
हर साल मलेरिया के कहर से जूझते देशों की समस्या को देखते हुए डब्लूएचओ ने इसके खिलाफ कमर कस ली है और 2020 तक 21 देशों को मलेरिया मुक्त करने का लक्ष्य रखा है।
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि वर्ष 2020 तक 21 देश मलेरिया मुक्त हो सकते हैं. विश्व मलेरिया दिवस पर प्रकाशित एक रिपोर्ट में डब्ल्यूएचओ ने अपने 2016-2030 के कार्यक्रमों में से एक लक्ष्य कम से कम 10 देशों से इस बीमारी को खत्म करना है। इन देशों में अफ्रीका के छह देश और भारत के चार पड़ोसी देश भूटान, चीन, नेपाल और मलेशिया को भी शामिल किया है।
लक्ष्य
डब्ल्यूएचओ ने इस लक्ष्य के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने का मतलब है कि किसी देश में वर्ष 2020 से पहले कम से कम एक साल तक इसका कोई भी मामला नहीं मिलना चाहिए। इस लक्ष्य में अफ्रीका के छह देशों सहित 21 देशों को शामिल किया गया है। क्योंकि डब्लूएचओ के अनुसार इन देशों पर इस बीमारी का सबसे अधिक बोझ है।
डब्ल्यूएचओ के वैश्विक मलेरिया कार्यक्रम के निदेशक प्रेडो अलोंसो ने कहा, हमारी रिपोर्ट उन देशों को दर्शाती है जो मलेरिया उन्मूलन के रास्ते पर सही ढंग से बढ़ रहे हैं। अफ्रीका में मलेरिया अधिक तैजी से फैलता है जिस कारण यहां तत्काल अधिक निवेश करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जीवन बचाना हर हाल में हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।
ये हैं 21 देश
डब्ल्यूएचओ के रिपोर्ट में इन 21 देशों की बात की गई है-
अल्जीरिया, बेलीज, भूटान, बोत्सवाना, काबो वर्डे, चीन, कोमोरोस, कोस्टारिका, इक्वाडोर, अल-सल्वाडोर, ईरान, मलेशिया, मैक्सिको, नेपाल, पराग्वे, कोरिया गणराज्य, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका , सूरीनाम, स्वाजीलैंड और पूर्वी तिमोर।
Read more Health news in Hindi.
इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।