हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) एक ऐसी स्थिति है, जिसका शरीर पर गहरा प्रभाव पड़ता है। हाई बीपी के कारण शरीर में कई दूसरी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। हाई ब्लड प्रेशर कभी-कभी जानलेवा परिणाम भी दे सकता है। गंभीर हृदयाघात के 24%, इस्केमिक हृदय रोग के 16%, कार्डियोवस्कुलर रोगों के 21% और स्ट्रोक के 29% मामलों में हाई ब्लड प्रेशर मुख्य जिम्मेदार होता है। भारत जैसे देश में पिछले कुछ वर्षों से हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी काफी बढ़ गई है। चिकित्सकों का अनुमान है कि भारत की कुल जनसंख्या का एक-तिहाई हिस्सा जल्द ही इस संभावित घातक स्थिति की चपेट में आ जाएगा। लोगों को हाई ब्लड प्रेशर के बारे में जागरूक करने के लिए ही हर साल 17 मई को World Hypertention Day मनाया जाता है। इस वर्ष World Hypertention Day का विषय ’Know Your Number’ है। इसका अर्थ है कि इस वर्ष लोगों को इस बारे में जागरूक किया जाएगा कि वो अपने ब्लड प्रेशर पर नजर रखें।
जागरूकता की कमी
हाई ब्लड प्रेशर एक साइलेंट किलर बीमारी है, क्योंकि ज्यादातर लोगों में इसका कोई बाहरी लक्षण या संकेत नहीं दिखता है। नियमित सिरदर्द, सांस की तकलीफ, चक्कर आना, अंगों का फड़कना और प्रतिकूल स्थितियों में नाक बहना आदि कुछ ऐसे मामूली लक्षण हैं, जिन पर लोग ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं। मगर ये सभी लक्षण हाई ब्लड प्रेशर की शुरुआत में नजर आ सकते हैं। 'पीएलओएस मेडिसिन' के एक हालिया अध्ययन के अनुसार, लोगों में हाई ब्लड प्रेशर के मामले बढ़ रहे हैं मगर लोग इसके बारे में जागरूक नहीं हैं। उच्च रक्तचाप से पीड़ित आधे से अधिक व्यक्ति इससे अनजान हैं। भारत में होने वाली 10.8% से ज्यादा मौतों का कारण हाई ब्लड प्रेशर है। इन आंकड़ों के बावजूद यह आश्चर्य की बात है कि आम जनता के बीच इस स्थिति के बारे में बहुत कम जागरूकता क्यों है!
इसे भी पढ़ें:- प्रेग्नेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर कितना खतरनाक होता है?
हाई ब्लड प्रेशर का कारण
हाइपरटेंशन के मामलों में लगभग 90-95 फीसदी प्राइमरी हाई ब्लड प्रेशर होता है, जहां इसका कोई स्पष्ट कारण नहीं होता है। लेकिन कई बार आनुवंशिक कारणों और लाइफस्टाइल के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। भोजन में नमक की अधिक मात्रा, तंबाकू का सेवन, धूम्रपान (सिगरेट-बीड़ी का सेवन), स्लीप एपनिया (नींद के दौरान ऑक्सीजन का निम्न स्तर) आदि प्राइमरी हाई ब्लड प्रेशर के लिए जिम्मेदार कुछ प्रमुख कारण हैं। पिछले कुछ वर्षों में जीवनशैली में बदलाव के कारण हाई ब्लड प्रेशर तेजी से बढ़ा है। ऐसा संभव है कि व्यक्ति में किसी तरह के लक्षण पहचान में न आएं, लेकिन वो प्राइमरी हाई ब्लड प्रेशर का शिकार हो।
युवाओं में हाई ब्लड प्रेशर का ज्यादा खतरा
कम उम्र वालों को भी हाई ब्लड प्रेशर जकड़ रहा है। भारत में युवा लोगों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या तेजी से बढ़ रही है। कार्डियोलॉजिकल सोसायटी ऑफ इंडिया (सीएसआई) के 70 वें वार्षिक सम्मेलन में प्रस्तुत शोध के अनुसार, भारत में हर 5 में से 1 युवा हाई ब्लड प्रेशर का शिकार है। चूंकि ज्यादातर मामलों में कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं, इसलिए इसका पता शुरुआत में नहीं चलता है। युवाओं को अपने ब्लड प्रेशर पर नजर रखनी चाहिए, ताकि सही समय पर इसका इलाज किया जा सके।
इसे भी पढ़ें:- विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दिए गंभीर बीमारी 'डिमेंशिया' से बचाव के टिप्स, आप भी जानें
जागरूकता से संभव है बचाव
किसी भी रोग से बचाव के लिए पहली शर्त जागरूकता है। हाई ब्लड प्रेशर से बचाव के लिए भी जागरूकता बहुत जरूरी है। भागमभाग वाली जीवनशैली जी रहे युवाओं और ऐसे लोग जिनके परिवार में पहले से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, आवश्यक है कि वे सतर्क रहें और नियमित रूप से अपने रक्तचाप के स्तर पर नजर रखें। अगर आपको यह पता होगा कि आपका ब्लड प्रेशर बढ़ रहा है, तो आप इससे बचाव के लिए सही इलाज या रोकथाम के लिए जीवनशैली में बदलाव कर सकते हैं। यही कारण है कि इस साल World Hypertention Day का विषय ’Know Your Number’ रखा गया है।
- विशाल फंसे, सीईओ, पीरामल स्वास्थ्य
Read More Articles On Other Diseases in Hindi
Read Next
हाई ब्लड प्रेशर को आसानी से कंट्रोल कर सकते हैं, बस अपनाएं ये 7 उपाय और जिंदगी भर रहें स्वस्थ
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version