
सभी माता-पिता अपने बच्चे को स्वस्थ देखना चाहते हैं। कोई भी उन्हें पतला या ज्यादा मोटा देखना नहीं चाहता है। हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाते हुए भी कई बच्चे ऐसे होते हैं, जो बेवजह मोटापे के शिकार होते हैं। आप अपने बच्चों के बढ़ते कमर को लेकर चिंतित हैं, तो अपने मोटापे के स्तर को जिम्मेदार मानिए। एक नए अध्ययन में सामने आया है कि बच्चे करीब 35 से 40 फीसदी अपने माता-पिता के शरीर के बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) से मोटापा विरासत में पाते हैं।
यह इस पर निर्भर करता है उनके माता पिता कितने दुबले या मोटे हैं। शोध के निष्कर्षो से पता चलता है कि ज्यादा मोटापे वाली श्रेणी के बच्चे, जिनमें यह अनुपात 55-60 फीसदी तक बढ़ जाता है। इनमें यह प्रवृत्ति अनुवांशिक या परिवार के वातावरण से निर्धारित होती है।
इसके विपरीत माता-पिता का प्रभाव सबसे दुबले बच्चे में सबसे कम पाया गया। इसके उलट सबसे ज्यादा मोटे बच्चे में यह प्रभाव सबसे ज्यादा रहा। सबसे दुबले बच्चे का बीएमआई 10 फीसदी उसकी माता के कारण और 10 फीसदी उसके पिता की वजह से रहा। इसके उलट सबसे मोटे बच्चे में माता और पिता प्रत्येक की वजह से 30 फीसदी के करीब रहा।
ब्रिटेन के ससेक्स विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पीटर डोल्टन ने कहा, “यह दिखाता है कि मोटापा ग्रसित माता-पिता के बच्चों के बड़े होने पर मोटे होने की संभावना ज्यादा रहती है, माता-पिता का प्रभाव दुबले बच्चों की तुलना में मोटापे वाले बच्चों में दोगुने से ज्यादा होता है।”
यह शोध पत्रिका ‘इकोनोमिक्स एंड ह्यूमन बायोलॉजी’ में प्रकाशित किया गया है।
News Source- IANS
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