बुखार और शरीर में दर्द कोरोना वायरस का सबसे पहला और आम लक्षण है। इन लक्षणों के लिए एक प्रसिद्ध दवा है आयबूप्रोफेन (Ibuprofen), जिसे आम लोगों के साथ-साथ डॉक्टर्स भी काफी ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। आयबूप्रोफेन एक एंटी-इंफ्लेमेट्री ड्रग है, जिसे सूजन, दर्द आदि में काफी समय से इस्तेमाल किया जाता रहा है और ये लोगों के बीच काफी पॉपुलर रही है।
रिसर्च में दावा, Ibuprofen से खतरा
पिछले दिनों 'द लैंसेंट' नामक मेडिकल जर्नल में एक रिसर्च छपी, जिसमें दावा किया गया कि कोविड-19 इंफेक्शन में आयबूप्रोफेन दवा का सेवन करने पर एक खास एंजाइम बूस्ट हो जाता है, जिसके कारण संक्रमण बढ़ सकता है और मरीज की हालत पहले से और ज्यादा गंभीर हो सकती है। इसके बाद फ्रांस के हेल्थ मिनिस्टर ने भी एक ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को आयबूप्रोफेन न दें क्योंकि इससे कोरोना वायरस के लक्षण और ज्यादा गंभीर हो जाते हैं।
फ्रेंच हेल्थ मिनिस्टर के इस दावे के बाद बहुत सारे डॉक्टर्स और एक्सपर्ट्स ने अपनी राय रखी कि अभी तक उन्हें इस बात के कोई सुबूत नहीं मिले हैं कि आयबूप्रोफेन का इस्तेमाल कोरोना वायरस में खतरनाक हो सकता है। ऐसे में आम लोगों के साथ-साथ डॉक्टर्स भी कंफ्यूज हो गए कि उन्हें कोरोना वायरस के मरीजों को आयबूप्रोफेन दवा देनी चाहिए या नहीं। मगर हाल में ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने इन सभी शंकाओं को मिटाते हुए अपना पक्ष रखा है।
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आयबूप्रोफेन का इस्तेमाल न करें: WHO
जेनेवा में हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में रिपोर्टर्स के एक सवाल के जवाब में WHO के स्पोक्स पर्सन Christian Lindmeier ने कहा, "हम इस मामले में अभी और जानकारी जुटा रहे हैं। लेकिन तब तक के लिए हम यह सुझाव देते हैं कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज अगर अपने आप दवा रहे हैं, तो वो पैरासिटामॉल का इस्तेमाल करें, आयबूप्रोफेन का नहीं। यह बेहद जरूरी है। अगर आयबूप्रोफेन कई हेल्थ केयर प्रोफेशनल प्रेस्क्राइब करता है, तो हां, ये उसकी विशेषज्ञता के ऊपर है।"
Q: Could #ibuprofen worsen disease for people with #COVID19?
A: Based on currently available information, WHO does not recommend against the use of of ibuprofen. pic.twitter.com/n39DFt2amF — World Health Organization (WHO) (@WHO) March 18, 2020
बुखार और दर्द के लिए खुद से ले सकते हैं ये दवा
WHO के अनुसार निमोनिया जैसे लक्षण- बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द, शरीर दर्द और नाक से पानी पहने की स्थिति में अगर कोई व्यक्ति स्वयं से दवा लेना चाहे, तो वो सिर्फ और सिर्फ पैरासिटामॉल ले सकता है। इसके अलावा कोई अन्य दवा या तो उसे डॉक्टर्स दे सकते हैं या वो डॉक्टर की सलाह से ले सकता है।
यहां यह बता देना जरूरी है कि पैरासिटामॉल का इस्तेमाल बिना डॉक्टर की सहायता के बहुत ज्यादा नहीं करना चाहिए। अगर आप अपने से ले रहे हैं तो पैरासिटामॉल की एक टैबलेट लें और फिर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इसके बाद आपको इस दवा की कितनी डोज लेनी है और कितने बार लेनी है, ये डॉक्टर आपको बताएंगे। ध्यान दें- पैरासिटामॉल का ज्यादा इस्तेमाल लिवर को डैमेज कर सकता है।
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लगातार बढ़ रहा है कोरोना वायरस
आपको बता दें कि कोरोना वायरस पूरी दुनिया में लगातार तेजी से बढ़ रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार भारत में इस वायरस की चपेट में अब तक 359 लोग आ चुके हैं। इनमें से 7 मरीजों की मौत हो चुकी है और 23 मरीजों को पूरी तरह ठीक किया जा चुका है। भारत में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए 22 मार्च को 'जनता कर्फ्यू' वाले दिन कई अहम फैसले लिए गए। देशभर में मेट्रो और रेल सेवाएं बंद करने के अलावा दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, झारखंड, उत्तराखंड, नागालैंड, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि को 31 मार्च तक के लिए लॉक डाउन कर दिया गया है। इसके अलावा उत्तरप्रदेश और गोवा राज्यों में कुछ जिलों को लॉक डाउन किया गया है।
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