स्वस्थ रहने के लिए यह जरूरी है कि अंतःस्त्रावी प्रणाली पर नियंत्रण रहे क्योंकि इससे कई प्रकार के हार्मोन्स निकलते हैं जो रक्त में मिलकर रासायनिक संतुलन को बनाए रखने का काम करते हैं. अगर इन हार्मोन्स के स्राव में जरा सी भी कमी हो जाती है या अधिक मात्रा में स्राव हो जाता है तो शरीर के आंतरिक अंगों की कार्यप्रणाली भी प्रभावित होने लगती है जिससे कई प्रकार के रोग उत्पन्न होने लगते हैं। हार्मोनल असंतुलन से प्रोस्टेट, स्तन और अंडाशय के कैंसर होने की संभावना रहती है। इसके अलावा ऑस्टियोपोरोसिस, हृदय रोग, मधुमेह अल्जाइमर और अवसाद जैसी समस्या उत्पन्न होती है।
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ऐसे प्रभावित होते हैं हार्मोन्स
अंतःस्त्रावी समस्याएं अक्सर एस्ट्रोजन हार्मोन्स के अन्य रूपों या जेनोएस्ट्रोजन्स के कारण होती है। ऐसे हार्मोन्स सही एस्ट्रोजन को प्रभावित करते हैं और उनके प्रभाव को ब्लॉक कर देते हैं। कुछ अंतःस्त्रावी दिक्कतें टेस्टोस्टेरॉन और अन्य हार्मोन्स के ब्लॉक होने के कारण होती है। वही शोधकर्ताओं ने पाया है कि अंतःस्त्रावी समस्याएं एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में भी ट्रांसफर हो जाती हैं और उनमें भी कहर बरपा सकती हैं।
हार्मोन्स प्रभावित होने के कारण
वातावरण में मौजूद रासायनिक वस्तुएं अंतःस्त्रावी प्रणाली को प्रभावित करने वाले सबसे बड़े कारक हैं। एक आंकड़े के मुताबिक मौजूदा समय में 80 हजार केमिकल व्यवसाय में प्रयोग किए जा रहें है। इनमें से हमारे स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एक प्रतिशत से भी कम केमिकल का परीक्षण किया गया है। 1000 केमिकल हर साल हमारे भोजन के साथ सप्लाई हो रहे हैं। इसके अलावा प्रदूषण, दवाएं, प्लास्टिक और हेल्थ और ब्यूटी प्रोडक्ट्स इसके प्रमुख कारकों में शामिल हैं। यहां तक कि कार्बनिक तरीके से उगाए जाने वाले फल और सब्जियां भी प्रदूषित हवा और पानी को खींचते हैं जो खाने के दौरान हमारे शरीर में जाते हैं। इसके अलावा प्रोसेस्ड और रिफाइंड खाद्य पदार्थ हमारे शरीर के हार्मोनल संतुलत को प्रभावित करने की वजह बनते हैं।
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हॉर्मोनल असंतुलन से कैसे बचें
संतुलित, कम वसायुक्त और अधिक रेशेदार भोजन का सेवन करें। ओमेगा-3 और ओमेगा-6 युक्त भोजन हार्मोन संतुलन में सहायक है। यह सनफ्लावर के बीजों, अंडे, सूखे मेवों और चिकन में पाया जाता है। शरीर में पानी की कमी न होने दें। रोज 7-8 घंटे की नींद लें। तनाव से बचें, सक्रिय रहें। चाय, कॉफी, शराब के सेवन से बचें। ध्यान और योगासन द्वारा अपने मन और शरीर को शांत रखने की कोशिश करें। साथ ही केमिकल युक्त चीजों का सेवन करने से बचें।
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