क्यों होते हैं लोग अपेंडिक्स के शिकार? जानें इसके प्रभावी कारण और शुरुआती लक्षण

अपेंडिक्स या अपेंडिसाइटिस पेट की आंतों के बीच एक टुकड़े को कहा जाता है। यह मांस का टुकड़ा 2 से 4 इंच का होता है। इसे डॉक्टरी भाषा में एपिन्डिसाइटिस भी कहते हैं। आमतौर पर पेट में तेज दर्द ही इसका प्रमुख लक्षण है। ये दर्द तब ज्यादा तेज होता है जब आंत से मल नहीं निकल पाता। इसके कारण अपेंडिक्स ब्लॉक हो जाता है। मरीज के लिए ही नहीं डॉक्टरों के लिए भी एक समस्या है क्योंकि इसका इलाज इतना आसान नहीं।
  • SHARE
  • FOLLOW
क्यों होते हैं लोग अपेंडिक्स के शिकार? जानें इसके प्रभावी कारण और शुरुआती लक्षण


अपेंडिक्स या अपेंडिसाइटिस पेट की आंतों के बीच एक टुकड़े को कहा जाता है। यह मांस का टुकड़ा 2 से 4 इंच का होता है। इसे डॉक्टरी भाषा में एपिन्डिसाइटिस भी कहते हैं। आमतौर पर पेट में तेज दर्द ही इसका प्रमुख लक्षण है। ये दर्द तब ज्यादा तेज होता है जब आंत से मल नहीं निकल पाता। इसके कारण अपेंडिक्स ब्लॉक हो जाता है। मरीज के लिए ही नहीं डॉक्टरों के लिए भी एक समस्या है क्योंकि इसका इलाज इतना आसान नहीं। और तो और इसमें यह सुनिश्चित करना भी कठिन होता है कि दर्द अपेंडिक्स का है भी या नहीं। इस बीमारी के लक्षण अन्य बीमारियों से मिलते-जुलते हैं इसलिए कई बार इलाज में देरी होने के कारण ये बीमारी काफी गंभीर रूप ले लेती है। अपेंडिक्स के इन शुरुआती लक्षणों को जानकर इसका सही समय से इलाज करवाया जा सकता है। अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन की मदद से अपेंडिक्स का पता आसानी से लगाया जा सकता है।

कैसे होता है अपेंडिक्स का दर्द

अपेंडिक्स छोटी और बड़ी आंत के मिलने वाले स्थान पर होता है। ये दो से चार इंच का होता है। इसका एक सिरा खुला रहता है और दूसरा सिरा बंद रहता है। कई बार भोजन का कोई कण इसमें चले जाता है जो दूसरे सिरे के बंद होने के कारण निकल नहीं पाता। और फिर यहीं से शुरू होता है अपेंडिक्स का दर्द। कई बार इसमें मल के फंस जाने से संक्रमण भी हो जाता है। इस स्थिती में अपेंडिक्स में सूजन आ जाती है। इस स्थिती में ऑपरेशन नहीं किया गया तो ये मवाद का रूप ले लेता है जो फट जाने पर पूरे पेट में फैल जाता है। जिससे पूरे पेट में संक्रमण हो जाता है। यह स्थिती बहुत ही गंभीर हो जाती है जिससे व्यक्ति की जान को भी खतरा रहता है।

इसे भी पढ़ें : सर्दियों में बढ़ जाती हैं त्वचा इंफेक्शन की समस्याएं, इन 4 टिप्स से करें बचाव

क्या हैं इसके होने के कारण

इसके मुख्य कारण होते हैं लम्बे समय तक कब्ज़ का रहना, पेट में पलने वाला परजीवी व आंतों के रोग इत्यादि से अपेंडिक्स की नाली में रुकावट आ जाती है। ऐसे भोजन का सेवन करना जिसमें रेशा बहुत ही कम या बिल्कुल न हो, भी इस समस्या को निमंत्रण दे सकता है। जब यह अपेंडिक्स में लगातार रुकावट की स्थिति बनी रहे तो सुजन और संक्रमण के बाद यह फटने की स्थिति में हो जाती है फिर तो यह बहुत ही भयावह हो सकता है।

अपेंडिक्स के लक्षण

यह दर्द पेट के दाएं भाग में नीचे की तरफ होता है। इस स्थान पर छूने से रोगी को तीव्र दर्द होता है। यहां तक की दायां पैर आगे बढ़ाने तक से रोगी का दर्द बढ़ सकता है। ऐसे में रोगी की नब्ज तेज चलती है और उसे तेज बुखार भी हो सकता है।ऐसी स्थिति में अगर उचित उपचार न मिले तो पेट के दाएं भाग में गोला बन सकता है अथवा अपेंडिक्स फट भी सकता है। पेट में बना हुआ गोला तो तीन-चार सप्ताह से सामान्य हो जाता है परन्तु अपेंडिक्स फटने से पेट की झिल्ली भी संक्रमित हो जाती है, जो कि एक गंभीर स्थिति है। चिरकालिक अपेंडिक्स शोध के लक्षण प्रायः भ्रमित करने वाले होते हैं। इसमें हल्का-हल्का पेट दर्द होता है जो खाने-पीने के कारण नहीं होता है। दर्द बहुत बढ़ जाने पर ऑपरेशन आवश्यक हो जाता है।

क्या है अपेंडिक्स का इलाज

अपेंडिसाइटिस का इलाज सर्जरी के द्वारा किया जाता है। पेट को इंफेक्शन से बचाने के लिए कुछ एंटीबायोटिक्स का सहारा लिया जाता है। समय से इलाज न करने से अपेंडिक्स में इंफेक्शन के साथ-साथ मवाद आ सकता है जिससे समस्या बढ़ सकती है। अगर मवाद आ गई है तो पहले मवाद को सुखाया जाता है फिर सर्जरी की जाती है। इसके संक्रमण की जांच के लिए खून की जांच की जाती है। इससे बचाव के लिए आपको फाइबरयुक्त आहार लेना चाहिए और नियमित व्यायाम करना चाहिए।

ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप

Read More Articles On Other Diseases In Hindi

Read Next

सर्दियों में बढ़ जाती हैं त्वचा इंफेक्शन की समस्याएं, इन 4 टिप्स से करें बचाव

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version