
सर्दियों के दिनों में लगातार गिरते तापमान की वजह से लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ठंडी हवाएं, सुबह और रात के समय कोहरा, दिन में हल्की धूप और कभी बारिश से ठंड बढ़ने पर लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। "घर से बाहर जाएं और थोड़ी ताजी हवा लें"- आपके आसपास मौजूद लोग कई बार आपको ऐसा करने की सलाह देते हैं। सुबह के समय ताजी हवा लेना सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। लेकिन सर्दियों में ऐसा करना थोड़ा मुश्किल होता है क्योंकि ठंड के कारण सांस लेने में तकलीफ होती है।
आप सर्दियों में सुबह ठंडी हवा में टहलने के लिए घर से बाहर निकलते हैं और ठंडी हवा का लुत्फ उठाते हैं और टहलते समय रास्ते में आप सांस लेने में परेशानी और झुनझुनाहट महसूस करते हैं। सर्दियों के मौसम में ऐसा होना सामान्य है। कुछ लोगों को सांस में तकलीफ या सीने में जकड़न भी महसूस होती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों होता है?
ठंडी और शुष्क हवाएं (Cold and Dry Air)
वास्तव में ऐसा ठंडी और शुष्क हवाओं की वजह से होता है। इससे आपके सांस लेने और फेफड़ों में जलन होती है। जब आप ठंडी हवा को सांस के द्वारा अपने फेफड़ों के अंदर लेते हैं, तो इससे श्वांसनली में सूजन आ जाती है, जिससे नली ब्लॉक हो जाती है। इससे आपको सांस लेने में दिक्कत होती है। साथ ही इससे सीने में जकड़न और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या भी हो सकती है।
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नाक करती है ठंडी हवा को गर्म
वातावरण की ठंडी हवा को जब आप सांसों के जरिए अंदर खींचते हैं, तो नाक के रास्ते से इस हवा का तापमान शरीर बढ़ा देता है, ताकि फेफड़ों को कोई तकलीफ न हो। इसके साथ ही हवा की शुष्कता (Dryness) को कम करने के लिए नाक इसमें जरूरी नमी भी पैदा करती है। लेकिन अगर आप सर्द मौसम में देर तक रहते हैं, तो नाक इतनी हवा को गर्म करने में सक्षम नहीं होती है, जिसके कारण आपके फेफड़ों में ठंडी हवा पहुंचने लगती है और आपको तकलीफ होती है। हमारे फेफड़े गर्म हवा के निश्चित स्तर को संभालने का काम करते हैं। जब हवा के तापमान में मामूली सा बदलाव होता है, तो इससे सांस लेने के रास्ते में जलन और दर्द होता है। यदि आप ठंडे वातावरण के प्रति संवेदनशील हैं तो इसका प्रभाव गंभीर भी हो सकता है।
नाक से भी खून आता है
सर्दियों में कई लोगों की नाक से खून भी आता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ठंडी हवा की वजह से नाक से सांस लेने का रास्ता शुष्क हो जाता है। नमी की कमी के कारण कोशिकाएं फट जाती हैं और उनसे खून आने की समस्या होती है। ऐसे में आप अपने नाक के रास्ते की नमी को बनाए रखने के लिए मरहम का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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सर्दी की ठंडी हवा से बचने के उपाय
मुंह से सांस लेने की बजाए अपनी नाक से सांस लेने की कोशिश करें क्योंकि आपकी नाक हवा को आपके फेफड़ों तक पहुंचाने से पहले गर्म कर देती है, जिससे फेफड़ों को तकलीफ नहीं होती है।
सर्दियों में बाहर निकलने से पहले अपने मुंह और नाक को स्कार्फ की मदद से अच्छे से ढक लें। ऐसा करने से ठंडी हवा आपके नाक के संपर्क में आने से पहले ही थोड़ा गर्म हो जाएगी।
यदि आप ठंडे वातावरण या ठंडे तापमान के प्रति संवेदनशील हैं तो बाहर कसरत करने, घूमने या बाइक चलाने से बचें। ऐसे समय में आप जरूरी हो, तभी यात्रा करें और घर पर ही इनडोर एक्सरसाइज, योगासन आदि कर सकते हैं। यदि आप अस्थमा या किसी अन्य फेफड़ों संबंधी बीमारी से पीड़ित हैं, तो आपको अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है। ध्यान दें फेफड़ों, नाक और सांस की तकलीफ होने पर देरी कई बार गंभीर हो सकती है। इसलिए मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। अस्थमा के रोगियों को इस मौसम में घर से बाहर कम से कम निकलने की सलाह दी जाती है।
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