जूते पहनने का शौक है तो, शौक को जरूरत तक ही सीमित रखिये। कहीं ऐसा ना हो कि आपके जूते घर में बीमारियों के जनक बन जाएं। एडी फटने की समसस्या हो रही है तो इसे दूर करने के लिए दिनभर जूते न पहनें। अगर आप भी हमेशा जूते पहनकर रहते हैं और घर में भी आने के बाद पूरे घर में जूते पहनकर घूमते हैं तो यह बीमारियों के कारण बन सकते हैं। क्योंकि आपके जूते की तली में कई ऐसे बैक्टीरिया होते हैं जो बीमारी का कारण बन सकते हैं। आइए इस लेख में इन बैक्टीरिया और इनसे होने वाली बीमारी के बारे में जानते हैं।
शोध के अनुसार
हॉस्टन यूनिवर्सिटी की रिसर्च के अनुसार 40 प्रतिशत सी. डिफ्इसील नाम के बैक्टीरिया जूतों के नीचे सोल में मौजूद होते हैं। सबसे मुश्किल बात है कि आप इन बैक्टीरिया के खिलाफ कितने भी प्रतिरोधक दवाईयों का उपयोग कर लेते हैं तो भी ये बैक्टीरिया नहीं मरते। ये बैक्टीरिया खाने के साथ रिएक्ट कर शरीर के अंदर जाते हैं। ये बैक्टीरिया का सबसे ज्यादा दूषित पानी को करते हैं। ये बैक्टीरिया डायरिया फैलाते हैं।
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एक महीने तक रहते हैं ये बैक्टीरिया
इंगलैंड जर्नल ऑफ इंगलैंड में हाल ही में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार हर साल कम से कम पांच लाख से अधिक लोग इस बैक्टीरिया की चपेट में आते हैं। हॉस्पीटल में आने वाले मरीजों में से 35 प्रतिशत मरीज इस बैक्टीरिया से बीमार होते हैं। ये खुद सोचने वाली बात है कि हम जूते पहनकर कहां-कहां जाते हैं तो उससे गंदे जीवाणुओं के संपर्क में आना जाहिर सी बात है। खासकर सड़कों पर जानवरों और चीड़ियों के किए हुए अपशिष्ट पदार्थ में ये बैक्टीरिया अधिक बैठते हैं जिसके आस-पास से निकलने पर ये जूते-चप्पलों में चिपक जाते हैं जो कम से कम तीस से चालीस दिनों तक जूतों में चिपके रहते हैं चाहे आप इन्हें कितना भी साफ कर लें ये समाप्त नहीं होते।
इन बैक्टीरिया से बचने का एक ही उपाय है कि घर से बाहर ही जूते-चप्पलों को उतार दें। घर में जूते-चप्पल पहनकर न घूमें।
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