
टीकाकरण करने से हम कई जानलेवा बीमारियों और संक्रमण से बचते हैं।
मानव शरीर में टीके की महत्ता को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए अप्रैल माह का अंतिम सप्ताह यानि कि 24 से 30 अप्रैल तक हर साल विश्व टीकाकरण सप्ताह (world immunization day) के रूप में मनाया जाता है। इस हेल्थ डे को मनाने का मकसद सिर्फ बच्चों से लेकर बड़ों में टीकाकरण के फायदे की ओर लोगों का ध्यान खींचना है। क्योंकि अधिकतर लोग समझते हैं कि टीके की जरूरत सिर्फ बच्चों को होती है। जबकि ऐसा नहीं है। 65 साल की उम्र से अधिक लोगों को भी टीके की जरूरत होती है। टीकाकरण करने से हम कई जानलेवा बीमारियों और संक्रमण से बचते हैं।
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विश्व टीकाकरण सप्ताह के दौरान वैश्विक जागरूकता अभियान का मकसद टीकाकरण से रोकी जा सकने वाली बीमारियों के लिए टीकाकरण करवाने की दर बढ़ाने और जागरूकता फैलाने की कोशिश की जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, विश्वभर में पांच बच्चों में से एक बच्चे को महत्वपूर्ण टीका प्राप्त नहीं होता हैं। टीकाकरण द्वारा डिप्थीरिया, खसरा, काली खांसी, निमोनिया, पोलियो, रोटावायरस दस्त, रूबेला और टिटनेस लगभग 25 तरह की बीमारियों को रोका जा सकता हैं।
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आइए जानते हैं टीकाकरण से संबंधित कुछ जरूरी बातें
- लोग समझते हैं कि टीका सिर्फ बच्चों को यानि कि 18 साल से कम उम्र के बच्चों को लगता है। जबकि ऐसा नहीं है। 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए भी टीकाकरण उतना ही जरूरी है। 65 साल से ज्यादा की उम्र के जो लोग डायबीटिज और हार्ट पेशेंट के मरीज होते हैं उनके लिए भी टीकाकरण जरूरी है।
- हर दस साल बाद टेटनस टॉक्साइड का टीका लगवाना चाहिए और हर पांच साल बाद एक एक्सट्रा डोज लेनी चाहिए।
- 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को हरपस जस्टर की खासी जरूरत पड़ती है। यह बुजुर्ग लोगों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को दिया जाता है। इसको लेने का कारण तनाव और चोट जैसे आदि कारण होते हैं। इसके अलावा शरीर के किसी एक हिस्से में दर्द या छाले के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है।
- 18 साल से अधिक के सभी लोगों को हैपेटाइटस बी की जरूरत पड़ती है। हेपाटाइटिस बी वायरस के काऱण होने वाली एक संक्रामक बीमारी है। यह बीमारी लीवर को भी प्रभावित करती है। इसके कारण लीवर में सूजन और जलन पैदा होती है जिसे हेपाटाइटिस कहते हैं। आज के वक्त में एक भारी संख्या में लोग इस बीमारी के शिकार हैं।
- जो लोग समयनुसार टीके लेते रहते हैं वे लोग अन्य लोगों की तुलना में कम बीमार पड़ते हैं।
- साथ ही टीकाकरण से दिल के रोगियों और डायबिटिक को बीमारियों और जानलेवा स्थितियों से बचने में मदद मिलती है।
- गर्भवती महिलाओं को भी टीके की जरूरत पड़ती है। इससे मां और बच्चा दोनों स्वस्थ रहते हैं।
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