पीरियड्स के समय महिलाओं को कई तरह के लक्षण महसूस होते हैं। इस दौरान महिलाओं की स्किन और बालों पर भी कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं। महिलाओं को हर महीने पीरियड्स से गुजरना पड़ता है। दरअसल, यह महिलाओं के शरीर में होने वाली एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है। इस दौरान महिलाओं के शरीर के हार्मोन में उतार-चढ़ाव होता है, जिसका सीधा असर उनके मूड और शारीरिक क्रियाओं पर पड़ता है। हार्मोन का प्रभाव बालों और स्किन को रूखा बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। हेयर और स्किन एक्सपर्ट रिया वशिष्ट से जानते हैं कि पीरियड्स के दौरान महिलाओं के स्किन और बाल किन कारणों से ड्राई होते हैं।
पीरियड्स के दौरान स्किन और बाल ड्राई होने के कारण - Causes Of Dry Skin And Hair During Periods In Hindi
हार्मोनल बदलाव होना
पीरियड्स के दौरान महिलाओं के हार्मोन में तेजी से बदलाव होता है। जिसका प्रभाव उनके बालोंं और त्वचा पर पड़ता है। पीरियड्स के दौरान, एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का स्तर अलग-अलग होता है, जो शरीर के प्राकृतिक नमी व संतुलन को प्रभावित करता है। एस्ट्रोजन के स्तर में कमी से सीबम उत्पादन कम हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप त्वचा और बाल शुष्क हो जाते हैं।
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डिहाईड्रेशन होना
पीरियड्स के दौरान वाटर रिटेनशन की समस्या हो सकती है। लेकिन, इस समय कुछ महिलाओं को ज्यादा पसीना आता है, ऐसे में महिलाओं को डिहाईड्रेशन की समस्या हो सकती है। पानी की कमी के कारण स्किन और बालों में रुखापन हो सकता है। इसके लिए महिलाओं को पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए।
आयरन की कमी
पीरियड्स में महिलाओं में आम तौर पर आयरन की कमी, त्वचा और बालों में रूखेपन को बढ़ा सकता है। आयरन सेल्स के कार्य के लिए आवश्यक होता है, जिसमें बालों की ग्रोथ और त्वचा के स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार कोशिकाएं भी शामिल हैं। जब आयरन का स्तर कम होता है, तो त्वचा और बालों के रोम को ऑक्सीजन और पोषक तत्वों सही तरह से नहीं मिल पाता है। जिसकी वजह से बाल टूटने, झड़ने और सूखापन हो सकता है।
स्ट्रेस का बढ़ना
पीरियड्स में हार्मोनल बदलाव, शारीरिक परेशानियां के कारण स्ट्रेस में वृद्धि हो सकती है। स्ट्रेस कोर्टिसोल के स्राव को बढ़ाता है, इसकी वजह से त्वचा और बालों पर प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा स्ट्रेस की वजह से शरीर में सूजन हो सकती है। सूजन सीबम उत्पादन को कम कर सकती है। जिसकी वजह से बाल और त्वचा ड्राई हो सकती है।
पीएच लेवल में बदलाव
हार्मोनल बदलाव की वजह से स्कैल्प और त्वचा के पीएच लेवल में तेजी से बदलाव हो रहा है। इससे पीएच संतुलन में प्रभाव पड़ता है। पीएच लेवल में बदलाव की वजह से नेचुरल बालों और त्वचा में तेजी से रूखापन होता है।
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पीरियड्स के दौरान होने वाले बदलावों से बचने के लिए महिलाएं योग कर सकती है। इससे हार्मोन का स्तर सही बनाने में मदद मिलती है। साथ ही, मूड स्विंग से बचाव होता है। इसके अलावा, इस समय महिलाओं को पर्याप्त मात्रा पानी पीना चाहिए।