवल एक फर्जी बात है, इसमें कोई सच्चाई नहीं है। डब्ल्यूएचओ ने भी इस बात को साफ किया कि मांस खाने से ही कोरोना होगा इस बात में कोई दम नहीं है।
4. लहसुन खाओ कोरोना को भगाओ
जी हां ऐसा ही वाक्य सोशल मीडिया पर छाया रहा। लोग घरेलू उपाय के नाम पर एक-दूसरे को लहसुन खाने की सलाह देते हुए नजर आये ताकि कोरोना न हो। अब सोचने वाली बात ये है कि लहसुन और कोरोना के बीच कोई संबंध नहीं है। लहसुन हमारे शरीर को बीमारियों से बचने की शक्ति देता है पर इसका कोरोना पर क्या असर होगा इसकी कोई पुष्टि अब तक नहीं दी गई है। लोग जल्द से जल्द वायरस से आजादी चाहते हैं इसलिये साल 2020 में इस तरह की कई अफवाहें वायरल हुईं।
5. वैक्सीन लोगे तो डीएनए बदल जायेगा
ये अफवाह इतनी गरम थी की लोगों ने वैक्सीन न लेने का फैसला तक कर डाला। इस अजीब बात में किसी तरह की कोई सच्चाई नहीं है। दरअसल वैक्सीन को जेनेटिक मटेरियल से तैयार किया गया है तो बस आधी अधूरी बात को तोड़ मरोड़ कर पेश किया। सोशल मीडिया पर ये बात वायरल हो गई की वैक्सीन लेने से इंसान का डीएनए बदल जायेगा जबकि वैक्सीन से डीएनए में कोई असर अब तक नहीं देखा गया है। कोरोना के जिनोम से वैक्सीन बनाई गई है।
6. कोरोना से बचना है तो खरीदें गद्दे
बीमारी से लड़ने के लिये हर कोई नये-नये उपाय लेकर आ रहा है। इस बीच कुछ लोगों ने सोने वाले गद्दों को ये कहकर बेचना शुरू कर दिया कि इस पर सोने से कोरोना नहीं होगा क्योंकि वे एंटी-फंगल हैं। सच ये था की गद्दों के इस्तेमाल से कोरोना न हो इसका कोई प्रूफ नहीं है। अखबार में इसके एड भी देखने को मिले जिसमें ये गद्दे पंद्रह हजार में बेचे जा रहे थे। साल 2020 में ये सबसे ज्यादा वायरल होने वाली खबर में से एक रही। हालांकि बाद में जिस कंपनी ने ऐसा दावा किया था, उस पर FIR भी की गई।
7. मौत के बाद कोरोना पीड़ितों के अंग निकाल लिये जाते हैं
ये बात हैरान कर देने वाली है की लोग किसी भी अफवाह को सच मान लेते हैं। एक वीडियो पिछले दिनों सुर्खियों में रहा कि पटियाला के एक अस्पताल में मरे हुये लोगों के अंग निकाले गये जिनकी मौत कोरोना से हुई थी। अमृतसर के अस्पताल में भी ऐसी ही एक अफवाह सुनने को मिली। आगे चलकर बात इतनी बढ़ गई की पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री को सामने आकर ये बयान देना ही पड़ा कि इस बात में कोई सच्चाई नहीं है।
8. शराब पीने से नहीं होगा कोरोना
सोशल मीडिया पर उड़ने वाली इस अफवाह को लोगों ने तेजी से शेयर किया। एक लेख के हवाले से बताया गया कि जो लोग शराब पीते हैं उन्हें कोरोना नहीं होगा और कोरोना एल्कोहॉल के संपर्क में आने के एक मिनट बाद ही मर जाता है। जबकि जानकारों की मानें तो ये झूठ है। डब्ल्यूएचओ ने इस बात की पुष्टि दी की एल्कोहॉल वाले हैंडवॉश का इस्तेमाल करना चाहिये। उसे हैंडवॉश के तौर पर यूज किया जाता है न कि उसके सेवन से कोरोना भागेगा।
9. थाली पीटने से दूर भागेगा कोरोना
कोरोना काल की शुरूआत में प्रधानमंत्री ने पूरे देश से थालियां और घंटिया बजाने का आग्रह किया, जिसका एकमात्र उद्देश्य लोगों को इस नई बीमारी के बारे में जागरूक करना था। लेकिन लोगों ने उसे भी इस अफवाह के साथ जोड़ दिया कि थाली और घंटी की आवाज से वायरस का नाश मुमकिन है जबकि इसके पीछे का इरादा कुछ और ही था। वो बस हमारे स्वास्थ्य कर्मचारी और अन्य कर्मियों का मनोबल बढ़ाने के लिये किया गया था जिन्होंने मुश्किल समय में अपनी ड्यूटी कर फर्ज निभाया।
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10. कोरोना के फर्जी मरीज निकाले जा रहे हैं क्योंकि अस्पतालों को प्रति मरीज लाखों रुपए मिल रहे हैं
ये भी एक अफवाह खूब वायरल हुई कि अस्पताल कोरोना के फर्जी मरीज निकाल रहे हैं क्योंकि उन्हें सरकार की तरफ से मरीज की देखरेख के लिए हजारों-लाखों रुपए मिल रहे हैं। ये दावा भी पूरी तरह फर्जी था। सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों का इलाज मुफ्त जरूर था, मगर ऐसा कोई निर्देश सरकार की तरफ से नहीं दिया गया था कि प्रति मरीज अस्पताल को लाखों रुपए दिए जाएंगे। हालांकि कुछ लैब्स में कोरोना के फर्जी पॉजिटिव बताने के भी मामले सामने आए थे लेकिन उसे अपवाद ही कह सकते हैं।
नये साल में कोरोना से जुड़ी अफवाहों को रोकने के लिये सरकार (COWIN) नाम का एक डिजिटल ऐप तैयार कर रही है जिससे आपको कोराना और उसकी वैक्सीन से जुड़ी जानकारी मिलेगी। इस नई बीमारी से जुड़ी सभी बातों को अपनी सूझबूझ से समझने की कोशिश करें।
Written by Yashaswi Mathur
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