वर्ल्‍ड लीवर डे : 'ज्यादा देर बैठना लीवर के लिए हो सकता है खतरा'

लीवर हमारे शरीर का सबसे अहम अंग है। एक लीवर ही ऐसा अंग है जो हमारे शरीर को सुचारू रूप से संचालित करने में मदद करता है।
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वर्ल्‍ड लीवर डे : 'ज्यादा देर बैठना लीवर के लिए हो सकता है खतरा'


लीवर हमारे शरीर का सबसे अहम अंग है। एक लीवर ही ऐसा अंग है जो हमारे शरीर को सुचारू रूप से संचालित करने में मदद करता है। लीवर हमारे शरीर के लिए कई तरह से काम करता है ​इसलिए इसके संक्रमित होने का खतरा भी ज्यादा रहता है। लीवर हमारे शरीर में खून साफ करने के साथ ही विषैले पर्दाथों को भी बाहर निकालता है। इतना ही नहीं लीवर जरूरी विटामिन और मिनरल के अवशोषण का भी काम करता है।

कई बार अपने काम के दौरान लीवर कई बेहद जहरीले पर्दाथों के संपर्क में आ जाता है। जिसके चलते उसकी सेहत और कार्यक्षमता पर असर पड़ना लाजमी है। इनके आलावा लीवर पाचन क्रिया के लिए जरूरी एंजाइम्स का निर्माण करने और विटामिन बी12, ग्लूकोज और आयरन आदि को जमा करने का भी काम करता है। जानकार मानते हैं कि अपने काम के दौरान लीवर को कई प्रकार से संक्रमण का खतरा होता है, जिससे बीमारियां होने की आशंका बनी रहती है। आज हम आपको बताएंगे कि ऐसी कौन सी बीमारियां हैं जो लीवर के लिए श्राप साबित हुई है।

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जसलोक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट डॉक्टर जयश्री शाह का कहना है कि जो लोग मोटापे और डायबिटीज के शिकार हैं वे अगर 5 घंटे लगातार बैठते हैं तो उनमें फैटी लीवर होने के चांस ज्यादा बढ़ जाते हैं। ऐसे लोगों को काम के दौरान हर 1 घंटा बैठने के बाद 5 से 10 मिनट तक घूमना चाहिए। जबकि काम से इतर ऐसे लोगों को रोजाना करीब 1 घंटा एरोबिक्स करना चाहिए। जिसमें वॉक करना और जॉगिंग खास है। इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति ऐसा है जो मोटापे के साथ डायबिटीज का शिकार है और साथ में शराब का सेवन भी करता है तो ऐसे लोगों में आम लोगों की तुलना में लीवर कैंसर होने का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है।

नई दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टर विवेक विज का कहना है 'मानव शरीर में लीवर एक बंद ताले की चाबी की तरह काम करता है। हम लोग जो खाते हैं, जो पीते हैं यहां तक कि दवाईयों को भी अच्छी तरह शरीर में पहुंचाने की क्रिया में भी लीवर का बहुत बड़ा हाथ है। स्वस्थ रहने के लिए लीवर को कल्पना को बाहर रखना मुमकिन नहीं है। लीवर शरीर का एक ऐसा अंग है जो पूरे शरीर को बांध कर रखता है। शरीर को आसानी से प्रभावित करने वाले वाइरस, विषैले पदार्थ व दूषणकारी पदार्थों का भी लीवर सफाया करता है। हालांकि इन सब के बावजूद लोग लीवर को लेकर जागरूक नहीं रहते हैं। जबकि लीवर की महत्ता को देखते हुए लोगों को लीवर सुरक्षा को लेकर काफी गंभीर होने की जरूरत है।'

गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट और हेपेटोबिलीरी साइंस विभाग के डायरेक्टर और एचओडी, गुड़गांव के फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टर गौरदास चौधरी कहते हैं 'आज के समय में होने वाले कैंसरों में लीवर कैंसर का प्रकोप पांचवे नंबर पर है। आज के समय में विज्ञान और तकनीक जिस गति से आगे बढ़ रही है उसके चलते लोगों को लीवर कैंसर और लीवर की अन्य समस्याओं से बचाया जा रहा है। सतर्क रहकर और नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच कराने से लीवर कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों का पता लगाने में मदद मिल सकती है। स्वस्थ लीवर के मुकाबले जिन लोगों को लीवर संबंधित तरह—तरह के रोग होते हैं उन्हें लीवर कैंसर होने के चांस ज्यादा रहते हैं। हेपेटाइटिस बी और सी की जांच कर और अन्य तरह से लीवर की देखभाल कर लीवर कैंसर जैसे खतरनाक रोग से बचा जा सकता है।'

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लीवर समस्याओं से बचने के उपाय


हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी और ई के साथ ही फैटी लीवर और लीवर सिरोसिस आदि ऐसी सामान्य बीमारियां हैं जो लीवर को प्रभावित करती हैं। ऐसे में इन बीमारियों से विशेष रूप से बचना चाहिए। मोटापा और शराब, लीवर के 2 बड़े शत्रु हैं। अगर किसी व्यक्ति ने अपने मोटापे पर नियंत्रण पा लिया और शराब का सेवन बंद कर दिया तो वह कभी लीवर की समस्या से परेशान नहीं हो सकता है। मोटापा बढ़ने पर लिवर का अल्ट्रासाउंड कराना चाहिए। अगर किसी का फैटी लीवर या लीवर की कोई और समस्या महसूस हो रही है तो उसे तुरंत डॉक्टर को दिखा कर दवाओं का सेवन करना चाहिए।

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